अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: “ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में शराब की वैध दुकानों को बंद करवाना चाहती है और यहां भी गुजरात की तरह अवैध नकली शराब बेचने का अपना धंधा शुरू करना चाहती है. भाजपा दुकानदारों को डरा-धमकाकर उन्हें अपनी दुकान छोड़ने को मजबूर कर रही है. भाजपा ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को भी इतना डरा दिया है कि वो खाली दुकानों का टेंडर करने से डर रहे है. इन सब के पीछे भारतीय जनता पार्टी का केवल एक ही मकसद है दिल्ली में वैध शराब की इतनी कमी कर दी जाए ताकि यहां वो अवैध तरीके से नकली शराब का धंधा चला सकें.” उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को एक प्रेस-कांफ्रेंस के दौरान ये बातें कही. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार भाजपा का ये मकसद पूरा नहीं होने देगी इसलिए दिल्ली में नई पॉलिसी को बंद कर 1 अगस्त से सरकारी दुकानों में ही शराब की बिक्री होगी. उपमुख्यमंत्री ने इस बाबत मुख्य-सचिव को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है कि सरकारी शराब की दुकानों में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो और वहां अवैध शराब न बिके.
सिसोदिया ने कहा कि आज देश में 2 तरीके की शराब नीति है. एक तरफ गुजरात जहाँ शराबबंदी के नाम पर भाजपा के लोग हजारों करोड़ों की नकली शराब बनाते-बेचते है, सरकार को चूना लगाते है| आज सभी मीडिया में यह खबर छाई हुई है कि किस तरह गुजरात में भाजपा के नेता अपने घरों में ही नकली शराब बना रहे है, बीच रहे है. और इस नकली जहरीली शराब को पीने से लोगों की मौत हो रही है. उन्होंने कहा कि गुजरात में नकली शराब पीने से लोगों की मौत होने का यह पहला मामला नहीं है. यहां हर दूसरे-तीसरे साल कई ऐसे मामले सामने आते है जहाँ जहरीली शराब पीकर लोगों की मौत होती है. और पड़ताल में पता चलता है कि इस जहरीली शराब के बनाने और बेचने के पीछे भाजपा के लोगों ही होते है. उन्होंने आगे कहा कि गुजरात में नकली शराब पीकर लोगों की जान जा रही है वही नकली शराब बेचकर भाजपा वालो का ये अवैध धंधा दिन दोगुनी- रात चौगुनी तरक्की कर रहा है.
इसके विपरीत दिल्ली का मॉडल है जहाँ सरकार ने पिछले साल एक नई एक्साइज पॉलिसी बनाई. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 2021-22 में इस पॉलिसी के लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की ज़्यादातर सरकारी दुकाने थी और इनमें खूब भ्रष्टाचार होता था. साथ ही यहां कुछ प्राइवेट दुकाने भी थी जिससे बहुत कम लाइसेंस फीस ली जाती थी और सालों से उनकी लाइसेंस फीस भी नहीं बढाई गई थी. उन्होंने आगे कहा कि, दिल्ली सरकार ने इस भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए नई पॉलिसी बनाई और पारदर्शी तरीके से शराब की दुकानों को टेंडर किया. एक्साइज पॉलिसी 2021-22 से पहले दिल्ली में शराब कि 850 दुकाने थी. नई पॉलिसी में भी यह निर्णय लिया गया कि इसमें भी शराब की 1 भी दुकान नहीं बढाई जाएगी. उन्होंने बताया कि पुरानी नीति से सरकार को हर साल 6,000 करोड़ का राजस्व मिलता था लेकिन नई पॉलिसी के बाद यदि सभी दुकाने खुल जाए तो पूरे साल में सरकार का राजस्व 1.5 गुणा से भी ज्यादा बढ़कर 9,500 करोड़ हो जाता.उन्होंने एक डेटा साझा करते हुए बताया कि आज भाजपा शासित गुरुग्राम में 4166 लोगों पर एक शराब की दुकान है, नोएडा में 1390 लोगों पर 1 शराब की दुकान है, बंगलौर में 12719 लोगों पर एक दुकान,गोवा में 761 लोगों पर 1 दुकान लेकिन दिल्ली में 41192 लोगों पर एक दुकान है और यदि सभी 850 दुकाने खोल दी जाए तब भी ये डेटा 22707 लोगों पर एक दुकान का होगा. सिसोदिया ने बताया कि नई एक्साइज पॉलिसी के आने से भ्रष्टाचार ख़त्म हुआ. लेकिन गुजरात के बाद अवैध शराब का अपना धंधा दिल्ली में भी चलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इस पॉलिसी को फेल करने का प्लान बनाया है. अब दिल्ली में भाजपा प्राइवेट शराब की दुकानों को सीबीआई,ईडी की धमकी दे रही है डरा रही है. इस कारण प्राइवेट दुकान वाले अपनी दुकाने छोड़ने लगे है और 1 अगस्त से और कई अपनी दुकाने छोड़ कर जाने वाले है. साथ ही भाजपा ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को भी सीबीआई,ईडी की धमकी देकर इतना डरा दिया है कि वह खाली हो रही दुकानों को दोबारा नीलाम करने को तैयार नहीं हो रहे है.सिसोदिया ने कहा कि इस सब के पीछे भाजपा का एक ही मकसद है कि दिल्ली में वैध तरीके से बिकने वाली शराब की बिक्री कम कर दी जाए ताकि यहां भी गुजरात की तरह भाजपा के लोग अवैध नकली शराब का अपना धंधा चला सकें. भाजपा दिल्ली में ऐसे हालात बनाना चाह रही है कि यहां वैध दुकानें बंद हो जाए और अवैध शराब का धंधा बढ़े. उन्होंने कहा कि ऐसे होने पर भ्रष्टाचार तो बढ़ेगा साथ ही अवैध नकली शराब के कारण गुजरात की तरह दिल्ली में भी नकली शराब से मौतें होने लगेंगी. लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे ऐसा होने नहीं देगी. इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि दिल्ली में अब सरकारी दुकानों में ही शराब बेचीं जाएगी.इस बाबत उपमुख्यमंत्री ने मुख्य-सचिव को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है कि सरकारी शराब की दुकानों में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो और वहां अवैध शराब न बिके.
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