अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: भारत सरकार ने संसद में माना कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के बाद बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है। संसद में दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली के जवाब से स्पष्ट है कि हरियाणा में काँग्रेस सरकार के समय 2013-14 में बेरोजगारी दर 2.9% थी जो बीजेपी सरकार के दौरान 2021-22 में 9.0% पहुंच गई है। राष्ट्रीय स्तर पर बेरोज़गारी दर को देखें तो ये 4.1% है इस हिसाब से हरियाणा में ये दर दोगुने से भी ज्यादा है। ये भयावह स्थिति तब है जब हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी को तीन तरफ से घेर रखा है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश में हरियाणा अकेला ऐसा प्रदेश है जहां भाजपा शासन काल में बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है।
हरियाणा में बेरोजगारी ने बिहार और झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। इतना ही नहीं, बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा उत्तर भारत के राज्यों में नंबर 1 बन गया है। हरियाणा ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात जैसे प्रदेशों को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी की वजह से नशा बढ़ा और नशे की वजह से अपराध बढ़ा। बेरोजगारी नशे और अपराध की जड़ है। यहाँ उल्लेखनीय है कि CMIE के आंकड़ों को हरियाणा सरकार ये कह कर नकारती रही है कि ये प्राइवेट एजेंसी के आँकडे हैं लेकिन अब भारत सरकार ने संसद में स्वीकार कर लिया है कि हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ने की गति 3 गुना है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि 2014 तक प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश में सबसे आगे था। रोजगार के मामले में हरियाणा दूसरे प्रदेशों को रास्ता दिखाता था। दूर दूर से लोग हरियाणा में रोजगार के लिये आते थे। लेकिन आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे युवाओं पर लगातार भर्ती घोटाले, भ्रष्टाचार की मार पड़़ रही है। पिछले 9 साल से प्रदेश में कोई नया निवेश, नयी फैक्ट्री नहीं लगी। इंटरनेशनल एयरपोर्ट, रेलकोच फैक्ट्री जैसी हरियाणा की बड़ी और मंजूरशुदा परियोजनाएं दूसरे प्रदेशों में चली गयीं। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि एक तरफ हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, तो दूसरी तरफ 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं। भर्तियाँ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। पक्की नौकरियों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। कौशल निगम के नाम पर कच्ची भर्ती कर युवाओं का शोषण चल रहा है। कहीं नौकरी निकल भी गई तो बीजेपी-जेजेपी सरकार की गलत नीतियों के चलते उसमें से ज्यादातर नौकरियां हरियाणा के युवाओं को न मिलकर दूसरे प्रदेशों के लोगों को मिल रही है। ऐसे में हरियाणा का युवा पूरी तरह हताश और निराश हो रहा है।
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