अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला की टीम ने 17 साल से कापसहेड़ा दिल्ली से गुमशुदा 23 वर्षीय लड़के को उसके परिजनों से मिलवाने में सफलता प्राप्त की है। यह लड़का 17 साल पहले अपने परिजनों से बिछड़ गया था उस समय युवक की आयु 6 वर्ष की थी। इस युवक को स्टेट क्राइम ब्रांच की एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला की कड़ी मेहनत व संवेदनशीलता के चलते तलाश किया गया है। इसके लिए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी और भविष्य में भी इसी प्रकार लग्न के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
क्या था मामला
हरियाणा पुलिस एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट पंचकूला की टीम को आरिफ खान की गुमशुदगी के बारे में सूचना प्राप्त हुई। इस युवक की वर्तमान आयु 23 वर्ष है और यह 17 वर्ष पहले अपने परिवार से दिल्ली के कापसहेड़ा में बिछड़ गया था। यह युवक वर्ष 2008 में गुरूग्राम जिला में लावारिस हालत में मिला था और पिछले कई वर्षों से संस्था बालग्राम राई में रह रहा था। इस युवक ने आईटीआई पास की है और बीए फाइनल का विद्यार्थी हैं। एएचटीयू की टीम ने बाल ग्राम संस्था से युवक के बारे में सारी जानकारी एकत्रित की और इसके परिजनों को ढूंढने के प्रयास शुरू किए गए। हालांकि युवक को अपने घर के बारे में कुछ याद नही था। जांच के दौरान सामने आया कि गुमशुदा युवक आरिफ खान की गुमशुदगी की रिपोर्ट 12 जून 2008 को दिल्ली के कापसहेड़ा पुलिस थाने में दर्ज की गई है जिसके आधार पर युवक के परिजनों की तलाश शुरू की गई। अलग-2 स्थानों पर जाकर युवक के बारे में पूछताछ की गई और उसके परिजनों को ढूंढने के प्रयास किए गए। अंततः टीम को सफलता प्राप्त हुई और गुमशुदा युवक के परिजनों का पता लगाया गया। युवक के परिजन वर्तमान में संगम विहार, दिल्ली में रह रहे हैं। युवक के परिजनो से संपर्क करते हुए युवक से संबंधित सभी दस्तावेजों की पड़ताल की गई और युवक की वीडियो कॉल के माध्यम से पहचान करवाई गई। युवक की मां ने बताया कि युवक के माथे पर चोट का निशान है जोकि सही पाया गया।समस्त औपचारिकताएं पूरा करते हुए आज 24 मार्च 2025 को गुमशुदा युवक आरिफ को अपने माता-पिता से मिलवाया गया। युवक के पिता एहसान ने बताया कि आरिफ वर्ष 2008 में टॉफी लेने के लिए गया था उस दिन से वापस नहीं आया। कई जगह तलाश करने के बावजूद भी आरिफ को ढूंढा नही जा सका। आज आरिफ को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य अपराध शाखा ममता सिंह की उपस्थिति में उसके परिजनों से मिलवाया गया। 17 साल बाद अपने बेटे को पाकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं था। परिजनों का कहना था कि उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि उन्हें अपनी बेटा कभी वापस मिलेगा लेकिन एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम के सार्थक प्रयासों के चलते आरिफ को अपना खोया हुआ परिवार मिल गया। आरिफ के परिजनों ने इसके लिए हरियाणा पुलिस का कोटि-कोटि आभार जताया है। इस कार्य की प्रशंसा करते हुए एडीजीपी ममता सिंह ने संदेश दिया कि सभी परिजन अपने बच्चों का आधार कार्ड अवश्य बनवाएं और समय समय पर इसे अपडेट करवाते रहें।
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