अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या मामले में डीजीपी मनोज यादव ने नई एसआइटी का गठन किया है। आइपीएस अमिताभ ढिल्लों इस एसआइटी के हेड होंगे। वहीं पानीपत में डीएसपी राजेश फौगाट को एसआइटी में शामिल किया गया है। इस मामले में पुलिस कमिश्नर संजय कुमार ने एसीपी क्राइम अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में पहले ही एक एसआइटी का गठन किया था। इसमें इंस्पेक्टर विमल कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था। 15 अगस्त को प्रकाशित की गई खबर में अथर्व न्यूज़ ने लिखा था कि पुलिस कमिश्नर संजय कुमार द्वारा एसीपी क्राइम अनिल यादव की देखरेख में जो एसआईटी गठित की हैं.जिसमें क्राइम ब्रांच,सेक्टर-30 के इंचार्ज विमल रॉय और उनके दो सब इंस्पेक्टर रविंद्र व सतीश को शामिल किया था
के बारे में लिखा था कि आरोपी इंस्पेक्टर अब्दुल सईद से एक बराबर के इंस्पेक्टर विमल रॉय व नीचे के सब इंस्पेक्टर-रविंद्र व सतीश का इस केस में सही कार्रवाई करना मुश्किल हैं और उसकी राजनितिक पहुंच के कारण पुलिस के लोग डरे हुए हैं,अब डीजीपी मनोज यादव ने अथर्व न्यूज़ की खबर पर मुहर लगाते हुए एक ईमानदारव व आईजी रैंक के आईपीएस अभिताभ सिंह ढिल्लों की देखरेख में नई एसआईटी गठित की हैं जो उनके साथ मिलकर डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या केस की जांच करेगी. इससे पहले से जांच कर रहे एसआईटी की टीम को बल मिलेगा और जांच को सही दिशा में ले जाया जाएगा । पहले से बनाई गई एसआइटी,नई बनी एसआइटी को आपस में जोड दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार एसीपी क्राइम अनिल कुमार एचपीएस हैं। कायदे से आइपीएस विक्रम कपूर आत्महत्या के मामले की जांच किसी वरिष्ठ आइपीएस को ही दी जानी चाहिए. जो अब दे दी गई हैं। इसलिए नई एसआइटी का गठन किया गया। बता दें कि इस मामले में इंस्पेक्टर अब्दुल सईद व सतीश मलिक के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अब्दुल सईद को गिरफ्तार कर पुलिस ने चार दिन की रिमांड पर लिया है। वहीं सतीश मलिक फरार है।
इस मामले में पुलिस टीम ने बताया है कि आरोपित इंस्पेक्टर अब्दुल सईद डीसीपी पर अपने भांजे को एक मुकदमे से निकालने व अपनी एक महिला मित्र के मामले में गलत कार्रवाई के लिए दबाव बना रहा था। इससे डीसीपी तनाव में आ गए और आत्महत्या कर ली। एक आइपीएस अधिकारी के इस तरह दबाव में आने की बात गले नहीं उतरती।