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दिल्ली नई दिल्ली

भारत के अंदर आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन उसके लिए हमें एक ईमानदार राजनीति की जरूरत पड़ेगी- सीएम

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार द्वारा लोगों को फ्री में दी जा रही विभिन्न सुविधाओं को ‘‘मुफ्त की रेवड़ियां’’ बांटने का आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज आड़े हाथ लिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अपने देश के बच्चों को फ्री में अच्छी शिक्षा देना और लोगों का फ्री में अच्छा इलाज करवाना, मुफ्त की रेवड़ी नहीं है। हम विकसित भारत की नींव रख रहे हैं। यह काम 75 साल पहले हो जाना चाहिए था। जब आप अपने दोस्तों के हजारों करोड़ रुपए के लोन माफ कर देते हैं और अपने चंद दोस्तों के लिए विदेशी सरकारों से ठेके लेते हैं, तो यह फ्री की रेवड़ी है। पूरी दुनिया में दिल्ली इकलौता शहर है, जहां एक-एक आदमी का इलाज मुफ्त है और इतनी चीजें फ्री करने के बाद भी दिल्ली का बजट फायदे में चल रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश में ईमानदार और भ्रष्टाचार, दो किस्म की राजनीति चल रही है। ईमानदार राजनीति वह है, जो आम आदमी पार्टी कर रही है। हम लोग एक-एक चीज में पैसा बचाते हैं और वो पैसा बचाकर जनता को सारी सुविधाएं दे रहे हैं। जो जनता को सुविधाएं नहीं देते हैं, लेकिन अपने मंत्री को सारी सुविधाएं देते हैं और अपने दोस्तों को करोड़ों रुपए के ठेके देते हैं, वो भ्रष्टाचार की राजनीति है। आज इस देश की जनता को तय करना है कि आपको ईमानदारी की राजनीति चाहिए या भ्रष्टाचार की राजनीति चाहिए।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है, केजरीवाल फ्री-बी दे रहा है। मुझे भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही हैं, मेरा मजाक उड़ाया जा रहा है। आज मैं देश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि मैं क्या गलत कर रहा हूं? दिल्ली के गरीबों और मिडिल क्लास के बच्चों को मैं सरकारी स्कूलों में शानदार शिक्षा दे रहा हूं, लेकिन फ्री में शिक्षा दे रहा हूं। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या मैं फ्री की रेवड़ियां बांट रहा हूं या देश की नींव रख रहा हूं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। अभी तक उन 18 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में था। हमारी सरकार बनी थी, उससे पहले जैसे देश भर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क है, देशभर में सरकारी स्कूलों की बुरी हालत है, वैसे ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की भी हालत थी। स्कूलों में पढ़ाई होती नहीं थी। सारे सरकारी स्कूल टूटे-फूटे थे, दीवारे टूटी हुई थी, छतें चू रही थी। ब्लैक बोर्ड और डेस्क नहीं था, बच्चे नीचे बैठे रहते थे। कोई पढ़ाई नहीं होती थी। 18 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद था। आज अगर हमने इन 18 लाख बच्चों का भविष्य अच्छा कर दिया, अगर मैं इन बच्चों को अच्छी और शानदार शिक्षा दे रहा हूं, लेकिन फ्री में दे रहा हूं, तो मैं क्या गुनाह कर रहा हूं। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजादी के बाद से 75 साल में पहली बार सरकारी स्कूलों में 99 फीसद से ज्यादा नतीजे आए हैं। मैं अगर अपनी बड़ाई खुद करूं, तो कहा जाएगा कि केजरीवाल अपनी बड़ाई खुद कर रहा है, लेकिन सरकारी स्कूलों के नतीजे 99 फीसद से ज्यादा आए हैं। सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ दिया है। पिछले कुछ सालों में दिल्ली के चार लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर सरकारी स्कूलों में भर्ती हुए हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है। आज गरीबों के बच्चे आईटी के अंदर मैकेनिकल, कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ रहे हैं और नीट की परीक्षा पास करके डॉक्टरी की पढाई कर रहे हैं। एक लड़का है गगन। उसके पिता जी गत्ते के डिब्बे बनाने की फैक्ट्री में काम करते हैं। कोरोना में उनकी वो नौकरी भी छूट गई। वो 15 हजार रुपए महीना कमाया करते थे। आज गगन का एडमिशन आईआईटी धनबाद में कंप्यूटर इंजीनियर में हुआ है, उससे पूछ कर देखिए कि क्या केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है या देश का भविष्य बना रहा है। ऐसे हजारों बच्चे, जिनका भविष्य आज हम लोगों ने सुनहरा किया है। यह काम 1947 में हो जाना चाहिए था, यह काम 1950 में हो जाना चाहिए, जो काम आज हम लोग कर रहे हैं। आज हम लोग देश की नींव रख रहे हैं। यह रेवड़ी नहीं है, हम लोग यह देश की नींव में एक-एक ईट रख रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमने दिल्ली के सरकारी अस्पताल शानदार कर दिए। दिल्ली में शानदार मोहल्ला क्लीनिक बना दिए, जिनकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। पूरी दुनिया के अंदर दिल्ली एक वह चुनिंदा शहर है, जहां पर दिल्ली के एक-एक आदमी का इलाज मुफ्त है। दिल्ली में दो करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। चाहे वो गरीब हो या अमीर हो। हम यह नहीं पूछते हैं कि वो कौन सी जात या धर्म का है। वो अमीर है या गरीब है, छोटा है या बड़ा है। दिल्ली में रहने वाले हर एक आदमी का सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त है। अगर उसके ऑपरेशन का 30, 40 या 50 लाख रुपए का खर्चा आएगा, तो उसकी सारी दवाइयां, सारे टेस्ट और सारे डायग्नोस्टिक, सब कुछ मुक्त है। सारे मोहल्ला क्लीनिक के अंदर एक-एक आदमी का इलाज मुक्त होता है। क्या मैं यह फ्री की रेवड़ियां बांट रहा हूं? दिल्ली में अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाए, तो हमने कहा है कि उसको सबसे करीब के अस्पताल में लेकर जाइए। चाहे कितना भी महंगा अस्पताल क्यों ना हो, यह नहीं सोचना है। उस आदमी को इलाज करने का सारा खर्चा दिल्ली सरकार देती है। उसे हम फ़रिश्ते स्कीम कहते हैं। सीएम ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक विकास साहनी साहब हैं। वो ईस्ट दिल्ली में रहते हैं। वो अपने घर से मार्केट के लिए निकले थे। उनका रास्ते में एक्सीडेंट हो गया। भगवान की कृपा थी कि उधर से अंतिम कोहली जी गुजर रहे थे। उन्होंने उनको उठाया और पास के एक छोटे अस्पताल ले गए। उस छोटे अस्पताल ने उनको फोर्टिस में रेफर कर दिया, क्योंकि उनको चोट बड़ी गहरी थी। फोर्टिस अस्पताल में उनके इलाज पर पांच लाख रुपए का खर्च आया। वो सारा खर्चा दिल्ली सरकार ने दिया। फरिश्ते योजना के अंतर्गत हम लोग अभी तक 13 हजार से अधिक लोगों की जान बचा चुके हैं। उन 13 हजार लोगों के परिवार वालों से पूछिए कि क्या केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है या पुण्य का काम कर रहा है, धर्म का काम कर रहा है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली के एक-एक परिवार को हम 200 यूनिट फ्री बिजली दे रहे हैं और पंजाब में हमने 300 यूनिट फ्री बिजली देनी चालू की है। ये कहते हैं कि केजरीवाल फ्री में बिजली क्यों दे रहा है? मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि तुम्हारे मंत्रियों को कितनी फ्री में बिजली मिलती है? तुम्हारे मंत्रियों और तुम लोगों को 4-4, 5-5 हजार यूनिट बिजली फ्री मिलती है, तब ठीक है, लेकिन गरीब जनता को अगर मैंने 200-300 यूनिट बिजली फ्री दे दी, तो तुम लोगों को बड़ी तकलीफ होती है। आज दिल्ली के अंदर हमने फ्री में लोगों को योगा कराना चालू किया है। दिल्ली में 17 हजार लोगों को योग कराने के लिए हम लोग फ्री में टीचर भेजते हैं। हमारे 500 से ज्यादा टीहचर फ्री में जगह-जगह योग कराने जाते हैं। हमने दिल्ली में सबकी दवाइयां, सारा टेस्ट और सबका इलाज फ्री कर दिया, लेकिन हमारा मकसद है कि कोई बीमार ही ना पड़ना चाहिए। इसलिए हम लोग उनको योग सिखाते हैं। प्रतिदिन हम 17 हजार लोगों को योग सिखा रहे हैं और उनको योग सिखाने की फ्री में टीचर भेज रहे हैं, तो हम लोग क्या गलत कर रहे हैं। आज मैं दिल्ली में हजारों बुजुर्गों को फ्री में तीर्थ यात्रा करा चुका हूं। दिल्ली में लगभग 45 हजार से ज्यादा बुजुर्ग फ्री में तीर्थ यात्रा कर चुके हैं। दिल्ली के बुजुर्ग तीर्थ यात्रा करने अयोध्या, हरिद्वार, मथुरा, शिरडी, रामेश्वरम और पुरी समेत कई जगहों पर गए। तीर्थ यात्रा कराने का तो पुण्य होता है और ये लोग मेरे को गालियां दे रहे हैं और कह रहे हैं कि केजरीवाल फ्री में रेवड़ी बांट रहा है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हम लोग दिल्ली में महिलाओं को बसों में फ्री में सफर करने की सुविधा दे रहे हैं। मेरा क्या कसूर है? जो लोग मेरे को गालियां दे रहे हैं, उन्होंने हजारों करोड़ रुपए खर्च कर अपने लिए शानदार हवाई जहाज खरीदा है। केजरीवाल अपने लिए हवाई जहाज नहीं खरीदता है। केजरीवाल उस पैसे को बचाकर अपनी मां-बहनों का सफर फ्री करता है, तो केजरीवाल क्या गलत कर रहा है। मैं पढ़ा लिखा हूं। इंजीनियरिंग में डिग्री की ।है मैंने एकाउंटिंग की भी पढ़ाई की है। कानून की भी पढ़ाई की है और मेरी डिग्री असली है, मेरी डिग्री भी फर्जी नहीं है। मैं सब कुछ समझता हूं। आज इतनी चीजें फ्री करने के बाद भी दिल्ली का बजट फायदे में चल रहा है। यह मैं नहीं कर रहा हूं। अभी थोड़े दिन पहले सीएजी की रिपोर्ट आई है और सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के बाद से जब से केजरीवाल की सरकार आई है, तब से दिल्ली का बजट नफे में चलने लगा है, उससे पहले घाटे में चल रहा था। दिल्ली का बजट भी नफे में चल रहा है और कोई नया टैक्स नहीं बढ़ाया। भ्रष्टाचार खत्म कर दिया। भ्रष्टाचार खत्म करके जो इतना सारा पैसा बचाया, उस पैसे से मैंने अपने लोगों को इतनी सहूलियतें दे दी, तो मैंने क्या गलत किया?सीएम अरविंद केजरीवाल ने फ्री की रेवड़ी के बारे में कहा कि मैं बताता हूं कि फ्री की रेवड़ी क्या होती है और इस देश में फ्री की रेवाड़ी कौन बांट रहा है? एक बहुत बड़ी कंपनी है। उस कंपनी ने कई बैंकों से लोन लिया। वो लोग उस लोन को खा गए। बैंक दिवालिया हो गए। उस कंपनी ने एक राजनैतिक पार्टी को चंद करोड़ रुपए का चंदा दे दिया और उस कंपनी के खिलाफ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। यह फ्री की रेवड़ी है। जब आप अपने दोस्तों के हजारों करोड़ रुपए के लोन फ्री में माफ कर देते हैं, तो यह फ्री की रेवड़ी है। जब आप विदेशों की यात्रा पर जाते हैं और विदेशों की यात्रा के बहाने आप अपने चंद दोस्तों के लिए विदेशी सरकारों से ठेके लेते हैं, तो यह फ्री की रेवड़ी है। आज देश में दो किस्म की राजनीति चल रही है। एक ईमानदार राजनीति और एक भ्रष्टाचारी राजनीति। ईमानदार राजनीति वह है, जो आज आम आदमी पार्टी कर रही है। हम एक-एक चीज में पैसा बचाते हैं और वो पैसा बचाकर हम जनता को सारी सुविधाएं दे रहे हैं। दूसरी भ्रष्टाचारियों की राजनीति है। जिसमें बड़े-बड़े हजारों करोड़ रुपए के ठेके दिए जाते हैं, ताकि खूब पैसा बनाया जा सके। यह ठेके अपनों को और अपने दोस्तों को देते हैं। अपने मंत्रियों को सारी सुविधाएं देते हैं, जनता सुविधा मांगे तो कहते हैं कि नहीं, यह फ्री-बी है, रेवड़ी बांट रहे हैं। जनता को सुविधाएं नहीं देंगे, लेकिन अपने मंत्री को सुविधाएं देते हैं और अपने दोस्तों को ठेके देते हैं। यह भ्रष्टाचार की राजनीति है। आज इस देश की जनता को तय करना है कि आपको ईमानदारी की राजनीति चाहिए या भ्रष्टाचार की राजनीति चाहिए।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं भारत को नंबर वन देश बनाना चाहता हूं। मेरी जिंदगी का एक ही मकसद है और भगवान से एक ही प्रार्थना है कि जब तक मैं जिंदा हूं। मैं अपने जीते जी भारत को दुनिया का नंबर वन देश देखना चाहता हूं। आजादी के 75 साल हो गए हैं। इन 75 सालों में हमारे से पता नहीं कितने देश आगे बढ़ गए। जापान, सिंगापुर, जर्मनी ओर अब तो बताते हैं कि बांग्लादेश भी कई चीजों में हमसे आगे बढ़ गया है। हम पीछे क्यों रह गए? हम दुनिया का नंबर वन देश क्यों नहीं बने। हमारे में क्या कमी है। हमें भगवान ने सब कुछ दे रखा है, पहाड़, नदियां, तरह-तरह की जड़ी-बूटियां, फसलें, समुद्र तट सब कुछ दे रखा है। भारत के लोग इतने बुद्धिमान हैं, फिर भी हम नंबर वन क्यों नहीं बन रहे हैं। हमारा मकसद भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाना है। आज दिल्ली के अंदर मैं बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहा हूं, फ्री की शिक्षा दे रहा हूं। लोगों का अच्छा इलाज दे रहा हूं, फ्री का इलाज दे रहा हूं। अगर कभी भगवान ने चाहा, तो देश के एक-एक बच्चे को हम फ्री की शिक्षा देंगे, अच्छी और शानदार शिक्षा देंगे। देश के एक-एक व्यक्ति को हम अच्छा इलाज देंगे, फ्री का इलाज देंगे और शानदार इलाज देंगे। इससे देश की नींव रखी जाएगी। यह काम 1947 या 1950 में हो जाना चाहिए था। जब तक हम अपने देश की नींव नहीं रखेंगे। जब तक हमारे देश की नींव मजबूत नहीं होगी, तब तक भारत दुनिया का नंबर वन देश नहीं बन सकता। भारत के अंदर आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन उसके लिए हमें एक ईमानदार राजनीति की जरूरत पड़ेगी।

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