अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, पंचकूला द्वारा कल बुधवार को हिमांशु शर्मा पुत्र मुकेश शर्मा निवासी शिव कॉलोनी, नारनौल (प्राइवेट व्यक्ति) को शिकायतकर्ता से 1,00,000/-रुपए नकद (एक लाख रूपये) जांच अधिकारी एएसआई. संदीप थाना साइबर साउथ, गुरूग्राम के नाम से मांगी गई रिश्वत सहित रंगे हाथों नारनौल रेवाड़ी बाईपास से गिरफतार किया गया है तथा आरोपित के विरुद्ध मुकदमा संख्या 28 दिनांक 30.7.2025 धारा 7, व 7ए पीसी एक्ट थाना, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गुरुग्राम में दर्ज किया गया। आरोपित को आज न्यायालय, नारनौल में पेश किया जाएगा।
मामला यह था कि शिकायतकर्ता ने राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गुरुग्राम को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि मुकदमा नंबर-156 दिनांक 9.6.2025 धारा 318 (4), 319 बी.एन.एस. थाना साइबर क्राइम, गुरुग्राम में सुमीत व मोहित नाम के व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज है। इस मुकदमा के तफ्तीश अधिकारी ए.एस.आई. संदीप का उसके पास फोन आया जिसने उसे बताया कि उसका उपरोक्त मुकदमा में नाम सामने आया है। उसके द्वारा इस बारे अपने दोस्त हिमांशु को बताया गया। इस पर हिमांशु शर्मा द्वारा उससे कहा गया कि उसका विनोद नाम का एक पुलिस कर्मचारी जानकार है।
वह इस बारे उससे बात करके उसे बताएगा। अब हिमांशु शर्मा व विनोद द्वारा उसका नाम उपरोक्त केस से हटाने के लिए मुकदमा के जांच अधिकारी ए.एस.आई संदीप थाना साइबर क्राइम, गुरूग्राम से मध्यस्थता कर उससे 1,00,000/-रुपए . बतौर रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गुरुग्राम द्वारा शिकायतकर्ता से 1,00,000/-रुपए नकद जांच अधिकारी ए.एस.आई. संदीप उपरोक्त के नाम रिश्वत राशि लेते हिमांशु शर्मा (प्राइवेट व्यक्ति) को रंगे हाथों गिरफतार किया गया।
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