अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:हरि मंदिर आश्रम फरुखनगर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष राधेश्याम बत्रा ने बताया कि अंग्रेजों के टाइम में यहां पर ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग रहते थे और इस मौहल्ले को उस समय कसाई मोहल्ले के नाम से जाना जाता था। बाद में खेमचंद भगत ने अपनी जमीन मंदिर के लिए दान कर दी और स्वामी अमर देव महाराज से यहां मंदिर बनाने के लिए प्रार्थना की गई। तब करीब 15 – 20 साल पहले खेमचंद भगत की प्रार्थना पर अमर देव महाराज द्वारा इस हरि मंदिर आश्रम का निर्माण करवाया गया था। अब महामंडलेश्वर धर्म देव महाराज पटौदी की देखरेख में इस मंदिर का कार्य सुचारू रूप से चलता है और उनके द्वारा राधेश्याम बत्रा को हरि मंदिर आश्रम समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
राधेश्याम बत्रा का पूरा परिवार मंदिर की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। निरामया चैरिटेबल ट्रस्ट रजिस्टर्ड संस्था निशुल्क नेत्र जांच मोतियाबिंद ऑपरेशन लैंस सहित, मुफ्त चश्मा वितरण में करीब 15 सालों से कार्यरत है व हरियाणा के अनेकों क्षेत्रों में सैन्टिस फाउंडेशन, मानव सेवा समिति पटौदी व अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर नेत्र जांच सेवा कार्य में लगी हुई है। तकरीबन 4 साल से यहां हरि मंदिर आश्रम फरुखनगर पर भी महीने के पहले व आखिरी मंगलवार को फ्री नेत्र जांच शिविर का आयोजन व फ्री चश्में वितरण किए जाते हैं। संस्था के संस्थापक डॉ त्रिलोक नाथ आहूजा ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले 20 अप्रैल से नेत्र जांच कैंप का कार्य स्थगित हो गया था जिसे अब फिर से शुरू कर दिया गया है।
आज फिर से यहां फ्री नेत्र जांच शिविर लगाया गया। शिविर में कोरोना महामारी की प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीजों को देखा गया। ओपीडी में 165 लोगों के नेत्रों की जांच की गई। समाजसेवी सूर्य देव नखरौला ने पूरे दिन संस्था के साथ मिलकर निस्वार्थ वॉलिंटियर सेवा की और स्वयं 40 लोगों को फ्री चश्मे वितरण किए व अन्य सभी प्रकार की सेवाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 22 लोगों को कैटरेक्ट सर्जरी के लिए आहूजा नेत्र हॉस्पिटल गुड़गांव भेजा गया जिसमें 107 वर्षीय रामचंद्र पुत्र कालूराम फरुखनगर को भी नेत्र सर्जरी के लिए आहूजा नेत्र हॉस्पिटल भेजा गया जहां पर कुशल नेत्र सर्जन डॉक्टर हितेंद्र अहूजा द्वारा सर्जरी की जाती है। सैन्टिस फाउंडेशन द्वारा चश्मा व दवाइयां फ्री वितरित की जाती है।