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दिल्ली नई दिल्ली

दिल्ली पुलिस के 31 पुलिस अधिकारी एवं कर्मी राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किए गए हैं।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली पुलिस के 31 पुलिस अधिकारी एवं कर्मी राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किए गए हैं। इनमें से 12 पुलिस अधिकारी एवं कर्मी वीरता के लिए, 2 पुलिस अधिकारी एवं कर्मी विशिष्ट सेवाओं के लिए तथा 17 पुलिस अधिकारी एवं कर्मी सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किए गए हैं। वीरता के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित: डीसीपी ओमबीर सिंह बिश्नाई, एसीपी डॉ हेमंत तिवारी तथा इंस्पेक्टर मनीष जोशी की टीम ने 7 जुलाई 2017 को प्रीत विहार स्थित मैट्रो अस्पताल के डॉ. श्रीकांत गौड़ की सकुशल रिहाई के लिए शानदार पेशेवर कुशलता का परिचय दिया। डॉ. श्रीकांत गौड़ का 6 जुलाई 2017 को उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वह एक ओला कैब से गौतम नगर स्थित अपने घर जा रहे थे। डॉ. श्रीकांत की रिहाई के लिए अपहरणकर्ताओं ने 5 करोड रुपये की फिरौती की मांग की थी। डीसीपी प्रमोद कुमार कुशवाह, एसीपी गोविन्द शर्मा तथा इंस्पेक्टर अमुल त्यागीः की टीम ने 20 जनवरी 2018 को अदम्य साहस व वीरता का परिचय देते हुए पेपर मार्केट, गाजीपुर, दिल्ली से दिल्ली में अति वांछित इंडियन मुजाहिद्वीन और आतंकवादी संगठन सीमी से संबंधित के आतंकवादी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से भारी मात्रा
अस्त्र बरामद करने में शानदार सफलता अर्जित की थी।

इसके अलावा भी इस टीम ने देश के कई हिस्सों से वांछित आतंकवादियों एवं खूंखार अपराधियों को गिरफ्तार में अच्छी सू-हजयबू-हजय व पेशेवर कुशललता का परिचय दिया है।इंस्पेक्टर पूर्ण एवं इंस्पेक्टर संजीवः की टीम ने 26 अप्रैल, 2018 को कैर गांव के निकट एक कैशियर और गार्ड के सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड में शामिल अभियुक्त को एक गुप्त सूचना के आधार पर 2 मई, 2018 को गिरफ्तार करने में शानदार सफलता हासिल की थी। यह बदमाश अन्य कई हिसंक व संगीन वारदातों में भी संलिप्त था। इसके अलवा इंस्पेक्टर पूर्ण एवं इंस्पेक्टर संजीव की टीम ने कई आतंकवादियों एवं खूंखार अपराधियों की गिरफ्तारी में अह्म भूमिका को अंजाम दिया था। इंस्पेक्टर उमेश भरथवाल तथा एसआई मुकेश सिंह की टीम ने दिल्ली, उतर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश जैसे 7 राज्यों में वांछित खूंखार अपराधी को अपनी जान जोखिम में डालकर पकड़ने में शानदार कामयाबी हासिल की थी। कई राज्यों की पुलिस के साथ 7 बार हुई मुठभेड़ में चालाकी से बच निकलने वाले इस बदमाश को पकड़ने के लिए 8.11.2017 को कालिंदी कुंज चौक के निकट अल्प सुबह ललकारा और एक संक्षिप्त मुठभेड के बाद उसे दबोचने में कामयाबी हासिल की। बाद में इस बदमाश के कब्जे से कई पिस्टल व जिंदा कारतूस बरामद किए गए । इंस्पेक्टर सुनील, इंस्पेक्टर यशपाल तथा एएसआई गुलाबः की टीम ने एक पुख्ता सूचना के आधार पर कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल एक खूंखार आतंक वादी को नवम्बर, 2018 में कश्मीर में जाकर दबोच ने में उल्लेखनीय सफलता अर्जित की थी। यह आतंकवादी कश्मीर में सक्रिय हो रही आतंकवादी गतिविधियों को दिल्ली में फैलाना चाह रहा था।

विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानितः  हिबू तमंगः वर्तमान में संयुक्त पुलिस आयुक्त ,प्रशिक्षण के तौर पर अपने दायित्व को संभाल रहे  हिबू तंमग ने अरूणाचल प्रदेश में उप-ंउचयपुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) के तौर काम करते हुए पहली बार राज्य स्तर पर कमांडो तैयार किए  और कई पुलिस ऑपरेशन का नेतृत्व किया। वर्ष 2013 में उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने उन्हेंपुलिस आतंरिक सुरक्षा सेवा पदक से सम्मानित किया और उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव ने अनेक बार प्र्रशंसा पत्र देकर प्रोत्साहित किया। राजस्थान के प्रधान सचिव ने भी चुनाव में ऑब्जऱ्वर की डयूटी को बेहतर -सजय़ंग से निभाने पर सराहना पत्र दिया। उप-ंउचयनिरीक्षक चित्राः वर्ष 1986 में हेडकां.मिनिस्ट्रीयल के पद परभर्ती हुई चित्रा को उनके कठिन परिश्रम, अनुशासन तथा प्रशासनिक कामों में पारंगता हासिल करने पर सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस की कई प्रशासनिक शाखाओं में अपने दायित्व को सदैव निष्ठा, ईमानदारी और कर्मठ भावना सेकरने वाली चित्रा को एक अनुशासित एवं सौम्य व्यवहार रखने पुलिसकर्मीके तौर पर जाना जाता हैं।सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानितः  मोहम्मद अली: वर्ष 1998 में दानिप्स अधिकारी के तौर पर चयनित हुए  मोहम्मद अलीएसीपी गांधी नगर के तौर पर उन्होंने सुरक्षाव्यवस्था को मजबूत करने, इलाके में आम जन-ंउचयजीवन पर प्रभाव डाल रही प्रदूषित औद्योगिक की दशा सुधारने, लंबित आपराधिक मामलों को सुल-हजयाने एवं उनकी तफ्तीश को आगे ब-सजय़ाने एवं जन-ंउचयशिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करने की दिशा में शानदार काम किया।

दमन एवं द्वीप तथा दादर एवं नगर हवेली में पुलिस प्रभारी के तौर पर उन्होंने जांच में वैज्ञानिक पद्वति शामिल करने तथा कई संगीन व हिंसक वारदातों को सुल-हजयाने में शानदार काम किया। एसीपी मैट्रो, एसीपी सब्जी मंडी, एसीपी बसंत विहार रहने के बाद उन्होंने अति. उपा.पुलिस दक्षिणी जिला, अति.उपा. उतर-ंउचयपश्चिमी जिला, लाईसेसिंग शाखा, दक्षिण  तथा उतर-ंउचयपूर्वी जिला सहित महत्वपूर्ण पदों पर सफलतापूर्वक काम किया। उपायुक्त पुलिस डी.ई. सेल और उपायुक्त पुलिस मैट्रो के दायित्वों को भी उन्होनें बखूबी निभाया। कुमार ज्ञानेशः  कुमार ज्ञानेश ने सबडिविजिन एसीपी नारायणा,सुलतान पुरी और वंसत विहार में सफलता पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन किया। अति. उपायुक्त पुलिस सुरक्षा, दक्षिण-ंउचयपूर्वी जिला में उनके कार्यकाल को वरिष्ठ अधिकारियों ने काफी सराहा। वर्ष 1984 में हुएदंगों की विशेष जांच टीम में सदस्य के रूप में उनकी भूमिका काफी सराहनीय रही।एसीपी  राम मेहर सिंहः वर्ष 1981 में बतौर एसआई दिल्ली पुलिसमें शामिल हुए राम मेहर सिंह ने दिल्ली पुलिस की विभिन्न जिला यूनिटों में सफलता पूर्वक अपने दायित्व को अंजाम दिया। उनको अच्छी सू-हजयबू-हजय और कर्तव्यनिष्ठा से अपने कार्य को अंजाम देने पर दोबार असाधारण कार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रसाद नगर, प्रशांत विहारव करोल बाग जैसे सवेदनशील थानों में थानाध्यक्ष के तौर पर कामकरते हुए उन्होंने उल्लेखनीय सफलता अर्जित की। एसीपी ऑपरेशन मध्यजिला, एसीपी अपराध शाखा, एसीपी शाहदरा के तौर पर काम करते हुएउन्होंने कई संवेदनशील मामलों को सुल-हजयाया और अपनीसहनशीलता और पेशेवर निपुणता से काम करते हुंए अपने उत्तरदायित्वको शानदार-सजयंग से निभाया हैं एसीपी रामकुमार राठी: वर्ष 1982 में बतौर एसआई दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए रामकुमार राठी ने दिल्ली पुलिस की विभिन्न जिलायूनिटों में सफलतापूर्वक अपने दायित्व को अंजाम दिया हैं 1994में इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नत होने के बाद उन्होंने वर्ष 2001में थानाध्यक्ष तिमार पुर का स्वतंत्र प्रभार संभाला।


वर्ष 2006 से 12तक विदेश मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर तैनाती के दौरान उन्होंने भारत हाई कमिशन के तहत साउथ अफ्र्रिका व-सजयाका में देश व दिल्ली पुलिस का नाम रोशन किया। उनकी कर्तव्यनिष्ठ सेवाओं को विदेशमंत्रालय व दिल्ली पुलिस ने समय समय पर कई बार सराहा है। वर्ष 2013 मेंएसीपी के पद पर पदोन्नत हुए और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में अपनी भूमिका को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और वर्ष 2014 में एसीपीमहरौली में उनके काम को वरिष्ठ अधिकारी ने काफी सराहा। एसीपीनई दिल्ली जिला व एसीपी आईजीआई एयरपोर्ट पर उनकी कार्यकुशलताको देखते हुए उन्हें वर्ष 2017 में एसीपी छावला तथा 2018 मेंएसपी डाबडी का दायित्व सौंपा गया।एसीपी श्री मुकेश त्यागीः वर्ष 1989 में बतौर एसआई दिल्ली पुलिसमें भर्ती हुए एसीपी मुकेश त्यागी ने प्रारंभिक प्रशिक्षण के बादथानों में बेहतरीन कामकाज का प्रदर्शन किया और उसके बाद कईपुलिस चौकियों में स्वतंत्रत प्रभारी के तौर पर अपने दायित्व कोबखूबी निभाया। कई पुलिस स्टेशन में अतिरिक्त थानाध्यक्ष और कईपुलिस स्टेशनों में थानाध्यक्ष के तौर पर काम करते हुए उन्होंने अपराध एवं अपराधियों पर अकुंश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपराध शाखा की कई ईकाइयों में काम कर चुके श्रीमुकेश त्यागी का 30 वर्ष का सेवाकाल पूरी तरह बेदाग रहा है। समय समय पर उनके द्वारा किये गये उल्लेखनीय एवं सराहनीय कार्यो के लिए उन्हेंपुलिस आयुक्त ने प्रशंसा पत्र व नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। एसीपी दिनेश केशवः वर्ष 1989 में बतौर एसआई दिल्ली पुलिस में भर्ती होने वाले एसीपी दिनेश केशव ने सदैव अपने दायित्वको पूरी निष्ठा, समपर्ण एवं ईमानदारी से निभाया है। दिल्ली पुलिस कीविभिन्न जिला यूनिटों में काम कर चुके दिनेश केशव ने कईपुलिस चौकियों में प्रभारी के तौर पर उन्होंने इलाके मेंअपराधियों, गिरोह सरगनाओं, मादक द्रव्य पदार्थो सप्लाई में संलिप्तबदमाशों और ऑटो लिफ्टरों के खिलाफ चलाये गये विशेषअभियानों में शानदार भूमिका निभाई।

2010 मेंकॉमनवेल्थ खेलों के दौरान सुचारू यातायात संचालन में उनकीभूमिका प्रशसंनीय रही दिनेश केशव को एक व्यवहार कुशल, पेशेवरनिपुण और परिश्रमी पुलिस अधिकारी के तौर पर जाना जाता है।इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा: वर्ष 1982 में बतौरस्टैनाग्राफर भर्ती होने वाले इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा नेदिल्ली पुलिस की विभिन्न जिला/यूनिट के वरिष्ठ अधिकारियों के साथकाम किया। अपने फील्ड का अनुभव रखने वाले इंस्पेक्टर मनोज शर्मा ने विशेष पुलिस आयुक्त (सुरक्षा व शस्त्र पुलिस) तथा पुलिस आयुक्त केपीए के तौर पर सफलतापूर्वक काम किया है। इसके साथ ही उन्होंनेदिल्ली पुलिस की विभिन्न प्रशासनिक शाखाओं में भी सफलतापूर्वकअपने कर्तव्य को अंजाम दिया है। इंस्पेक्टर ओम प्रकाश श्रीवास्तवः साइबर फोरेसिंक की गहनजानकारी रखने वाले इंस्पेक्टर ओम प्रकाश तिवारी ने तकनीकी सहायतामें निपुणता के चलते वर्ष 2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बमविस्फोटो की वारदात सुल-हजयाने में अह्म भूमिका निभाई थी।वर्ष 2009 से 2014 तक स्पेशल सेल के सभी साइबर रेंज ऑपरेशन केदौरान मामलों का विश्लेषण करने, जांच करने तथा इलेक्ट्रानिकगजे़ट की पहचान करने में महारथ के कारण आतंकवादी संगठनों सेसंबंध रखने वाले आतंकवादियों को गिरफ्तार करने में उनकीभूमिका को समय समय पर वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा है। वर्ष 2015-2018 के दौरान तीन टॉप श्रेणी के आतंकवादियों को गिरफ्तार करने केसाथ-ंउचयसाथ गृहमंत्रालय के डिजिटल प्रोजक्ट सीसीटीएनएस में भी उनकीसक्रिय भूमिका भी प्रशसंनीय रही।

इंस्पेक्टर उमा शंकर तिवारी: वर्ष 1986 में बतौर कांस्टेबल दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए उमाशंकर तिवारी वर्तमान में इंस्पेक्टरलुक आफ्टर का प्रभार संभाल रहे हैं। 33 वर्षो से दिल्ली पुलिस की विभिन्न जिला/यूनिटों में काम कर चुके उमा शंकर तिवारी को अबतक 88 बार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रशंसा पत्र व नकद पुरस्कार देकरप्रोत्साहित किया है। बेदाग सेवा वाले उमाशंकर तिवारी पुलिसकार्यशैली की गहन जानकारी रखते हैं।एसआई मिनिस्ट्रियल प्रवीण कुमार: वर्ष 1989 में हेडकांमिनिस्ट्रियल के पद पर भर्ती हुए प्रवीण कुमार ने दिल्ली पुलिस अधिनियम1978 के तहत निर्मित नए नियम व अधिनियमों पर काम करने तथा प्रशिक्षणमें सुधार हेतु तैयार किये गये परिपत्रों/नियमों और अधिनियमों कोबेहतर बनाने में उनके योगदान को कई बार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियोंने सराहा है। दिल्ली पुलिस की कई शाखाओं में किये गये आधुनिकीकरण व नई भर्ती के अर्भ्यािर्थयों के अभिलेख की जांचकरने तथा प्रशासनिक कार्र्याे को नई दिशा में किये गये प्रवीणकुमार के कामों की समय समय पर प्रशंसा की है।ेएसआई मिनिस्ट्रियल भीम सिंहः दिल्ली पुलिस की विभिन्न प्रशासनिकशाखाओं में काम कर चुके एसआई भीम सिंह वर्ष 1989 में बतौर हेडकां. मिनिस्ट्रीयल भर्ती हुए । दिल्ली पुलिस में विभिन्नकार्यकारी पदो ंके सजृन और अतिरिक्त थानाध्यक्ष के पदों की स्वीकृतिकी प्रक्रिया को आगे ब-सजय़ाने में भीमसिंह ने सराहनीय सेवाएँ दी।दिल्ली पुलिस की लाईसेसिंग शाखा,गोपनीय शाखा में उनके लिपिकीय वर्ग के कार्य को वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा है। दिल्ली पुलिस मेंविभिन्न पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया और नई स्वीकृति के लिए तैयारहोने वाले प्रारूपों को भी अंतिम रूप देने में एसआई भीम सिंहके कौशल को वरिष्ठ अधिकारियों ने समय समय पर सराहा है।एएसआई नरेन्द्र पाल सिंहः वर्ष 1982 में दिल्ली पुलिस मेंकांस्टेबल पद पर भर्ती हुए नरेन्द्रपाल सिंह ने अपने डयूटी को सदैवपूरी निष्ठा, उत्साह और ईमानदारी के साथ निभाया है। एकअनुशासित, बुद्विमान और कठिन परिश्रम के लिए जाने जाने वाले नरेन्द्र पालसिंह का 37 वर्षो का सेवाकाल पूर्णतया बेदाग रहा है और उनकीसेवाओं को समय समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सराहा है।



एएसआई हरीश कुमार: हरीश कुमार वर्ष1982 में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए और वर्ष 1997 में हेडकां.तथा वर्ष2014 में एएसआई पद पर पदोन्नत हुए। दिल्ली पुलिस की विभिन्न जिला/यूनिटों में काम करते हुए उन्हें 111 बार वरिष्ठ पुलिसअधिकारियों ने उसकी अनुकरणीय एवं सराहनीय सेवाओं के लिए प्रशंसापत्र व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया है। एएसआई लक्ष्मी नारायण: वर्ष 1988 में दिल्ली पुलिस में बतौर भर्ती हुए लक्ष्मी नारायण वर्ष 2008 में हेडकां. तथा वर्ष 2019 में एएसआई के पद पर पदोन्नत हुए। दिल्ली पुलिस की विभिन्नजिला/यूनिटों में काम कर चुके लक्ष्मी नारायण को अब तक उसकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए 65 बार प्रशंसा पत्र व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।एएसआई गोविन्द सहायः एएसआई गोविन्द सहाय वर्ष 1990 में बतौरचालक दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए और 2008 में हेडकां0 पद पर पदोन्नत हुए। लगभग 30 वर्ष के सेवाकाल के दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की सुरक्षा, पीसीआर, लाईसेसिंग शाखा व पुलिस मुख्यालय सहितकई जिला/यूनिटों में सेवातँ दी है। पुलिस आयुक्त की व्यक्तिगत शाखा में तैनात एएसआई गोविन्द सहाय को अब तक लगभग 92 बार वरिष्ठपुलिस अधिकारियों ने प्रशंसा पत्र व नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। महिला हेडकां. मुकेश रानीः वर्ष 1996 में बतौर कांस्टेबल दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई मुकेश रानी वर्ष 2006 में हेडकां.पद पर पदोन्नत हुई और वर्ष 2016 सें एएसआई (लुक-ंउचयआफ्टर) कादायित्व संभाल रही है। मुकेश रानी को अब तक उसकी उल्लेखनीय एवंसराहनीय सेवाओं के लिए 43 बार प्रशंसा पत्र नकद पुरस्कार से सम्मानित कियाजा चुका है। हेडकां. जयवीर सिंहः वर्ष 1988 में बतौर कांस्टेबल दिल्ली पुलिस परिवार में शामिल हुए जयवीर सिंह ने दिल्ली पुलिस की विभिन्नजिला/यूनिटों में अपने दायित्व को पूरी निष्ठा एवं समपर्ण भाव सेनिष्पादित किया है। डयूटी के प्रति अनुशासित, कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदारजयवीर सिंह को लगभग 117 बार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रशंसा पत्र वनकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।

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