अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: जो कौम अपने देश पर मर मिटने वाले शहीदों को भूला देती है उसका कोई वजूद नहीं रहता और ना ही वह कभी तरक्की कर सकती है।हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उद्गार आज हरियाणा राजभवन के कक्ष में आयोजित अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की 126 वीं जयंती के अवसर पर संबोधित करते हुए प्रकट किए। उन्होंने इससे पूर्व अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के चित्र पर फूल माला और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
उन्होने कहा कि पंडित रामप्रसाद बिस्मिल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हे 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी। वे एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। उन्होंने देश की आजादी के लिए युवा काल में ही अपने आप को देश पर कुर्बान कर दिया। श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हम अमृत महोत्सव के अमृत काल में अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल जैसे महान शहीदों की जयंती मना रहे है जिन्होंने अपने आप को देश की आजादी के लिए बलिदान कर दिया उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को अपने महान क्रांतिकारी आजादी के परवानों-शहीदों की कुर्बानियों से प्रेरणा लेनी चाहिए राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने देश के महान शहीदों की जीवन शैली, विचारों एवं सिद्धान्तों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।उन्होने कहा कि युवाओं में देशभक्ति की भावनाओ के साथ साथ समाज के गरीब, दलित, एवं पिछड़े असहाय लोगों की मदद करने तथा उन्हे शिक्षित करने की भावना होनी चाहिए।
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