अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज गुरुग्राम में क्रीड़ा भारती की हरियाणा प्रांतीय इकाई की ओर से पैरालंपिक व ओलंपिक खेलों में पदक विजेता तथा प्रतिभागी खिलाड़ियों की माताओं के सम्मान में आयोजित वीर माता जीजा बाई प्रांत स्तरीय सम्मान समारोह में शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 में पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की माताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु द्रोण की नगरी गुरुग्राम में आयोजित माता जीजा बाई सम्मान समारोह खेल के क्षेत्र में माताओं की भूमिका का उत्सव है। देश-दुनिया में परचम लहराने वाले खिलाड़ियों की माताओं का सम्मान गौरव का विषय है।
उन्होंने कहा कि यह समारोह न केवल हमारे खिलाड़ियों के प्रति बल्कि उनकी माताओं के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हर बड़ी सफलता के पीछे माँ का हाथ होता है। ऐसी माताओं का सम्मान करना समाज की जिम्मेदारी है। इससे नई पीढ़ी को प्रेरित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने क्रीड़ा भारती की हरियाणा प्रदेश की इकाई को भी इस अनूठी पहल के लिए बधाई दी। साथ ही संस्था को 21 लाख रुपये की सहयोग राशि देने की घोषणा की।
नायब सिंह सैनी ने माताओं के ऐतिहासिक योगदान को याद दिलाते हुए कहा कि माता जीजा बाई, जिनके नाम से समारोह का आयोजन किया गया है, उन्होंने अपने बेटे छत्रपति शिवाजी महाराज को एक सच्चे योद्धा और नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार किया था। उनकी दूरदृष्टि और परिश्रम से देश को शिवाजी महाराज के रूप में ऐसा महान योद्धा मिला, जिसने उस समय स्वराज की नींव रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा खेल क्षेत्र में पूरे देश का गौरव बन चुका है। यहां के खिलाड़ी ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल स्तर के खेलों में हर जगह अपना परचम लहरा रहे हैं। खिलाड़ी राष्ट्र की धरोहर होता है। हमने इसी सोच के साथ हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाई है। उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021’ बनाये गए हैं। इसके तहत खेल विभाग में 550 नए पद बनाये गये। इसके अलावा, पदक विजेता 224 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी है। खिलाड़ियों को क्लास-वन से क्लास-टू तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सबसे अधिक नकद पुरस्कार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 298 खिलाड़ियों को मानदेय भी दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले पदक जीतने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। वर्ष 2014 से अब तक 29 हजार से अधिक छात्रों को 53 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। सरकार ने खिलाड़ियों को बचपन से ही तराशने के लिए खेल नर्सरियां खोली हैं। इस समय प्रदेश में 1,489 खेल नर्सरियां हैं। इनमें 37,225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन नर्सरियों में 8 से 14 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों और 15 से 19 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों को प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दी जा रही हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पेरिस ओलंपिक 2024 में 6 में से 5 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। पैरालम्पिक में भी देश को मिले 29 पदकों में से 8 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने हासिल किए। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक 2020 में हमारे प्रदेश के 30 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसमें भारत ने 7 पदक जीते थे, जिसमें से 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने हासिल किए थे। इसी तरह राष्ट्रमंडल खेलों में भी हरियाणा के खिलाड़ियों ने परचम लहराया। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 के दौरान हरियाणा के 43 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसमें हरियाणा के खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते। यह उपलब्धियां हरियाणा की दूरदर्शी खेल नीतियों का ही परिणाम हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ी को फिजिकल फिटनेस और खेल कौशल के साथ मानसिक संतुलन, अनुशासन और साहस की भी आवश्यकता होती है। इन गुणों को बच्चे में विकसित करने की शुरुआत उसकी मां से ही होती है। खिलाड़ी का पहला कोच उसकी मां होती है और मां से बड़ा कोई कोच नहीं होता है। जो मां सीखा सकती है वो दुनिया में दूसरा और कोई नहीं सिखा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने मेजर ध्यानचंद सम्मान सहित अर्जुन अवॉर्ड के लिए प्रदेश के कई खिलाड़ियों का नाम चयनित किया है। इसमें मनु भाकर सहित स्वीटी बूरा व अन्य कई नाम शामिल हैं।कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा की जनसंख्य़ा देश में दो प्रतिशत के बराबर है, बावजूद इसके खेल में पदक विजेताओं ने इसे नंबर वन बनाया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी का पदक न केवल परिवार को गौरवान्वित करता है बल्कि इससे पूरा समाज, प्रदेश और राष्ट्र का गौरव बढ़ता है।खेल राज्यमंत्री गौरव गौतम ने कहा कि सबसे निस्वार्थ रिश्ता मां का होता है। देश को गौरवान्वित करने वाले खिलाड़ियों की माताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना गौरव का विषय है। उन्होंने सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि बीते एक दशक में खिलाड़ियों के लिए 592 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह सरकार खिलाड़ियों व उनके परिजनों के हित के लिए प्रयासरत है। कार्यक्रम में गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल सैनी के अलावा अन्य गणमान्य सदस्य मौजूद रहे।
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