अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के आगे से गुर्जर शब्द हटाने के विवाद ने तूल पकड़ता जा रहा है। दादरी से शुरू हुआ विवाद अब गांव-गांव, दूसरे शहरों और प्रदेशों तक पहुंच गया है। आज दादरी में आयोजित होने वाले ‘गुर्जर स्वाभिमान महापंचायत’ की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है लेकिन गुर्जर महासभा संगठन इस महापंचायत को आयोजित करने के आमादा है सोशल मीडिया पर भी महापंचायत का प्रचार किया जा रहा है और तर्क-वितर्क किए जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। दादरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
‘गुर्जर स्वाभिमान महापंचायत’ को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन अलर्ट, जिसके चलते सड़कों पर पुलिस बल दूर तक नजर आ रहा है और वाहन चालकों को रोककर चेकिंग की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि महापंचायत आयोजन करने की अनुमति नहीं है इसलिए आयोजन नहीं करने दिया जाएगा। सारा विवाद उस समय शुरू हुआ जब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया गया था मूर्ति को लेकर राजपूत व गुर्जर के संगठनों में विवाद था। मूर्ति के शिलापट्ट से गुर्जर शब्द हटाने को लेकर गुर्जर समुदाय के लोग आक्रोश में आ गए थे और विधायक के घर पर जाकर हंगामा भी किया था। आज मिहिर भोज कॉलेज में महापंचायत का आयोजन गुर्जर महासभा संगठन के द्वारा किया जा रहा है इसमें उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से गुर्जर समुदाय के लोग को निमंत्रण दिया गया है। उसी को देखते हुए आज दादरी में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है आलम यह है कि सड़कों पर पुलिस बल देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया पुलिस कर्मियों के द्वारा वाहन चालकों को रोककर उनसे पूछताछ और चेकिंग की जा रही है ताकि लोग महापंचायत में न पहुंच सके.ग्रेटर नोएडा जोन-3 के एडिशनल डीसीपी, विशाल पांडे का कहना है, कि किसी भी तरह की पंचायत की कोई अनुमति नहीं ली गई है। जनपद में धारा 144 लागू है, अगर किसी के भी द्वारा पंचायत करने की कोशिश की जाती है तो उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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