अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: मध्य प्रदेश के शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि शहरी स्थानीय निकायों में जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है और इसे जन आंदोलन का रूप देना होगा। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की तीन परतें है। लोकसभा, विधानसभा और शहरी स्थानीय निकाय और इन तीनों में शहरी निकाय सबसे जमीनी और प्रभावशाली स्तर है। विजयवर्गीय शुक्रवार को गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वे स्वयं सबसे पहले पार्षद रहे, फिर मेयर बने और बाद में विधानसभा व लोकसभा दोनों में प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अनुभव साझा करते हुए कहा कि शहरी स्थानीय निकाय वह कड़ी है जहां जनता से सीधा संपर्क होता है और काम करना सबसे चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यधिक संतोषजनक होता है।
देशभर से आए जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि जब इंदौर नगर निगम में फंड की कमी थी, तो उन्होंने आमजन से सीमेंट देने का आह्वान किया। इस पहल पर उन्हें 80 करोड़ रुपये की सीमेंट मिली और उसी की बदौलत लगभग 300 करोड़ रुपये की सड़कों का निर्माण कार्य करवाया गया।
उन्होंने बताया कि इंदौर में एक ही दिन में 12 लाख 40 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। खास बात यह है कि एक साल बाद भी सभी पौधे जीवित हैं, जो जनसहभागिता की सफलता का प्रमाण है। विजयवर्गीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद शहरी स्थानीय निकायों के बजट में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और शहरी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।
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