अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज रविवार को गीता यूनिवर्सिटी में आयोजित संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि भाग लिया व दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों, फैकल्टी और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता के साथ नैतिकता और वैज्ञानिकता को होना चाहिए। इन तीनों के समावेश से शिक्षा में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी से इसके लिए सहयोग की अपील की। यूनिवर्सिटी परिसर में राज्यपाल के पहुंचने पर उपायुक्त डॉक्टर विरेंदर कुमार दहिया, पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने बुके देकर अभिनंदन एवं स्वागत किया तथा पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड आफ ऑनर दिया। उन्होंने विद्यार्थियों व फैकल्टी सदस्यों से विभिन्न विषयों पर संवाद किया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एसपी बंसल की लिखी पुस्तक ’मुसाफिर न थका न हारा’ का भी विमोचन किया। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हर वर्ष लाखों युवा यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण करके निकलते हैं परंतु सबको रोजगार मिले ऐसा संभव नहीं हो पाता। इसलिए युवाओं को रोजगार हासिल करने की बजाय रोजगार देने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। सरकार युवाओं में हुनर तलाश रही है व उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है। केंद्र व राज्य सरकार स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है। सरकार स्टार्ट अप के लिए युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है। युवा भी स्टार्टअप के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं और अपने भविष्य को मजबूत बना रहे हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाएं भी इसमें अग्रणी भूमिका निभाकर स्वयं को आत्मनिर्भर बना रही है।उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में नवाचार, कौशलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने का निर्णय लिया है, जो शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र नई शिक्षा नीति को 2030 में लागू करेगा जबकि हरियाणा में इसे इसी वर्ष नए सत्र से लागू किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के अवश्य ही बेहतर परिणाम होंगे। राज्यपाल ने शोधार्थियों से आग्रह किया कि वे इस प्रकार के शोध कार्य करें जिसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक भी पहुंच सकें और इसका उपयोग आमजन के सामाजिक जीवन में सुधार करने के लिए हो। उन्होंने अपने जीवन से जुड़े संस्मरण भी विद्यार्थियों के समक्ष रखें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के सपनों को साकार करने के लिए सभी को सहयोग करना होगा।राज्यपाल ने कहा कि गीता यूनिवर्सिटी में 96 शोधकर्ताओं में से 72 लड़कियां शोध का कार्य कर रही है। वर्तमान में किसी भी क्षेत्र में लड़कियां कम नहीं है। लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढकर देश का गौरव बढ़ा रही है। वे हर कार्य को रुचि लेकर व जिम्मेदारी पूर्वक करती हैं। उन्होंने लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी।कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के चांसलर एसपी बंसल ने यूनिवर्सिटी की प्रगति रिपोर्ट राज्यपाल के समक्ष रखी। कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी। इस मौके पर उपायुक्त डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दहिया, पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह, सीडीएम आशीष वशिष्ठ,यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एसपी बंसल, विकास सिंह, गीता बंसल ,अंकुश ,निशांत नेहा, एडवोकेट राममोहन राय, वीरेंद्र सिंगल रमेश पुहाल, गुलशन चौहान के अलावा गवर्निंग बॉडी के सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन प्रो. पारुल ने किया। कार्यक्रम के समापन से पूर्व यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अशोक अरोड़ा ने सभी का आभार प्रकट किया।
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