अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : केंद्रीय व हरियाणा के पूर्व मंत्री की साठगांठ से सेक्टर -37 के समीप एक साथ बन रहे सैकड़ों अवैध निर्माणों के ऊपर ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम का बुल्डोजर कभी भी चल सकता हैं। मालूम हुआ हैं कि अदालत से बिल्डरों द्वारा लिए गए स्टे को निरस्त कर दिया हैं। बन रहे इन निर्माणों का ठेका एक केंद्रीय मंत्री ने पास हैं। इस मामले में ओल्ड जॉन के संयुक्त आयुक्त सतबीर मान का कहना हैं कि कई बिल्डरों ने स्टे लिया हुआ था उसमें कुछ का स्टे अदालत ने निरस्त कर दिया हैं। उनका कहना हैं कि पीछे 15 अगस्त की तैयारी में लगे हुए थे इस वजह से वहां पर तोड़फोड़ की कार्रवाई रह गई थी। अब वहां से फ्री हुए हैं और अब फिर से तोड़फोड़ की कार्रवाई की तैयारी की जा रही हैं।
सूत्र बतातें हैं कि सेक्टर -37 के समीप एक प्लाट हैं उसमें तकरीबन तीन एकड़ जमीन हैं उस जमीन का एक सीएलयू पास हैं और एक ही नक्सा पास हैं पर इस जमीन को एक पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार के बेटे का हैं। इसमें अवैध रूप से कई शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाया जा रहा हैं।जब इन जमीनों पर डीपीसी तैयार किया गया था। उस वक़्त एक कैबिनेट मंत्री ने ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के अधिकारीयों को भेज कर तुड़वा दिया था। उनका कहना हैं कि उन्होनें सिर्फ एक बार ही नहीं तुड़वाया था बल्कि दो -तीन वार तुड़वाया था। उनका कहना हैं कि एक बार तो नगर निगम के कर्मचारियों से अधिकारी की मौजूदगी में पूर्व मंत्री के बेटे के गुंडों ने मारपीट की व जेसीबी मशीनों में तोड़फोड़ भी की थी। इसके बाद नगर निगम के एक अधिकारी ने सेक्टर -37 थाने में पूर्व मंत्री के गुंडों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।उनका कहना हैं कि इसके बाद से वहां पर तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि उस जमीनों पर और तेजी के साथ सैकड़ों अवैध निर्माण खड़े हो गए। इसका साफ़ मतलब हैं कि कैबिनेट मंत्री का इस एवज अपना उल्लू सीधा हो गया होगा।
बताया गया हैं कि इसके बाद से इस प्रकरण में अब एक केंद्रीय मंत्री का नाम चर्चा में हैं और उसने ही इन निर्माणों को बनवानें का ठेका लिया हुआ हैं। इन अवैध निर्माणों को बनवानें के एवज में करोड़ों का लेनदेन हुआ हैं और अब जो निर्माण बन कर तैयार हो रहा हैं यह सब उन्हीं की देख रेख में हो रहा हैं। इस संबंध ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सतबीर मान का कहना हैं कि बीच बीच में नगर निगम ने वहां पर कई बिल्डरों को नोटिस दिया था और उसे लेकर बिल्डरों ने अदालत से स्टे ले आए थे जिसे निगम ने निरस्त करने के लिए अदालत में कोशिश की थी। जिसमें नगर निगम को सफलता मिल गई हैं। उनका कहना हैं कि पीछे 15 अगस्त की तैयारी की जारी थी जिसमें पूरा प्रशासन लगा हुआ था अब उधर से फ्री हुए हैं अब जिन बिल्डरों के स्टे निरस्त हुए हैं उस पर तोड़फोड़ की कार्रवाई जल्द कराई जाएगी।