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भिवानी:किसानों की दिक्कतों की सरकार को परवाह नहीं,ना वक्त पर मुआवज़ा ना फसल की पूरी कीमत: दिग्विजय चौटाला

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
भिवानी:जननायक जनता पार्टी नेता और इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने किसानों को लेकर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि किसानों के खातों से मुआवजे के नाम पर जबरन पैसा काटने वाली प्रदेश सरकार अब उन्हें मुआवजा देने से भी गुरेज कर रही है। दिग्विजय  ने कहा कि आज प्रदेश सरकार की उदासीन रवैये के कारण किसानों के 145 करोड़ रूपए से अधिक मुआवजा अटका हुआ है। इसकी सबसे ज्यादा मार करनाल, भिवानी, जींद, कैथल, सिरसा के जिलों के किसानों पर पड़ी है जिन्हें 2005 से 2018 तक का मुआवजा अभी तक नहीं मिला।



उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के इस उदासीन रवैये के कारण किसान हित में सांसद दुष्यंत चौटाला ने कई बार संसद के अंदर किसानों की आवाज उठाई। उन्होंने बाकायदा आंकड़ों के साथ केंद्र सरकार को संसद में बर्बाद हुई फसलों के बारे में कई बार अवगत भी करवाया है। इनसो अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दिनों विधानसभा में प्रदेश के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के द्वारा पेश किए गए बजट में भी साफ पता चलता है कि पिछले 4 सालोंं तक का मुआवजा दर्जनभर जिलों के किसानों को नहीं मिला।  दिग्विजय ने बताया कि पिछली खरीफ के सीजन में लाखों एकड़ फसल बर्बाद हुई थी उनमें भी किसानों के 131 करोड़ रूपए बाकी हैं। इसके अतिरिक्त भी धरतीपुत्रों को कई बार प्राकृतिक आपदाओं से दो चार होना पड़ रहा है। पिछले साल 14 जिलों के किसान जिनमें कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, झज्जर, भिवानी, दादरी, रेवाड़ी, फरीदाबाद, हिसार तथा जींद के अतिरिक्त स्वयं मुख्यमंत्री के करनाल जिले के किसान जलभराव से परेशान हुए थे और उनकी फसलें खराब हुई थी।



 दिग्विजय ने कहा कि सरकार ने किसानों को बीमा कम्पनियों व बैंकों के चक्करों में उलझाकर उनके साथ खिलवाड़ किया है। आज हालात ये है कि स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गई फसल बीमा योजना के तहत कम से कम 10 हजार किसानों के मुआवजे का मामला बैंकों और बीमा कम्पनियों में उलझ़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि 2053 किसानों के मामले बैंकों और 1733 बड़े मामले बीमा कम्पनियों में उलझकर मुआवजे के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि कें द्र सरकार और राज्य सरकार आए दिन किसानों के मुददों को सुलझाने का ढिंढोरा पीटती रहती है लेकिन वास्तविकता यह  है कि स्वयं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना औंधे मुंह गिरी है। उन्होंने कहा कि आज यदि आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो रेवाड़ी, कैथल, सिरसा करनाल, जींद, भिवानी के किसानों के ही लगभग डेढ़ सौ करोड़ के लगभग मुआवजा नहीं मिला है। जबकि इन जिलों के किसानों की बर्बाद फसल को स्वयं प्रदेश सरकार भी मान रही है। इसके अतिरिक्त 14 अन्य जिले जिनमें पिछले साल जलभराव हुआ था उनकी हालत तो और भी दयनीय है। आज प्रदेश सरकार के उदासीन रवैये के कारण अफसरशाही हावी है। किसानों को बार-बार मुआवजे के नाम पर और कागजी कार्रवाही के नाम पर चक्कर लगवाए जाते हैं जो सरासर प्रदेश के किसानों के साथ खिलवाड़ है। जेजेपी नेता ने जल्द से जल्द किसानों को पिछले चार साल का मुआवजा देने की मांग सरकार से की और चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर प्रदेश सरकार किसानों को बर्बाद फसल का मुआवजा नहीं देती है तो वे सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेंगे।

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