अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मानव रचना सेंटर फॉर मेडिसिनल प्लांट पैथोलॉजी (MRCMPP), जैव प्रौद्योगिकी विभाग, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) ने क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) के सहयोग से हाल ही में किसानों के लिए ‘औषधीय पौधों के उत्पादन के लिए स्वैच्छिक प्रमाणन योजना (वीसीएसएमपीपी)’ पर एक दिवसीय अच्छी कृषि पद्धतियों की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया।
औषधीय पौधे, आयुष दवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और आयुष योगों का लगभग 90% हिस्सा है, जिसका व्यावहारिक रूप से तात्पर्य है कि आयुष पारंपरिक औषधीय प्रणाली की स्थिरता औषधीय पौधों की देखभाल पर निर्भर करती है। औषधीय पौधे पारंपरिक औषधि और हर्बल उद्योग से जुड़े भारतीय आबादी के एक बड़े हिस्से को आजीविका और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करते हैं।
उद्घाटन सत्र में डॉ. प्रदीप कुमार, पीवीसी, एमआरआईआईआरएस और डीन, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, एमआरआईआईआरएस; डॉ. सरिता सचदेवा, ईडी और डीन रिसर्च, एमआरआईआईआरएस; डॉ. गीता निझावन, एसोसिएट डीन एफईटी, एमआरआईआईआरएस; डॉ. तापस कुमार एसोसिएट डीन एफईटी, एमआरआईआईआरएस; डॉ. अरुल जेसन, एसोसिएट मैनेजर, क्यूसीआई; डॉ. राजीव कुमार शर्मा (सेवानिवृत्त निदेशक, पीएलआईएम); डॉ. एस.एस. कोरंगा ….
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