अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में अपने संबोधन के दौरान कहा कि देश को एक स्पष्ट रणनीति और दृष्टिकोण की जरूरत है, जो युवाओं को रोजगार दे और उन्हें भविष्य की तकनीकी क्रांति में शामिल करे। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बेहद तार्किक भाषण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आधुनिक युग की क्रांति में भारत को अग्रणी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चीन को आधुनिक क्रांति में आगे रहने नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि इस क्रांति को मुख्यत: चार प्रौद्योगिकियां संचालित कर रही हैं, इनमें इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरीज, ऑप्टिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल शामिल हैं।
हिंदुस्तान का भविष्य इस देश के युवाओं द्वारा तय किया जाना है और इसलिए अगर ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा यह अभिभाषण प्रस्तुत किया जाता तो उसमें युवाओं की बात होती। हम युवाओं को आधुनिक क्रांति में भागीदार बनाने की बात करते। उनसे कहते कि हम उन पर भरोसा करते हैं कि वे चीन से मुकाबला कर सकते हैं। युवाओं की नब्ज़ पर हाथ रखते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान बेरोजगारी की समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हो पाया है। मेक इन इंडिया एक अच्छा विचार था, लेकिन यह विफल हो गया। वह प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहे हैं, लेकिन तथ्य यह है कि वे इसमें विफल रहे हैं। उन्होंने बताया कि जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा 15.3 प्रतिशत से गिरकर 12.6 प्रतिशत पर आ गया है और यह 60 वर्षों में सबसे कम है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंदुस्तान के पास बेहतरीन कंपनियां हैं जो उत्पादन का प्रयास करती हैं, लेकिन हमने उत्पादन चीनियों को सौंप दिया है। अपना मोबाइल फोन दिखाते हुए उन्होंने कहा, भले ही कहते हैं कि हम इस मोबाइल फोन को भारत में बनाते हैं, लेकिन यह सच नहीं है। इस फोन के सभी पुर्जे चीन में बने हैं। संजीदगी, वाकपटुता और आक्रामकता के समावेश के साथ राहुल गांधी ने भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री ने इससे इनकार किया है, लेकिन सेना प्रमुख ने उनका (पीएम) खंडन किया है। समाचारों का हवाला देकर राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सेना प्रमुख ने कहा कि चीनी हमारे क्षेत्र के अंदर घुसे थे। उन्होंने कहा, चीन देश में इसलिए घुसा है क्योंकि मेक इन इंडिया विफल हो गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अमेरिका को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा कि दोनों देशों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वे मोबिलिटी रिवॉल्यूशन का लाभ लेने के लिए कैसे मिलकर काम करें। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका भारत के बिना औद्योगिक उत्पादन प्रणाली नहीं बना सकता। अमेरिका वह नहीं कर सकता जो भारत कर सकता है क्योंकि वहां लागत संरचना बहुत महंगी है। केंद्र सरकार की विदेश नीति पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर हिंदुस्तान के पास मजबूत उत्पादन प्रणाली होती और हम अपनी तकनीक को आगे बढ़ा रहे होते, तो अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आते और हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते। हमारे विदेश मंत्री को तीन-चार बार अमेरिका जाकर ये नहीं कहना पड़ता कि हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करें। राहुल गांधी ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या में भारी वृद्धि का मुद्दा भी उठाया और कहा कि चुनाव आयोग दोनों चुनावों का पूरा डाटा साझा करे। उन्होंने खुलासा किया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच महाराष्ट्र में लगभग 70 लाख नए मतदाता अचानक सामने आ गए, यानी हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी के बराबर नए मतदाता जुड़ गए। राहुल गांधी ने भारतीय चुनाव आयुक्तों की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, चीफ जस्टिस को रणनीति के तहत चयन समिति से हटा दिया गया। लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में भाजपा नेताओं ने 400 पार का नारा देकर संविधान बदल देने की बात कही थी। यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री को संविधान के सामने झुकना पड़ा। संविधान हमेशा हिंदुस्तान पर राज करेगा। राहुल गांधी ने जाति जनगणना का मुद्दा भी मजबूती से उठाया। उन्होंने तेलंगाना में हुई जाति जनगणना का उदाहरण देते हुए कहा कि उससे पता चला कि वहां दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की आबादी कुल जनसंख्या का 90 प्रतिशत है। उन्होंने जाति जनगणना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि इसके जरिए ही समाज के पिछड़े तबके को उसका हक मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को अपने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करनी होगी और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना होगा।
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