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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने की एनडीआरआई के 19वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता, 544 विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़:भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के 19वें दीक्षांत समारोह में 544 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की और गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी अपने जीवन के नए अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए आप सदैव नया सीखने के लिए प्रयत्नशील रहें  तथा जन कल्याण के लिए कार्य करें।राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि आप राष्ट्र की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें और डेयरी उद्योग में रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ उद्यमी अवश्य बनें। इस क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं और आपको इन संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। भारत का विश्व के दूध उत्पादन में लगभग 22 प्रतिशत का योगदान है। डेयरी सेक्टर का देश की जीडीपी में लगभग 5 प्रतिशत का योगदान है तथा डेयरी उद्योग से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 8 करोड़ परिवारों को आजीविका प्रदान करता है।

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि डेयरी उद्योग के प्रबंधन में नारी शक्ति अहम भूमिका निभा रही है। डेयरी सेक्टर में 70 प्रतिशत से अधिक भागीदारी महिलाओं की है। यह प्रसन्नता का विषय है कि आज डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एक तिहाई से अधिक लड़कियां हैं और गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में भी 50 प्रतिशत लड़कियां शामिल हैं। डेयरी सेक्टर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में और उनकी सामाजिक व आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने में खास महत्व रखता है। महिलाओं को नेतृत्व प्रदान करने के लिए समान अधिकार व समान अवसर मिलें, यह सुनिश्चित करने हेतू हमें महिलाओं के प्रशिक्षण तथा कौशल विकास के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ डेयरी फार्मिंग में महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए आसान ऋण की व्यवस्था भी होनी चाहिए।राष्ट्रपति ने हरियाणा के खान पान और खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा कि हरियाणा के बच्चे खेलों में प्रदेश व देश का नाम रोशन कर रहे हैं। सेनाओं में प्रदेश के युवा बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यह दर्शाता है कि दूध-दही का खाना यो म्हारा हरियाणा इस प्रदेश की पहचान है।उन्होंने कहा कि भारत में गाय और भैंस की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ नस्लें दूसरी नस्ल की तुलना में 4 से 5 गुना अधिक दूध देने की क्षमता रखती हैं। एनडीआरआई द्वारा दूध देने वाली गाय और भैंस का क्लोन बनाने की तकनीक विकसित की गई है, यह सराहनीय बात है। इससे पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।राष्ट्रपति ने कहा कि दूध उत्पादन और डेयरी सेक्टर को सस्टेनेबल बनाना हमारे समक्ष एक चुनौती है, जिसका समाधान निकालने के लिए सरकार सहित सभी संस्थाओं के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एनडीआरआई ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए विभिन्न तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही बायोगैस उत्पादन जैसी क्लीन एनर्जी पर भी बल दे रहा है।इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्रपति का हरियाणा की पावन धरा पर पधारने के लिए पूरे प्रदेशवासियों की तरफ से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि हरियाणा देश के दुग्ध उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है। एन.डी.आर.आई करनाल में देसी गाय की बछड़ी का कलोन बनाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय डेयरी उद्योग में देश के आर्थिक विकास में योगदान देने और लाखों लोगों के जीवन में सुधार करने की अपार क्षमता है। सही नीतियों, निवेश पर नवाचार के साथ, भारत डेयरी उद्योग में एक वैश्विक अग्रदूत बन सकता है, और यह दूसरी श्वेत क्रांति के लिए सही समय है।राज्यपाल ने कहा कि डेयरी विज्ञान, पशुपालन और संबंधित क्षेत्रों के विद्वानों के रूप में आप हमारी अर्थव्यवस्था और समाज में इन क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका से अच्छी तरह वाकिफ हैं। डेयरी उद्योग हमारे देश के सबसे बड़े कृषि क्षेत्रों में से एक है, जो लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है और हमारे राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसी तरह, पशुपालन खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, लाखों लोगों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने और कई ग्रामीण समुदायों की आजीविका का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।उन्होंने कहा कि एनडीआरआई, करनाल का डेयरी विज्ञान, पशुपालन और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षा में उत्कृष्टता का एक समृद्ध इतिहास रहा है। उन्होंने एनडीआरआई के संकाय सदस्यों को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने शिक्षा और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार के लिए आपके जुनून ने आपको कौशल और ज्ञान प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, बढ़ती इनपुट लागत, नई बीमारियों का उभरना और पशु कल्याण उपायों के बारे में जागरूकता की कमी जैसी कई चुनौतियां इस क्षेत्र के सामने हैं, मुझे विश्वास है कि इस संस्थान के स्नातक विद्वानों के रूप में यहां के विद्यार्थी इन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करेगें।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को डेयरी उद्योग चलाने के लिए बैंकिंग क्षेत्र से लोन दिलाया जाएगा ताकि युवा स्वरोजगार के साथ -साथ हरियाणा द्वारा पूरे देश को दूध आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सर्वे करवाया गया था, जिसमें 60 प्रतिशत युवाओं ने डेयरी के क्षेत्र में स्वरोजगार अपनाने की इच्छा जताई थी। ऐसे युवाओं के सपनों को पंख लगाने के लिए राज्य सरकार बैंकिंग क्षेत्र से बात करके सहकारी विभाग के माध्यम से उनके डेयरी उद्योग को स्थापित करवाने में सहयोग करेगी।मनोहर लाल ने दानवीर कर्ण की नगरी तथा महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक स्वर्गीय कल्पना चावला के जन्म स्थान करनाल में राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के कारण भी करनाल का नाम आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के संघर्षपूर्ण जीवन के बारे में बताया और कहा कि उन्होंने कई बाधाओं को पार करके देश के प्रथम नागरिक के पद तक पहुंच कर जता दिया है कि हमारे लोकतांत्रिक देश में परिश्रम से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।उन्होंने हरियाणा के कृषक को मेहनती बताते हुए कहा कि आज देश में दूध की उपलब्धता जहां 444 ग्राम प्रति व्यक्ति है वहीं हरियाणा में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1127 ग्राम है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का दुग्ध उत्पादन में देश में आज बेशक तीसरा स्थान है, परंतु उन्हें उम्मीद है कि किसानों के परिश्रम की बदौलत जल्द ही पंजाब व अन्य राज्य से आगे बढ़कर सर्वाधिक दूध उत्पादन वाला प्रदेश बन जाएगा। उन्होंने कहा कि क्लोन के माध्यम से गिर नस्ल के बछड़े पैदा करने पर राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयोग से नस्ल सुधार होगा और देश में दूध उत्पादन बढ़ेगा।मुख्यमंत्री ने इस संस्थान में रिसर्च करने वाले युवाओं द्वारा संस्थान का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी। उन्होंने ‘शिक्षार्थ आइये, सेवार्थ जाइये‘ स्लोगन का जिक्र करते हुए कहा कि युवा संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं और यहां से निकलकर देश सेवा करते हैं। उन्होंने संस्थान के उपकुलपति को आग्रह किया कि इस राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान से उत्तीर्ण हुए पूर्व छात्रों का मिलन-समारोह भी करवाएं ताकि दूसरे युवा उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकें।मनोहर लाल ने हरियाणा के लिए प्रसिद्ध उक्ति ‘देशां में देश हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा‘ का हवाला देते हुए कहा कि इसी दूध की बदौलत हरियाणा का मजबूत युवा जहां खेलों में देश के लिए पदक ला रहा है, वहीं देश की सीमा पर प्रहरी बनकर दुश्मन को मुंह तौड़ जवाब देने में हमेशा आगे रहता है।
उन्होंने इस अवसर पर डिग्री और डॉक्टरेट की उपाधि को प्राप्त करने वाले युवाओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह न सिर्फ किसी विद्यार्थी के जीवन के लिए बल्कि किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए बहुत महत्व रखता है।समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र तोमर, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं  डेयरी मंत्री  परशोत्तम रुपाला, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, आईसीएआर-एनडीआरआई के निदेशक और कुलपति डॉ. धीर सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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