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महेंद्रगढ़ : 80 लाख रुपए का अकेले महेंद्रगढ़ में होता है पटाखों का व्यापार, पांच लाख मिलता है राजस्व

विनीत पंसारी की रिपोर्ट 

महेंद्रगढ़ : एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। न्यायालय के इस आदेश के बाद जिले में दिवाली पर लगने वाले अस्थाई पटाखे बाजारों पर संशय बन गया है। अधिकारी एक तरफ तो न्यायालय के आदेशों को हर कीमत पर लागू करने का दावा कर रहे हैं, वहीं अस्थाई पटाखा बाजार में दुकानें लगाने के लिए जारी किए जाने वाले लाइसेंसों के लिए फाइल भी जाम कर रहे हैं। इससे पटाखा व्यापारी संशय में हैं। उनकी चिंता हैकि यदि प्रशासन ने एेन वक्त पर दुकानों के लाइसेंस जारी नहीं किए तो, उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हो जाएगा। क्योंकि काफी व्यापारियों ने मेट्रो सिटी दिल्ली व रोहतक के पटाखा बाजारों से माल खरीद कर स्टॉक कर लिया है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन को भी इससे लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।

बतादें कि जिला प्रशासन नारनौल, महेंद्रगढ़, कनीना, सतनालीऔर नांगल चौधरी आदि जगहों पर दीपावली पर्व पर तीन दिन के लिए अस्थाई दुकानें लगाने के लिए लाइसेंस जारी करता है। इस बार भी जिले में 260 दुकानें लगाई जानी प्रस्तावित हैं। इनमें नारनौल में 80, महेंद्रगढ़ में 80, नांगल चौधरी 40, अटेली 20, कनीना 40 और कनीना 20 अस्थायी दुकानें शामिल हैं। इन सभी दुकानों के लिए प्रशासन की तरफ से इच्छुक व्यापारियों से आवेदन मांगे गए थे। महेंद्रगढ़ में बुधवार देर शाम तक 39 फाइलें लाइसेंस के लिए व्यापारियों द्वारा जमा कराई गई थी। यहां हम आपको यह भी बता दें कि प्रशासन द्वारा लाइसेंस फीस 51 सौ रुपये ली जा रही है। अनुमान हैकि हर बार अकेले महेंद्रगढ़ में 200 से अधिक लोग लाइसेंस के लिए फाइल जमा करते हैं। इस हिसाब से करीब पांच लाख रुपए का राजस्व अकेले महेंद्रगढ़ से प्रशासन को प्राप्त होगा। यदि लाइसेंस जारी नहीं किए गए तो प्रशासन को ये पैसे आवेदन करने

वालों को लौटाने पड़ेंगे।

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