अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:क्राइम ब्रांच, बदरपुर बॉर्डर की टीम ने आज एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी कागजात तैयार करके अदालत से जमानत दिलाता था। इस गिरोह तीन सदस्यों को अभी अरेस्ट किया है। अरेस्ट आरोपित के नाम जमशेद, निवासी गांव मादलपुर, धौज, संजय, निवासी डबुआ कॉलोनी, फरीदाबाद, मनीष , निवासी संजय कॉलोनी फरीदाबाद हैं। ये जानकारी आज डीसीपी क्राइम नरेंद्र कादियान अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस दिए।
डीसीपी क्राइम नरेंद्र कादियान ने पत्रकारों को बताया कि आरोपित जमशेद गांव मादलपुर धौज, संजय, डबुआ कॉलोनी और मनीष, संजय कॉलोनी का रहने वाला है। क्राइम ब्रांच टीम ने तीनों आरोपितों को एक गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर मुख्य सिपाही रविन्द्र को फर्जी कागजात बनवाने के लिए 5000/- रुपए दिए और आरोपितों के पास भेज दिया। आरोपितों ने पैसे लेकर आपस में बाँट लिए। मुख्य सिपाही ने सब इंस्पेक्टर जमिल के नेतृत्व में गई टीम को इशारे से बुलाया। तीनों आरोपितों को मौके से ही अरेस्ट कर लिया। आरोपितों से चेकिंग के दौरान दिए गए पैसे और फर्जी आईडी और फर्जी फर्द जमीन बरामद की गई है। आरोपितों के खिलाफ थाना सेंट्रल में फ्रॉड करने की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
असली ड्राइवर की जगह फर्जी ड्राइवर भी उपलब्ध कराता था वकील।
पूछताछ में सामने आया की आरोपित जमशेद, मनीष व संजय ने साथ मिलकर वर्ष 2019/20 से फरीदाबाद कोर्ट में फर्जी आईडी के द्वारा छोटे-बड़े सभी प्रकार के आरोपितों की फर्जी जमानती देने का काम शुरु किया था। आरोपित वर्ष- 2019/20 से लेकर अब तक करीब 50 लोगों को जमानत दिला चुके हैं। फर्जी डाक्यूमेंट्स से जमानत दिलाने वाला गिरोह का सरगना मुख्य आरोपित वकील अपने माध्यम से गुनहगार को फर्जी जमानत दिलाने का काम दिलाता था।
संजय नाम का व्यक्ति फर्जी ड्राईवर बन कर एक्सीडेंट के मुकदमों में पैसों के लिए फर्जी ड्राईवर बनता था। वकील इस गैंग का सरगना है वकील ही इनको फर्जी आईडी व जमीन की फर्जी फर्द बनाकर देता था। वकील ही सभी को जमानत का काम दिलाता था। पूछताछ में आरोपित जमशेद, मनीष व संजय नागर ने बताया कि वे वकील के कहने पर फरीदाबाद में फर्जी ID देकर फर्जी जमानत व फर्जी ड्राइवर बन कर एक्सीडेंट के CASES फर्जी क्लेम ले लेते थे। आरोपितों से मौके पर फर्जी आईडी और आरोपी जमशेद से 2250 रु, संजय से 1750 रु और आरोपित मनीष से 1610 रु बरामद हुए है।आरोपितों को मामले की पूछताछ के लिए 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है । मामले में गहनता से पूछताछ की जाएगी गिरोह के अन्य आरोपितों के बारे में पता लगाया जाएगा।