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फरीदाबाद स्वास्थ्य

फरीदाबाद : रंगों के त्योहार का आनंद लें,लेकिन अपने स्वास्थ्य का सबसे पहले ध्यान दें, रंगों के प्रयोग का सोच समझकर इस्तेमाल करें,डा. अमित, डा. निखिल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :रंगों के त्योहार का आनंद लें, लेकिन अपने स्वास्थ्य का सबसे पहले ध्यान दें। रंगों के प्रयोग का सोच समझकर इस्तेमाल करें, क्योंकि आंखें ,त्वचा और बाल शरीर के सबसे नाजुक भाग हैं। जो रंगों के सीधे संपर्क में आते ही क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। सूखे रंग जब फेंके जाते हैं और गुब्बारे या पिचकारी के माध्यम से डाले जाते हैं तो वे सीधे आंखों में पड़ते हैं इससे आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं।एशियन अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निखिल सेठ का कहना है कि सिंथेटिक या सूखे रंगों में लैड जैसी भारी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे एलर्जी,कंजंक्टिवाइटिस, केमिकल बर्न (जलन),खरोंच और आंख की अंदरुनी चोट भी लग सकती है। इसके कारण आंखों में पानी आना, आंखों में तेज दर्द, सूजन, खुजली चलना, धुंधला दिखाई देना,लालिमा हो जाती है और आई फ्लू का खतरा बना रहता है। रंगों के मोटे कणों के आंखों में प्रवेश करने से आंखों की सत्तह पर खरोंच लग जाने से उसे तेज दर्द होता है जिसके कारण धुंधला दिखाई देता है। इसके कारण कुछ समय के लिए या फिर हमेशा के लिए अंधापन की समस्या आ सकती है।
डॉ.निखिल ने बताया कि अपनी आंखों की सुरक्षा के रंगों से खेलते समय चश्में या सनग्लासिस का इस्तेमाल करना चाहिए। जो लोग लैंस का इस्तेमाल करते हैं उन्हें होली खेलते समय लैंस हटा देने चाहिए। रंग,कीचड़,ग्रीस या रासायनों के आंखों में प्रवेश करने पर आंखों को रगडने की बजाय उन्हें साफ और ताजा पानी से धोना चाहिए ताकि उन्हें किसी प्रकार की क्षति होने से बचाया जा सके। होली खेलने से पहले चेहरे और पलकों पर तेल लगाना चाहिए ताकि रंग फिसल जाए और आंखों और त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव न हो। यदि कोई आप पर पानी वाला गुब्बारा और पिचकारी से रंग आप की ओर फेंकता है तो आप अपने आंखों को मुडक़र या झुककर बचा सकते हैं।
जलन, खुजली, लालिमा, धुंधलापन, दर्द, खरोंच या अन्य समस्या होने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए, ताकि समय रहते आंखों को नुकसान होने से बचाया जा सके। एशियन अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित बांगिया ने बताया कि अपनी त्वचा की रक्षा के लिए सबसे पहले तो हमें सिंथेटिक रंगों की बजाय प्राक्रतिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि इन रंगों का हमारे शरीर पर को प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके अलावा ऐसे कपड़ों का चयन करना चाहिए जो हमारे शरीर को पूरी तरह से ढकें। इसके अलावा होली खेलना शुरू करने से पहले खूब पानी पीना चाहिए ताकि त्वचा को डीहाइड्रेशन से बचाया जा सके। जो त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाता है। इससे बचने के लिए शरीर पर तेल, मॉश्चराइजर, होंठों पर बाम और नाखूनों पर नेल पॉलिश का इस्तेमाल करना चाहिए।

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