अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्यरत फर्जी अधिकारी का रिश्तेदार बता कर थाना सेक्टर -65 गुरुग्राम के एसएचओ को धमकाने के मामले में एक शख्स को थाना सेक्टर -65 की टीम ने आज अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किए गए आरोपित का नाम सत्य प्रकाश आर्य उर्फ सिद्धार्थ, उम्र 30 वर्ष हैं। आरोपित ये सनसनीखेज वारदात को इस लिए अंजाम दिया की उसे शराब के अहाता में एंट्री मिल सके, पर एसएचओ सुधीर कुमार ने जब शराब के अहाता में एंट्री दिलाने से मना कर दिया तो उसे अंजाम भुगतने की धमकी देने लगा। ये सनसनीखेज खुलासा आज एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने अपने कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किए।
एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने आज पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि गत 1-2 . अप्रैल.2023 की रात्री लगभग 02.00 एएम पर सेक्टर -65 के एसएचओ सुधीर कुमार,को उनके सरकारी मोबाइल नम्बर पर एक फोन कॉल प्राप्त हुई और फोन कॉल करने वाले शख्स ने अपना परिचय पीएमओ के एक उच्च अधिकारी के रिश्तेदार के रूप में दिया तथा थाना सेक्टर-65 में स्थित एक शराब अहाते में एंट्री कराने के लिए कहा। थाना प्रबंधक ने अपनी ड्यूटी का मानक व कार्यक्षेत्र से अवगत कराते हुए शराब पीने के लिए अहाते में एंट्री कराने के लिए मना कर दिया तो कॉल करने वाला शख्स वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने धमकी देते हुए दबाव बनाकर डराने लगा। उसे अभद्र तरीके से बात करने के लिए मना किया तो उस शख्स ने कहा कि वह पीएमओ में नियुक्त एक उच्च अधिकारी का रिश्तेदार है तथा एसएचओ को अंजाम भुगतने की धमकी देने लगा। उसने अभद्रता से बातचीत करते वरिष्ठ अधिकारियों को थाना में लेकर आने की भी धमकी दी। इस शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 506, 507 IPC के तहत थाना सेक्टर-65, गुरुग्राम में मुकदमा दर्ज किया गया।
उनका कहना हैं कि इस मुकदमा में निरीक्षक व एसएचओ सुधीर कुमार,की टीम ने इस मामले में आज सेक्टर-58, गुरुग्राम से काबू करके गिरफ्तार किया, का नाम *सत्य प्रकाश आर्य उर्फ सिद्धार्थ, उम्र 30 वर्ष* हैं। उनका कहना हैं कि आरोपी से पूछताछ में ज्ञात हुआ कि यह सेक्टर-18, गुरुग्राम में स्थित एक प्राइवेट कम्पनी में टेलीकॉलर की नौकरी करता है। यह अपने साथियों के साथ थाना सेक्टर-65, गुरुग्राम के एरिया में स्थित एक शराब अहाता में गया था और अहाता में बिना किसी एन्ट्री फीस के प्रवेश करने के लिए इसने उपरोक्त वारदात को अंजाम दिया था। इसने दबाव बनाने की नीयत से अपना परिचय पीएमओ में नियुक्त एक अधिकारी के रिश्तेदार के रूप में कराया था। इसने अपनी असल पहचान छुपाने के लिए अपना परिचय भी फर्जी नाम (सिदार्थ) के रूप में करवाया था। पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि पीएमओ में नियुक्त जिस अधिकारी का यह अपने आप को रिश्तेदार बता रहा था उस नाम का कोई अधिकारी वहां नियुक्त नहीं है। लोगों को यह अपना नाम सिद्धार्थ भी बताता था। आरोपी द्वारा उपरोक्त मुकदमा की *वारदात को अंजाम देने में प्रयोग किया गया मोबाइल फोन व सिम कार्ड भी आरोपी के कब्जा से बरामद* किया गया है।
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