अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा में जीएसटी विभाग के प्रशासनिक अधिकारी को रिश्वत लेते हुए सतर्कता विभाग मेरठ की ट्रैप टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। प्रशासनिक अधिकारी के विरुद्ध थाना नॉलेज पार्क, पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। यह मामला पूरे नोएडा क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।तस्वीर में पुलिस के गिरफ्त में खडे जीएसटी विभाग के प्रशासनिक अधिकारी का नाम सतेंद्र बहादुर सिंह है, उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत 45 हजार की रिश्वत लेते हुए सतर्कता विभाग मेरठ ने गिरफ्तार किया है. सतर्कता विभाग मेरठ के अधिकारियों शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी रामटेक के नाम से फर्म है, जो सलारपुर में वर्ष 2016 से प्रचलित है, जिसमें कम्प्यूटर रिपेयरिंग का काम किया जाता है। उक्त फर्म का पंजीकरण शिकायतकर्ता द्वारा वर्ष 2016 में कराया गया था।

फर्म का वैट एवं जीएसटी व्यापार कर विभाग को समय से जमा किया जाता है। लेकिन तकनीकी कारणों से 2016-17 और 2017-18 के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं हो पाया था, जिससे 4,55,840 का कर बकाया हो गया था। शिकायतकर्ता ने जब जीएसटी कार्यालय से संपर्क किया तो प्रशासनिक अधिकारी सतेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि फर्म की सेटेलमेंट प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए पचास हजार रिश्वत मांगी. उन्होंने धमकी भी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो पूरा टैक्स जमा करना पड़ेगा, और कोई राहत नहीं मिलेगी। शिकायतकर्ता ने कहा गया कि वह गरीब आदमी है। उसके पास पचास हजार नहीं हैं। इस पर सतेन्द्र बहादुर सिंह प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि 45000 हजार दे दो इससे कम में काम नहीं करूंगा।इसकी शिकायत जब सतर्कता विभाग से की गई तब सतर्कता विभाग मेरठ की ट्रैप टीम ने सतेंद्र बहादुर सिंह ट्रैप लगा कर 19 मई को तय योजना के अनुसार शिकायतकर्ता ने जैसे ही 45 हजार की रिश्वत दी, मौके पर मौजूद टीम ने सतेंद्र बहादुर सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सतेंद्र बहादुर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और उन्हें हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ जारी है।
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