अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद व महासचिव जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दोस्तों, आज कांग्रेस पार्टी में काफी व्यस्त दिन है हमारी पार्टी के लिए क्योंकि आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चिकमगलूर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की,आपने देखा होगा… आज दोपहर को, शाम को राहुल जी का चुनावी प्रचार होगा उत्तरी कर्नाटक में पर ये दिन… मैं आपको याद दिलाने आया हूं आज का दिन हमारे राजनीतिक इतिहास में एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है, एक मील का पत्थर लगाया गया था इसी दिन 30 साल पहले… 30 साल पहले 73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ और मेरा मानना है और कई लोगों का मानना है कि राजीव गांधी जी का सबसे महत्वपूर्ण, सबसे बड़ा योगदान हमारी राजनीति में ये 73वां संविधान संशोधन अधिनियम है।
राजीव गांधी जी ने शुरुआत की थी संविधान संशोधन लाने में ताकि पंचायतों को और नगर पालिकाओं को अलग से, विशेष रूप से संवैधानिक दर्जा दिया जाए। 1989 में लोकसभा में विधेयक पारित हुआ परन्तु राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी को बहुमत नहीं था और 5 वोटों से ये संविधान संशोधन विधेयक पारित नहीं हो पाया, उसके बाद उनकी हत्या हो गई, कांग्रेस की सरकार भी…. पहले वीपी सिंह की सरकार आई, चंद्रशेखर की सरकार आई पर कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में ये संविधान संशोधन हो पाया, 73वां संशोधन जो पंचायतों को संवैधानिक दर्जा देता है और 74वां संशोधन जो शहरी इलाकों में जो लोकल बॉडीज़ हैं… नगर पालिकाओं को संविधानिक दर्जा देता है। 2010 से… आज हमारे प्रधानमंत्री श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं पर मैं आपको याद दिला दूं और देश को याद दिला दूं कि पहली बार 2010 में 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती दिवस के रूप में मनाया गया था, ये प्रथा 2010 में शुरू हुई और हर साल ये दिन पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है।अगर आप हमारे संविधान को देखें, Constitution of India को देखें तो अनुच्छेद 243 इसमें शामिल किया गया था, राजीव गांधी जी के प्रयासों से, उनके नेतृत्व में और ये हमारे संविधान का सबसे लंबा, सबसे विस्तार में जो प्रावधान किए गए हैं… 395 धाराएं हैं हमारे संविधान में पर ये विशेष धारा आर्टिकल 243 सबसे लंबा है क्योंकि पंचायतों को और नगर पालिकाओं को जो अधिकार दिए गए हैं, जो जिम्मेदारी सौंपी गई है संविधान के द्वारा… उन सबका संविधान में प्रावधान किया गया है, ये पहली बार हुआ है। इसीलिए ये एक क्रांतिकारी कदम था, प्रगतिशील कदम था और ये हमारे देश की राजनीति में एक बहुत बड़ा परिवर्तन लाया। आज अगर आप देखें हमारे देश में 32 लाख चुने हुए प्रतिनिधि हैं पंचायती राज संस्थाओं में। 32 लाख चुने हुए प्रतिनिधि पंचायती राज, ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत, जिला पंचायत… जो हमारा सिस्टम है, त्रिस्तरीय सिस्टम है, उसमें 32 लाख चुने हुए प्रतिनिधि हैं और इन 32 लाख चुने हुए प्रतिनिधियों से करीब 15 लाख महिलाएं हैं, 45 प्रतिशत चुने हुए प्रतिनिधि हमारी पंचायती राज संस्थाओं में महिलाएं हैं।जब राजीव गांधी ने ये संविधान संशोधन की कल्पना की थी और जो अधिनियम पारित हुआ, जो विधेयक पारित हुआ, जो अधिनियम बना… उसमें महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया गया था। ऐसे तो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण देना अनिवार्य होता है संविधान के द्वारा, वो तो था ही पर इसके अलावा पहली
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