अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह को गत 25 अगस्त को पंचकुला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा साध्वी यौन शोषण प्रकरण मामले में दोषी ठहराये जाने के उपरान्त आज 28 अगस्त को दोपहर लगभग 2:30 बजे सम्बन्धित जिला कारागार रोहतक में ही न्यायाधीश का अस्थायी न्यायालय बनाये जाने के फलस्वरूप सजा का एलान होने के उपरान्त जिले में किसी भी प्रकार की अनहोनी, दंगे अथवा तोड़फोड़ जैसी अप्रिय घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को पूर्णतः सुदृढ़ व नियन्त्रण में रखने के लिए उपायुक्त समीरपाल सरो ने आज यहां लघु सचिवालय सैक्टर-12 स्थित अपने कार्यालय के सभाकक्ष में जिला के सभी सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारियों, डियूटी मैजिस्ट्रेट्स व पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त डा. हनीफ कुरैशी भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
उपायुक्त समीरपाल सरो ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिला के सम्बन्धित अधिकारियों ने जिस प्रकार गत 25 अगस्त को पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी डियूटी निभाई है। ठीक उसी प्रकार इस सम्बन्ध में सजा का एलान होने के उपरान्त जिले में किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटने के लिए वे सर्तक व तैयार रहें। जिले में उनकी ओर से धारा 144 लागू की हुई है जिसका नियमानुसार पालन सुनिश्चित किया जाये। किसी भी स्थान पर बेवजह लोगों की भीड़ न एकत्रित हो और लोग लाठी डंडे, बरछा, भाला, अग्नेयशस्त्र सहित किसी भी प्रकार का घातक हथियार न लेकर चलें। सभी सम्बन्धित अधिकारी रात को 9 बजे लेकर प्रातः बजे तक नाइट पैट्रोलिंग भी करें ताकि जिले में आम जन जीवन की सुरक्षा पुख्ता की जा सके।
श्री सरो ने कहा कि सरकार व न्यायालय के आदेशानुसार इस डेरा के नाम चर्चा घर आदि के पास भी भीड़ एकत्रित न हो। इसके अलावा सीकरी स्थित नाम चर्चा घर को प्रशासन द्वारा अपनी निगरानी में लेकर बैंक अकाउंट आदि को भी फिलहाल सीज रखा जाना है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस डेरे के नाम जिले में पट्टे या लीज पर ली हुई कोई जमीन हो, चल-अचल सम्पत्ति हो, इसके अलावा गाड़ियों आदि के रजिस्ट्रेशन हों तो उनका ब्योरा अपडेट रखें। इसके अलावा जिले में इस सम्बन्ध में किसी भी स्थान पर किसी प्रकार की अनैतिक अथवा अवैध गतिविधियों की जानकारी हो तो तुरन्त जिला प्रशासन को सूचित करें।
पुलिस आयुक्त डा. हनीफ कुरैशी ने कहा कि ऐसा ज्ञात हुआ है कि डेरा संचालक, प्रबन्धक अथवा अनुयायी इस निर्णय के उपरान्त पौधारोपण जैसा शब्द कोडवर्ड के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं जिसका अर्थ उनकी भाषा में आक्रमण करना अथवा आग लगाना हो सकता है। उन्होंने अपने अधीनस्थ जिला के समस्त पुलिस अधिकारियों को इस सम्बन्ध में भी पूर्णतः सचेत व सर्तक रहने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सम्भवतः परिणाम स्वरूप लोग बाहर से गिरफ्तार करके जिले में लाये जा सकते हैं या फिर यहां से गिरफ्तार होकर अन्य जिलों में भेजे जा सकते हैं। अतः इस सम्बन्ध में भी पूरा ख्याल व निगरानी रखी जाये।
बैठक में जिला सिविल सर्जन को जिला के सामान्य बी.के. अस्पताल की बर्न विंग को पूर्णतः दुरूस्त रखने के आदेश दिए गए ताकि किसी भी सम्भावित अग्नि पीड़ित व्यक्ति का इलाज समय रहते पूरा करवाया जा सके। इसके अलावा सिविल सर्जन को यह भी कहा गया कि जिला के निजी क्षेत्र के नामी गिरामी बड़े अस्पतालों को भी इस सम्बन्ध में तैयार रखने के निर्देश जारी किए जायें। फरीदाबाद नगर निगम के तीनों जोनों के संयुक्तायुक्त फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की तैयारी को हर प्रकार से सुनिश्चित रखें। जिले में बिजली, पानी, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन तथा मैट्रो स्टेशन जैसी सुविधाएं भी निर्बाध रूप से जारी रखना सम्बन्धित अथाॅरिटीज द्वारा सुनिश्चित किया जाये।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त एवं फरीदाबाद के एसडीएम जितेन्द्र दहिया, बड़खल के एसडीएम रीगन कुमार, बल्लबगढ़ के एसडीएम प्रताप सिंह, नगराधीश सतबीर मान, डीसीपी जिला मुख्यालय विक्रम कपूर, डीसीपी ट्रैफिक विरेन्द्र विज, डीसीपी सैन्ट्रल भूपेन्द्र सिंह तथा जिला राजस्व अधिकारी पी.डी. शर्मा सहित जिला व पुलिस प्रशासन के अन्य सभी सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।