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फरीदाबाद

फरीदाबाद : नगर निगम को अवैध निर्माण के एवज मिलनें वाले करोड़ों रूपए, मंत्रियों, विधायकों,पार्षदों, अधिकारीगणों ने अपने जेबों में ठूसा।

 

 अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 

फरीदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के वायदें जो आम जनता से किए थे, अब उनका यह वायदा उनके मंत्रियों, विधायकों, कई पार्षदों व अधिकारीगण कुचलतेँ हुए नजर आ रहे हैं जी हैं बात कर रहे सेक्टर -37, नेशनल हाइवे 2  के समीप  दिल्ली -फरीदाबाद रोड पर, करीब साढ़े तीन एकड़ जमीनों पर अवैध रूप से बन रहे शॉपिंग काम्प्लेक्स का जिसमें तक़रीबन 4 से 5 करोड़ों रूपए की लेन -देन की बात सामनें हैं, पर इस प्रकरण की जांच करेगा कौन, यह एक बड़ा सवाल हैं। लोगों  की मानें तो बन रहे इस निर्माण को कानूनी तौर तरीकें से बनाएं जातें तो नगर निगम को कई करोड़ का फायदा होता जो इन सत्ता पक्ष के नेताओं की वजह से निगम को नुक्सान हो रहा हैं।

ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सतबीर मान की मानें तो 12 /2 सेक्टर -37, एनएच 2 के समीप इंडस्ट्रीज की करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन हैं। जिस पर अवैध रूप से बिल्डरों के द्वारा शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाएं जा रहे हैं इसमें पहलें भी निगम ने कई बार इस जगह पर तोड़ फोड़ की कार्रवाई की गई थी और वहां एकाद बार निगम के कर्मियों के साथ झड़प भी हुई थी। वावजूद इसके यहां पर कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ातें हुए निर्माण कार्य जारी हैं। उनका  कहना हैं कि इसमें करीब 5 से 6 बिल्डर हैं जिसनें इस अवैध निर्माण के एवज में अदालत से स्टे लिए हुए हैं जिसकों निरस्त करानें की कोशिश नगर निगम ने अदालत में की गई हैं। बताया गया हैं कि उसकी तारीख 19 जुलाई 2017 को हैं, उनका कहना हैं कि यदि उनका स्टे निरस्त हो जाती हैं। इसके बाद वहां पर फिर से तोड़फोड़ की कार्रवाई अवश्य की जाएगी। हैरानी इस बात की हैं कि बन रहे अवैध निर्माण पर स्टे हैं  इसके वावजूद वहां पर खुलेआम अवैध  निर्माण का कार्य तेजी चल रहा हैं और इस कार्य को रोकनें की कोशिश किसी भी अधिकारी ने नहीं की। बन रहे अवैध निर्माण के प्रति शहर में चर्चा हैं कि मंत्री व पूर्व मंत्री के बीच अच्छी खासी सांठ -गांठ हैं और उसी मंत्री ने  अपनें विधायकों व पार्षदों को विधानसभा व नगर निगम के सदन में अपनी जुबान को बंद रखनें के बदलें में  उनके कद के हिसाब से पैसे दे दिए गए हैं। चर्चा हैं कि एक मंत्री को एक करोड़, विधायकों 20 -20 लाख रूपए व नाराज पार्षदों के खातें में 10 -10 लाख रूपयें बांटें गए हैं। यह भी बताया गया हैं कि एक आईएएस अधिकारी के खातें में भी तक़रीबन 40 लाख रूपए पहुंचें हैं दरअसल में जो खबर लिखी गई हैं उन सबका बाजार जोरों से गर्म हैं और atharva news चाहता हैं इस प्रकरण की बारिकी से जांच हो , जो लोग सरकार की छवि धुमिल कर रहे हैं उन मंत्रियों, विधायकों, पार्षदों व अधिकारीयों के ऊपर कानून का डंडा चलाएं जाए। मालूम हुआ हैं कि शुरूआती दौड़ में  उस जगहों पर  जो तोड़फोड़ हुई वह सिर्फ इस लिए की पूर्व मंत्री व उसका बेटा सत्ता पक्ष के लोगों की क़दमों को चूमें और जिससे उन लोगों का अपना उल्लू सीधा हो सकें जोकि तक़रीबन  मंत्रियों ,विधायकों ,पार्षदों व अधिकारीयों  का हो सका हैं और देखतें हैं आगे अदालत का क्या फैसला आता 19 जुलाई को और यह देख रहे हैं कि मुख़्यमंत्री मनोहर लाल खटटर इस मामलें किस तरह की जांच करवातें हैं या नहीं। इस मामलें में और कोई जानकारी आगे मिलती हैं तो कोशिश करेंगें उसकों भी प्रकाशित करने की। जय घोटाला।

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