अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:डीसी कम जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि 18वीं लोकसभा चुनाव के दौरान समाचारों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। उम्मीदवारों को मतदान या मतदान के पहले दिन विज्ञापन छपवाने की अनुमति लेनी होगी। वहीं डीसी विक्रम सिंह ने प्रशिक्षण कार्यशाला में मीडिया मॉनिटरिंग मैनेजमेंट कमेटी की जिम्मेदारी और दायित्व की भी जानकारी विस्तार पूर्वक दी।डीसी विक्रम सिंह आज सोमवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार निर्वाचन विभाग की ओर से आयोजित सेक्टर-12 स्थित कैन्वैशन हाल में 18वीं लोकसभा चुनावों में अधिकारियों को कर्मचारियों को बेहतर तरीके से चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। प्रशिक्षण कार्यशाला में चुनाव के दौरान मीडिया प्रबंधन को लेकर चुनाव आयोग के नियमों के बारे में बताया गया।डीसी विक्रम सिंह ने कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों की अनुसार पहले दिन से सौंपी गई ड्यूटी पर सक्रिय तरीके से सभी चीजों का और अपनी जिम्मेदारियों का खास ख्याल रखना है। किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। अच्छे से अपनी ट्रेनिंग ले और हर प्रकार के डाउट्स अपने क्लियर कर लेने चाहिए। ताकि चुनाव प्रक्रिया के मौके पर परेशानियां न हो।उन्होंने कहा कि संवेदनशील और अति संवेदनशील पोलिंग बूथ पर माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए जाएंगे।
जो चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी तमाम जानकारियों की बारीकी से स्थिति का जायजा लेंगे।डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान व्यय करने वाली सामग्री की दरें तय कर दी जाएगी । इसमें ऐसा कोई सामान नहीं है, जिसे उम्मीदवार उपयोग करेंगे तो उनका खर्चा उसके खाते में न जोड़ा जाए। वहीं प्रत्याशी द्वारा होने वाले सभी का व्यय उसके चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा।
कितना खर्च कर सकते हैं चुनाव में उम्मीदवार:-
डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा उम्मीदवार चुनाव कमीशन ऑफ इंडिया ने उम्मीदवारों के खर्च किए एक सीमा तय की है। लोकसभा चुनाव के प्रसार में बड़े राज्यों के लोकसभा सीट का कैंडिडेट अधिकतम 95 लाख खर्च कर सकता है। वहीं छोटे राज्यों के लिए सीमा 75 लाख रुपये तय की गई है। डीडीपीओ कैप्टन प्रदीप कुमार ने कार्य शाला में बताया कि जिला प्रशासन सी विजिल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पूर्ण रूप से करेगा। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्लिकेशन है। जो नागरिकों को चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है। नागरिक इस ऐप का इस्तेमाल अपने मोबाइल फोन द्वारा कर सकते है।प्रशिक्षण कार्यशाला में डीडीपीओ प्रदीप कुमार ने पीपीटी के माध्यम से क्रमवार बताया कि चुनाव के दौरान समाचार पत्र, टीवी चैनल, लोकल केबल टीवी, सोशल मीडिया आदि में समाचारों की सूची बरकरार रहनी चाहिए। कोई भी फेक या पेड न्यूज मीडिया में नहीं आनी चाहिए। कोई भी संचार माध्यम भ्रामक समाचार प्रसारित करता है। तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। चुनाव के दौरान राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी इस बात का ध्यान रखती है कि कहीं कोई प्रचार माध्यम में कोई अफवाह या गलत समाचार तो नहीं प्रसारित किया जा रहा, जिससे चुनाव में मतदाता भ्रमित होता हो। विज्ञापन या समाचार को लेकर किसी प्रकार की शिकायत है तो उसके लिए निर्वाचन विभाग ने 1950 टोल फ्री नंबर जारी किया हुआ है। चुनाव के समय मतदान से पहले वाले दिन और मतदान के दिन किसी भी उम्मीदवार को टीवी चैनल या अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करवाना है तो उसके लिए एमसीएमसी कमेटी से प्री सर्टिफिकेट लेना होगा। उन्होंने बताया कि इस विज्ञापन के लिए भारत निर्वाचन आयोग से रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार को तीन दिन पहले और बाकी उम्मीदवारों को सात दिन पहले कमेटी के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत करना होगा। कमेटी विज्ञापन सामग्री की जांच कर दो दिन में अपनी स्वीकृति या अस्वी कृति प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि चुनाव की मीडिया कवरेज के लिए मीडियाकर्मियों को दो तरह के पास जारी किए जाएंगे। इनमें से एक मतदान के दिन के लिए होगा और दूसरा मतगणना के लिए जारी किया जाएगा। वहीं पंपलेट ,इश्तहार, बैनर, एलईडी आदि विज्ञापन सामग्री के लिए भी चुनाव आयोग ने अपनी दरें निर्धारित की हुई हैं। उन्हीं के अनुसार उम्मीदवार के चुनाव खर्च में धनराशि को जोड़ा जाएगा। निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए भी स्वीप नाम से अभियान चलाया हुआ है। इससे जुड़े समाचारों को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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