अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:हरियाणा विधानसभा में उपनेता एवं फरीदाबाद जिला कांग्रेस प्रभारी आफताब अहमद ने कहा कि रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आयोजित होने वाला यह ऐतिहासिक पंखा मेला फरीदाबाद, हरियाणा में ही नहीं अपितु देशभर में विख्यात है और इस मेले को देखने के लिए दूर दराज से लोग आते है। यह मेला हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और ऐसे आयोजनों से हमारे समाज में सुख-समृद्धि और भाईचारे की भावना को बल मिलता है। विधायक आफताब अहमद सोमवार को ओल्ड फरीदाबाद के ऐतिहासिक पंखा मेला का बतौर मुख्यातिथि शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में एनआईटी क्षेत्र के विधायक पंडित नीरज शर्मा, पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया व ललित नागर ने शिरकत की। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन कुमार सिंगला ने आफताब अहमद, विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया, ललित नागर, विजय प्रताप सिंह सहित अन्य अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।
इससे पहले विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया, ललित नागर व लखन सिंगला ने पंखा मेला कमेटी के साथ माता पथवारी मंदिर में पंखा चढ़ाया और माता का आर्शीवाद लेकर पूजा अर्चना की। उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए आफताब अहमद ने कहा कि यह पंखा मेला हमारी भारतीय संस्कृति धरोहर के प्रतिबिंब होते हैं और पंखा मेला कमेटी के सभी सदस्य प्रशंसनीय है, जो वर्षों से इस प्रथा का पूरी मान्यता के साथ निर्वहन कर रहे है। इस मौके पर विधायक नीरज शर्मा ने पंखा मेले के सफल आयोजन पर पंखा मेला कमेटी के पदाधिकारियों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि फरीदाबाद में हमारे पूर्वजों ने वर्षाे पूर्व एक शुरुआत की थी, जिसे हम धरोहर के रूप में निभाते आ रहे है। वहीं पूर्व विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया, ललित नागर व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विजय प्रताप सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि बताया जाता है कि फरीदाबाद में जब महामारी आई थी, उस दौरान मां पथवारी का पंखा उठाया गया था और महामारी समाप्त हो गई थी, तब से ही इस मेले की शुरुआत हुई, जो अब तक निरंतर जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी प्रसिद्ध पंखा मेले इसी प्रकार सफलतापूर्वक आयोजित होता रहेगा। इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन कुमार सिंगला ने कहा कि पंखा मेला हमारे पूर्वजों की धरोहर है, जिसे हम संजो कर रखे हुए है और हर रक्षाबंधन पर इस मेले को भव्य रूप से मनाते है और माता पथवारी पर पंखा चढ़ाते है, जिससे कि शहर में कोई आपदा व महामारी न फैले और सभी सुखी व निरोगी रहे। उन्होने कहा कि पंखा मेला आस्था और सामाजिक एकता की अनूठी मिसाल है और इस मेले को देखने के लिए समाज की छत्तीस बिरादरी के लोग बढचढक़र आते है। पंखा मेला में दिल्ली, नोएडा व अन्य शहरों के 18 बैंड व 22 झांकियां आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा 12 से अधिक झांकियों ने अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया।
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