अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष कृष्ण अत्री के प्रयासों से हरियाणा के 13 जिलों को फायदा मिला है। अब एमडीयू में 13 जिलों के छात्रों को तीसरे सैमेस्टर में दाखिला लेने के लिए प्रथम सैमेस्टर में 50 प्रतिशत विषय में पास होना अनिवार्य नहीं है। जिला एनएसयूआई को एमडीयू के तुगलकी फरमान पर हैट्रिक जीत मिली है। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कृष्ण अत्री ने अपनी टीम के प्रयासों से मिली जीत पर खुशी व्यक्त की और उन्हें बधाई दी।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कृष्ण अत्री ने ओल्ड फरीदाबाद स्थित वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन सिंगला के कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस मौके पर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कृष्ण अत्री, यूथ कांग्रेस के ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा अध्यक्ष नितिन सिंगला, सुनील मिश्रा, कुनाल अधाना, विकास फागना, नरेश राणा सहित अनेक एनएसयूआई छात्र नेता मुख्य रूप से मौजूद थे। कृष्ण अत्री ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ने हाल ही में एक बार फिर से तुगलकी फरमान जारी कर दिया था जिसमें तीसरे सैमेस्टर में दाखिला लेने के लिए प्रथम सैमेस्टर में 50 प्रतिशत विषय में पास होना अनिवार्य था। एमडीयू के इस फरमान के खिलाफ एनएसयूआई ने 3 जुलाई से 14 जुलाई तक लगातार प्रदर्शन किया और साथ ही एमडीयू व जिला प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया कि यदि आगामी तीन दिन में उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह सत्याग्रह करेंगे। अत्री ने बताया कि एनएसयूआई के इस प्रयास के बाद एमडीयू ने 17 जुलाई की शाम को अपना नियम वापिस ले लिया। उन्होंने बताया कि एनएसयूआई की यह लगातार तीसरी बार जीत है। इससे पहले भी एमडीयू ने यह फरमान वर्ष 2015 और 2016 में भी जारी किया था, तब भी एनएसयूआई ने प्रदर्शन कर नियम को वापिस करवाया था।