अर्विनद उत्तम की रपोर्ट
नोएडा के एक वरिष्ठ पत्रकार और टीवी एंकर के साथ हुई लूट के मामले में पुलिस ने अहम खुलासे करते हुए बताया कि यह सारा मामला पूरी तरह फर्जी था। पुलिस ने अपनी इसे साबित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और और सीसीटीवी फुटेज भी मीडिया को उपलब्ध कराए हैं। अधिकारियों का कहना है कि एक बार फिर पत्रकार को बुलाकर पूछताछ की जाएगी और जांच के बाद विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
नोएडा के एक चैनल की एडिटर इन चीफ अतुल अग्रवाल ने एक फेसबुक पोस्ट डालकर बताया था कि उनके साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कुछ बदमाशों ने हथियारों के बल पर उनसे लूटपाट की और वे अपने बेटे की दुहाई देकर बदमाशों के चंगुल से टूटने में सफल रहे हैं। यह फेसबुक पोस्ट तेजी से वायरल हो गया और पत्रकार को जहां लोगों की सहानुभूति मिले लगी वही लोग पुलिस पर अपराध रोकने नाकाम रहने का भी आरोप लगाने लगे। एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच और पत्रकार को बार-बार शिकायत दर्ज कराने के लिए बुलाया तो वह नहीं आए तब पुलिस ने अपनी तरफ से मामला दर्ज कर जांच शुरू की।एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और और सीसीटीवी फुटेज से यह साफ साबित हुआ की पत्रकार के साथ कोई लूट की घटना नहीं हुई थी।
एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि जांच, फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य में सामने आया है कि 19 जून को शाम 7 बजे वह सेक्टर-45 में अपनी महिला मित्र के घर खाना खाने गए थे। इसी दौरान अतुल अग्रवाल की पत्नी का कॉल आया और उन्हें तुरंत घर आने के लिए कहा गया। उनकी महिला मित्र के अनुसार रात 10:40 पर वहां से चले गए। और एक महिला मित्र के वहां खाने खाने के बाद ओये होटल में रात रूके थे पुलिस को लगता है कि पारिवारिक विवाद चलते हैं यह कहानी गढ़ी है। अगले दिन सुबह 11:46 मिनट पर होटल से निकले। पुलिस का कहना है कि पर्थला गोलचक्कर से होटल तक पहुंचने में 15-14 मिनट का समय लगता है। इससे पता चलता है कि वह रास्ते में नहीं रुके और न ही कोई घटना हुई। ओयो होटल को किए गए भुगतान भी अतुल अग्रवाल ने अपने बैंक अकाउंट से किया है। होटल के एंट्री रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर नहीं थे लेकिन सीसीटीवी फुटेज में उनके आने जाने की पुष्टि हुई है।
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