अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद सीट पर निगम पार्षदों की भगदड़ बड़ा मुद्दा बन रही है। बीते दिनों में करीब एक दर्जन पूर्व एवं निवर्तमान पार्षदों ने कांग्रेस का दामन थामने की घोषणा की है और कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप का हाथ थामा है। इन पार्षदों का कहना है कि वह नगर निगम में लूट और भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं। इसलिए कांग्रेस का साथ दे रहे हैं। कांग्रेस ने भी स्थानीय निकायों को तंग नहीं किया और पार्षदों के अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश नहीं की।
बता दें कि पिछले दिनों दीपक चौधरी, राव महेंद्र,ऋषि चौधरी, महेंद्र सरपंच, कैलाश बैंसला, हेमा बैंसला, जयवीर खटाना, शीतल खटाना, ब्रह्मवती खटाना, ओमवती कंवर के पति निहाल पहलवान, संदीप भारद्वाज, विकास भारद्वाज आदि कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र प्रताप को अपना समर्थन दे चुके हैं। इनमें निर्दलीय, जेजेपी एवं बीजेपी से संबद्ध रहे पार्षद भी शामिल हैं। निर्दलीय पार्षद जीते और बाद में जेजेपी में शामिल हो गए दीपक चौधरी ने बताया कि नगर निगम में भ्रष्टाचार की आवाज उन्होंने ही सबसे पहले उठाई। नगर निगम में 200 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हो गया और उनकी आवाज तक नहीं सुनी जा रही है।
विकास कार्यों के बारे में उनकी सुनी नहीं जा रही है। सरकार की निरंकुशता के खिलाफ हमारे पास महेंद्र प्रताप का समर्थन करने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा था। हम इस चुनाव और इसके बाद राज्य में निरंकुश भाजपा शासन को बदलने जा रहे हैं। वहीं पूर्व पार्षद कैलाश बैंसला भी अपनी निवर्तमान पार्षद हेमा बैंसला के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। बैंसला ने बताया कि उनके अपने गांव में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का नाला कागजों में बन गया और उसकी पेमेंट भी हो गई। ऐसा भ्रष्टाचार हमने जीवन में नहीं देखा।
इसलिए हमने परिवर्तन का निर्णय लिया है। उधर दोनों भाईयों विकास और संदीप भारद्वाज ने भी कांग्रेस का दामन थामा और अपने घर वकील की कोठी से विशाल रोड शो कर जनता को बदलाव के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया। हालांकि पार्षदों की यह यलगार क्या रंग लाएगी यह चार जून को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
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