अजीत सिन्हा/नई दिल्ली
किस्सा खाकी का दिल्ली पुलिस का एकमात्र ऐसा पॉडकास्ट है जो अपराध की कहानियों, रोकथाम की तकनीकों, और पुलिस कर्मियों की प्रेरणादायक कहानियों को उजागर करता है। इस पॉडकास्ट की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई थी और इसमें जटिल अपराधों को सुलझाने से लेकर सामाजिक जागरूकता फैलाने तक के कई विषयों को शामिल किया गया है। 150वें एपिसोड में एक युवा लड़के द्वारा अपने माता-पिता और बहन की हत्या की खौफनाक लेकिन महत्वपूर्ण कहानी को प्रस्तुत किया गया है, जो समाज में व्याप्त गहरे मुद्दों पर प्रकाश डालती है।
दिल्ली पुलिस ने अपने लीडिंग पॉडकास्ट “किस्सा खाकी का” के 150 एपिसोड पूरे होने की सफलता की घोषणा की। यह मील का पत्थर 16 जनवरी, 2022 को शुरू हुए एक उल्लेखनीय सफर को दर्शाता है। इस पॉडकास्ट को जनता और पुलिस के बीच की दूरी को कम करने के लिए एक मंच के रूप में तैयार किया गया था और इसे अपनी अनूठी कहानी कहने की शैली और प्रभावशाली कथाओं के लिए जल्दी ही पहचान मिली।
कहानियों के प्रकार और कहानी कहने की कला
किस्सा खाकी का ने पॉडकास्टिंग और कहानी कहने की दुनिया में अपनी एक अनूठी पहचान बनाई है। कहानियों का चयन पुलिस मुख्यालय में सख्त सत्यापन प्रक्रिया से गुजरता है। एपिसोड में निम्नलिखित श्रेणियां शामिल हैं जिसमे व्यक्तिगत उपलब्धियां, पुलिसकर्मियों के कर्तव्य से आगे बढ़कर किए गए कार्य, जटिल जांच की सूक्ष्मता के साथ अपराध की कहानियां, पुलिसिंग के सहानुभूतिपूर्ण पक्ष को दर्शाती मानव रुचि की कहानियां, पुलिसिंग का सहानुभूतिपूर्ण पक्ष और अपराध के लिए जागरूकता फैलाना।
प्रभाव और प्रासंगिकता
किस्सा खाकी का अपने दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ता है और केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रहता। यह दिल्ली पुलिसकर्मियों की समर्पण और साहस की कहानियों को उजागर कर कानून के पालन के प्रति प्रशंसा की भावना को बढ़ावा देता है। यह पॉडकास्ट श्रृंखला समाज में बातचीत को प्रोत्साहित करने, सामाजिक धारणाओं को चुनौती देने और श्रोताओं को ऐसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने के लिए सशक्त बनाती है। इसने सामाजिक जागरूकता बढ़ाई है और दर्शकों को सच्ची और रोमांचक कहानियों से जोड़ा है।
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