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नोएडा

यमुना एक्सप्रेसवे वाहनों की रफ्तार कम हुई, हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं-अरुणवीर


अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
नॉएडा: नोएडा को आगरा से जोड़ने वाला165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेस वे हादसों के कारण एक बार फिर सुर्खियों में है. यहाँ 15 दिसंबर से 15 फरवरी 2022  तक कोहरे की आशंका के चलते यमुना एक्सप्रेसवे पर प्राधिकरण के आदेशों के बाद भारी व हल्के वाहनों की रफ्तार कम की गई है। इसके बावजूद दो बड़े हादसे में लोगों ने अपनी जान गवाई है और घायल हुए है.जो अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है, यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ का कहना है कि हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे कोहरे के कारण पुलिसकर्मी वाहन चालको आवश्यक हिदायत देते हुए बता रहे हैं कि वाहन चलाते समय किन- किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि उनका सफर सुरक्षित रहे.

यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह कहते हैं कि हर साल की तरह बढ़ते ठंड और कोहरे के प्रभाव को देखते हुए 15 दिसंबर से यमुना एक्सप्रेस वे पर हल्के और भारी वाहनों के लिए नई स्पीड लिमिट तय कर दी गई है, हल्के वाहन के लिए अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटा,  वहीं भारी वाहन के लिए अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटा है. उसके बाद भी शुरुआती दौर में दो दुर्घटनाएं हो गई.अरुणवीर सिंह कहते हैं कि रात के समय वाहन चालक नींद में किसी दुर्घटना का शिकार न हो, इसके लिए रात 12 से सुबह पांच बजे तक टोल पर कर्मचारियों की टीम चालकों को चाय पिलाने के साथ ही ठंडे पानी से मुंह धूलवाने के लिए रोकती है। टोल प्लाजा पर स्पीड कम करने के लिए माइक से उद्घोषणा करने के अलावा साइन बोर्ड लगाए गए हैं।

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 165 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ हाई बीम लगाए गए हैं उससे 50 फीसदी दुर्घटनाओं में कमी आई है लेकिन रोड के साइड में जो बीम लगे हैं उनको तोड़ कर दो घटनाएं हुई हैं मतलब  उसमें  भी सुधार की आवश्यकता है.सीईओ कहते हैं कि अभी साइड बैरियर्स की हाइट डेढ़ मीटर है इसको बढ़ाकर ढाई से तीन मीटर करने की जरूरत है इस संबंध में मार्च में एक बैठक करने जा रहे हैं जिसमें विशेषज्ञों से बातचीत की जाएगी कि यदि साइड बैरियर बढ़ा दे तो रोड सेफ्टी समस्या तो नहीं आएगी, उनकी अनुमति लेकर हम दोनों साइड में भी हम क्रैश बैरियर लगाएं जिससे कि साइड से होने वाले दुर्घटनाओं को रोक सके. भी हमारे पास कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है कि कोहरे लिए अलग से कैमरे लगा के लोगों को जानकारी दी जा सके. इंडिकेटर लगे हुए हैं उन्हीं के आधार पर लोग पता लगाते हैं कि कहां पर कितना गहरा कोहरा है लेकिन गाड़ियों में फॉग लाइट लगाना जरूरी है अगर फॉग लाइट का इस्तेमाल करेंगे दुर्घटनाओं में कमी आएगी.

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