अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा के आधे से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। आने वाले दिनों में बारिश के चलते हालात और बिगड़ने की आशंका है। इसलिए सरकार को हाथ पर हाथ रखकर बैठने की बजाय सक्रिय होकर राहत कार्य शुरू कर देना चाहिए। जल निकासी और बाढ़ प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाने के लिए सरकारी अमले को मुस्तैद करने की सख्त आवश्यकता है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मानसून से पहले ही कांग्रेस ने सरकार को बार-बार चेताया था और ऐसे हालात के लिए पहले से ही तैयार रहने की नसीहत दी थी। लेकिन सत्ता के नशे में मदमस्त बीजेपी ने सुनवाई नहीं की, जिसका खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें खेती और जान माल का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
सरकार ने 2 साल पहले आई बाढ़ से भी कोई सबक नहीं लिया। कांग्रेस ने बार-बार सरकार से वक्त रहते नालियां, नहरें और सीवरेज की सफाई की मांग करी थी। लेकिन ऐसा नहीं होने के चलते अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, रोहतक, सोनीपत, सिरसा से लेकर पलवल, फरीदाबाद तक के तमाम क्षेत्रों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। मैंने खुद पूरे हरियाणा का दौरा किया और सरकार से मुआवजे की मांग की थी। लेकिन सरकार ने ना पूरी तरह लोगों के नुकसान का मुआयना किया, ना ही गिरदावरी करवाई और ना ही मुआवजा दिया।
इतना ही नहीं, सरकार ने बाढ़ से सबक लेकर किसी तरह के मुस्तैदी कदम भी नहीं उठाए। लगातार सरकार द्वारा अमृत योजना, साफ-,सफाई और सीवरेज व्यवस्था के मामलों में घोटाले किए जाते रहे। यही वजह है कि अब तमाम गांव से लेकर शहर तक, जल भराव व बाढ़ का सामना कर रहे हैं। गुरुग्राम जैसे शहर की सड़कें भी तालाब बन चुकी हैं। लोगों को कई-कई घंटों लंबे जाम का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने जिस गुरुग्राम को मिलिनियम सिटी बनाया था, उसे बीजेपी ने समंद्र बनाकर रख दिया है।कांग्रेस मांग करती है कि सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी जरूरी व्यवस्थाएं पहुंचाएं, जल निकासी के लिए वाटर पंप, मोटर और जनरेटर की व्यवस्था करे, लोगों के लिए खाने व पीने के पानी की सप्लाई सुनिश्चित करे और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए तमाम इंतजाम किए जाएं। फसलों से लेकर घरों और दुकानों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए तुरंत मुआवजा का ऐलान किया जाए।
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