अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कल जो रात को जंतर मंतर पर अमित शाह की निरंकुश दिल्ली पुलिस ने किया वो कल्पना से परे है, खिलाड़ियों को पीटा गया, महिला खिलाड़ियों के साथ अभद्रता हुई. पीएम मोदी, कर्नाटका आकर किस मुँह से नारी शक्ति की बात करते हैं आप? 13 दिन से ऊपर हो गए हैं देश के सबसे होनहार खिलाड़ी सड़कों पर बैठे हैं – न्याय की आस में. पर यह न्याय की उम्मीद उस सरकार से लगा रहे हैं जिसके अंदर ज़मीर और नैतिकता का अंश भी नहीं है।
भाजपा के बाहुबली सांसद और गंभीर आक्षेपों से घिरे कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने साफतौर से कह दिया “पीएम मोदी या अमित शाह कह दें तो तुरंत इस्तीफा दे दूँगा” तो अब सवाल यह है कि पीएम मोदी कह क्यों नहीं रहे? क्या उनको इस देश की बेटियों की फ़िक्र नहीं? आख़िर उनके पास तो पहली शिकायत 2021 में ही पहुँच गई थी, यह ख़ुद विनेश फोगाट ने बताया है. कौन से मुहूर्त का इंतज़ार कर रहे हैं प्रधानमंत्री?
अब आगे पढ़िए कैसे कितने चेहरे बेनकाब हो गए.
पहले तो अमित शाह की दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बिना भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR तक दर्ज नहीं की. और अब को घिनौना काम कल रात को किया है – क्या इसको गृह मंत्री अमित शाह का वरदहस्त प्राप्त है?
क्या जिन खिलाड़ियों के साथ फोटो खींचा कर ख़ुद ही सारा श्रेय लेने में पीएम मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, जिस विनेश फोगाट को ‘मेरे घर की’ कहते हैं – उसके आँसू दिखाई नहीं दिए ? क्या उनकी एक बार भी टोह ली पीएम मोदी ने?
TV चैनल पर पुश अप करने से अगर फुरसत मिल गई हो तो खेल कूद के मंत्री अनुराग गोली मारो ठाकुर – इन खिलाड़ियों की भी थोड़ी चिंता कर लेते, आप ही के खोखले आश्वासन पर खिलाड़ियों ने पहला अपना प्रदर्शन खत्म किया था
भाजपा की महिला नेत्रियां खासतौर से महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पूरे मामले पर मौन धारण कर लिया है, वो गला केवल राहुल गांधी के नाम पर ही फाड़ेंगी
राष्ट्रीय महिला आयोग की रेखा वर्मा ने हर बार की तरह आँखें मूँद ली हैं, वो सिर्फ़ विपक्ष के खिलाफ भाजपाई रंजिश के लिए ही खुलेंगी
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रियांक कानूनगो – POCSO के आरोप के बावजूद भक्त बने रहेंगे – साधना सिर्फ़ विपक्षियों को निशाना बनाते वक्त टूटेगी
नामी गिरामी पूर्व खिलाड़ी, बड़े बड़े सिनेमा स्टार शायद ‘मन की बात’ सुनने में व्यस्त हैं – तभी बेचारों के पास दो मिनट का वक्त नहीं है खिलाड़ियों के समर्थन में बोलने का. और कुछ ने तो उल्टा खिलाड़ियों को ही कोस डाला. जीवन में सच के साथ प्रबलता से खड़े रहने वाले ही असली हीरो होते हैं. नीरज चोपड़ा जैसों का क़द कुछ और बढ़ गया. वहीं कुछ बड़े सितारे थोड़े और धूमिल पड़ गए
मीडिया की स्थिति दयनीय है. खिलाड़ियों के पक्ष में तो बोलना ही पड़ेगा – इतना तो जनता को दिखाना पड़ेगा. अब बाहुबली सांसद के ख़िलाफ़ भी बोलना पड़ रहा है – लेकिन मजाल है कि प्रधानमंत्री मोदी से उनकी चुप्पी और गृहमंत्री अमित शाह से उनकी पुलिस के बर्ताव पर एक सवाल कर लें
लेकिन सबसे ज़्यादा तरस तो भक्तों पर आता है – अब बेचारों को ठेका दिया गया है इस देश की आन – इन बेटियों को कोसने का, इन लड़कियों को ‘नौ सौ चूहे खाने वाली’ बताने का. व्यक्तिगत आक्षेप लगाए जा रहे हैं. भक्त बनना आसान नहीं. कुर्बानी देनी होती है – अपने दिमाग और अपनी आत्मा दोनों की.
पर पीएम मोदी, अब कल की घटना के बाद भी कब तक चुप रहिएगा? बृजभूषण शरण सिंह ने तो गेंद आपके पाले में डाल दी है – कब लिया जाएगा इस्तीफ़ा या अभी भी सिर्फ़ संरक्षण ही दीजिएगा? कब पूछियेगा अमित शाह से कल रात की घटना के बारे में? क्योंकि यह देश देख रहा है कि अब न्याय और अन्याय के बीच की दहलीज पर आप खड़े हैं।