अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार 2025 तक यमुना की सफाई पूरी करने और सभी अनाधिकृत कॉलोनियों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ने को लेकर युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसी कड़ी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जहांगीरपुरी नाले में बह रहे गंदे पानी को रोकने के लिए शाह आलम बांध रोड पर दो बांध (वियर) के निर्माण की परियोजना को मंजूरी दी। 1.7 करोड़ रूपये की लागत वाली इस परियोजना का कार्य पूरा होने के बाद इलाके की कॉलोनियों से निकलने वाला सीवरेज नजदीकी एसपीएस के जरिए ट्रीट करने के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीजेबी के अधिकारियों को परियोजना को उम्मीदों के अनुरूप बनाने और समयसीमा के अंदर गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हम यमुना को स्वच्छ बनाने और बेहतर सीवरेज प्रबंधन की दिशा में लगातार काम कर रहे है। इसी के तहत शाह आलम बांध रोड पर जहांगीरपुरी नाले में बह रहे गंदे पानी को रोकने के लिए दो बांध (वियर) का निर्माण किया जाएगा। साथ ही वेस्ट वाटर को जहांगीरपुरी एसपीएस में डायवर्ट किया जाएगा। एसपीएस के माध्यम से सीवरेज एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। कोरोनेशन पिलर एसटीपी पर सीवर के पानी को ट्रीट किया जाएगा।जहांगीरपुरी और भरोला गांव में कई जेजे क्लस्टर हैं। इन जेजे क्लस्टरों में सीवरेज सिस्टम मौजूद नहीं है। पहले इन जेजे क्लस्टर से उत्पन्न सीवरेज को खुले नालों के माध्यम से जहांगीरपुरी नाले में छोड़ा जाता था, जो अंत में नजफगढ़ नाले के माध्यम से यमुना नदी में जाकर गिरता था। जहांगीरपुरी ड्रेन, नजफगढ़ नाले में गिरने वाला एक प्रमुख नाला है,जो नजफगढ़ नाले में करीब 80 एमजीडी का फ्लो कैरी करता है। इससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि और आस-पास के इलाकों में जल जनित रोगों की संभावना बढ़ जाती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली जल बोर्ड की ओर से जहांगीरपुरी के छोटे नालों का गंदा पानी शाह आलम बांध रोड और प्रयास रोड जहांगीरपुरी में सीवर लाइन के जरिए ट्रैप्ड किया जा रहा है।
वर्तमान में इन नालों के गंदे पानी के बहाव को मिट्टी भरे बोरों के सहारे बांध बनाकर प्रवाहित किया जा रहा है, लेकिन यह एक अस्थायी व्यवस्था है। इन नालों के प्रवाह को सुचारू रखने करने के लिए परमानेंट स्ट्रक्चर की जरूरत है। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने दोनों उप-नालियों पर बांध (वियर) का निर्माण किया करने का निर्णय लिया गया है, ताकि वेस्टरवॉटर को एसपीएस जहांगीरपुरी में डायवर्ट किया जा सके। एसपीएस से सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट करने के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद नजफगढ़ ड्रेन में कोरोनेशन पिलर से ट्रीटेड पानी ही बहेगा। साथ ही यमुना में साफ पानी गिरेगा।उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसी भी बड़ी नदी को साफ करने के लिए उसके स्रोतों को साफ करना जरूरी होता है। इसी तर्ज पर केजरीवाल सरकार ने यमुना में गिरने वाले सभी गंदे नालों की सफाई का बेड़ा उठाया है। नालों के जरिये यमुना के प्रदूषित होने की समस्या के समाधान पर लगातार काम किया जा रहा है। नालों के पानी की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। यमुना को प्रदूषित करने वाले नालों की सफाई होते ही यमुना अपने आप साफ होने लगेगी। यमुना में मिलने वाले दूषित नालों में प्रदूषकों की मात्रा को कम करने के लिए बांध (वियर) का निर्माण एक प्रभावशाली तरीका साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी डीजेबी को दी है। केजरीवाल सरकार का मुख्य मकसद यमुना को प्राथमिकता के आधार पर साफ करना है। यमुना क्लीनिंग सेल नए एसटीपी, डी-एसटीपी का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का 10/10 तक उन्नयन और क्षमता वृद्धि,अनधिकृत कालोनियों में सीवरेज नेटवर्क बिछाना, सेप्टेज प्रबंधन; ट्रंक/परिधीय सीवर लाइनों की गाद निकालना, पहले से अधिसूचित क्षेत्रों में सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना, आइएसपी के तहत नालों की ट्रैपिंग, नालियों का इन-सीटू ट्रीटमेंट आदि कार्यों कर रही हैं, ताकि दिल्लीवालों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले। ReplyForward
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