अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पीएचडी डिग्री तथा अन्य मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में आधे से अधिक बेटियों की संख्या हरियाणा ही नहीं बल्कि समूचे भारत के विकास का प्रमाण है। आज हमारी बेटियां पूरे दक्ष के साथ शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपना नाम रोशन कर रही हैं। आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में विद्यार्थियों में भी 75 प्रतिशत से अधिक छात्राएं हैं , यह संतोष और गर्व का विषय है कि हमारी बेटियां कृषि एवं संबद्ध विज्ञान सहित अनेक क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। छात्र अपने ज्ञान की रोशनी से समाज व देश को भी रोशन करें।यह बात भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के सभागार में आयोजित 6 वें दीक्षांत समारोह हिसार में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।
इससे पहले महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों की ओर से राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। विश्वविद्यालय में पहुंचने पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सर्वप्रथम पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को शैक्षणिक शोभायात्रा के माध्यम से मंच तक लाया गया और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू व अन्य अतिथियों ने मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पर्यावरण एवं सामाजिक एकता में अहम योगदान देने पर इंद्रेश कुमार को मानद की उपाधि से सम्मानित किया।राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा ही नहीं बल्कि हमारे देश के विकास और समाज में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। गुरु जम्भेश्वर जी एक महान संत और दार्शनिक थे। वे वैज्ञानिक सोच, बेहतरीन जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण के समर्थक थे। उनका मानना था कि प्रकृति की रक्षा करना, सभी जीवों के प्रति करुणा और दया का भाव रखना तथा उन्हें संरक्षण प्रदान करना, मानव का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की 30 वर्षों की यात्रा में यहां के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने विभिन्न शोध और अनुसंधान परियोजनाओं में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। यहां पर इन्क्यूबेशन, स्टार्ट-अप, पेटेंट फाइलिंग अनुसंधान परियोजनाएं विशेष विभाग बनाये गए हैं। ये सभी प्रयास यहां के विद्यार्थियों में नवाचार और उद्यमिता की भावना को विकसित करते हुए भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगे। देश के संतुलित और सतत विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि शिक्षा और तकनीकी का लाभ गांव-गांव तक पहुंचे। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि विद्यार्थी भी अपने गांव और शहर के लोगों को शिक्षा के महत्व को बताएं, उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में समय की मांग के अनुसार महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है। इस विश्वविद्यालय के सभी कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप हैं, जो विद्यार्थियों में मौलिक सोच और रचनात्मक क्षमता को बढ़ावा देगी और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी।राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज के दिन आपके जीवन की नयी यात्रा शुरू हो रही है। इस यात्रा में चुनौतियां भी होंगी और अवसर भी होंगे। निरंतर सीखते हुए और अपने कौशल को बेहतर करते हुए आप चुनौतियों को अवसर में बदल सकते हैं। छात्र रोजगार प्राप्त करने की बजाय दूसरों को रोजगार देने वाले बने।दीक्षांत समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मेडल और पुरस्कार प्राप्त छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को तेजी से बदलते हुए परिवेश में अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए हमेशा नवीनतम तकनीकों और रुझानों से अवगत रहना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, केवल ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का साधन नहीं है। शिक्षा मनुष्य के भीतर नैतिकता, करुणा और सहिष्णुता जैसे जीवन-मूल्यों को विकसित करने का माध्यम भी है। विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, हरियाणा के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय तथा कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा का स्वागत किया।
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