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फरीदाबाद

फरीदाबाद: यूनिवर्सिटी ऑफ द वेस्ट ऑफ इंग्लैंड (UWE) से जल और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ हुई चर्चा।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 

फरीदाबाद:मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज में पानी पर मुद्दे, अनुसंधान और समाधान पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका मकसद  MRIIRS और यूनिवर्सिटी ऑफ द वेस्ट ऑफ इंग्लैंड  के बीच सहयोग स्थापित करना था। इस मौके पर कई विश्वविद्यालयों, एनजीओ, कॉर्पोरेट सेक्टर और केंद्रीय भूजल बोर्ड के विशेषज्ञ शामिल हुए। MRIIRS और UWE लंबे समय से ज्ञान सहयोगी हैं । इस मौके पर युनेस्को से राम बुझ, आईआईटी रुड़की से प्रोफेसर डीसी सिंघल,  MR I I RS,  CAWTM के चेयर प्रोफेसर डॉ. डीके चड्ढा, आईआईटी दिल्ली से डॉ. ए केशरी, दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ. शशांक शेखर, जेएनयू से प्रोफेसर सौमित्रा मुखर्जी,  TERI  विश्वविद्यालय से डॉ. अरुण कंसल, CGWB के पूर्व चेयरमैन केबी बिसवास, जीएचएस के एडवाइजर जेके भल्ला, एक्वा फाउंडेशन के सीईओ संजय राणा, डॉ. ओपी शर्मा और केंद्रीय भूजल बोर्ड के विशेषज्ञ, मारुति, केन इंडिया, महारानी इनोवेटिव पेंट, अंबा इंजीनियरिंग और सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों से कई पेशेवर लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल विशेषज्ञों ने छह पूर्ण सत्रों के दौरान अपना काम साझा किया ।

जलग्रहण का पुनर्निर्माण- जल प्रबंधन: नई और पारंपरिक प्रथा; अपशिष्ट जल एवं सलाईन भूजल प्रबंधन के लिए तकनीकी हस्तक्षेप; जल में क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण की संभावनाएं; शहरी जल, स्वच्छता और स्वच्छता; जल सुरक्षा / जल निकाय बहाली में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका; और जल सुरक्षा में अनुसंधान एवं विकास का महत्व । यह कार्यक्रम समयबद्ध तरीके से आगे सहयोग के लिए दोनों संस्थाओं के बीच परस्पर हित के विषयों की पहचान के साथ संपन्न हुआ। यह संगोष्ठी भारत और ब्रिटेन के विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों में प्रस्तावित भारत ब्रिटेन वैज्ञानिक सहयोग की तरफ थी, जिससे जल और पर्यावरण क्षेत्र में विशिष्ट परिणाम प्राप्त करने में सामरिक साझेदारी,  कनेक्शन और नेटवर्किंग को आगे ले जाया जाएगा। यहां यूडब्ल्यूई द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रमों, परियोजनाओं और अनुसंधान के अवसरों के बारे में एक ‘सूचना डेस्क’ मानव रचना के एडमिशन सेल में स्थापित किया गया है। इस डेस्क का उद्घाटन प्रोफेसर जेन हैरिंगटन, डिप्टी वाइस चांसलर, यूडब्ल्यूई ने किया।  इस मौके पर  यूडब्ल्यूई  के पर्यावरण और प्रौद्योगिकी संकाय के प्रोवीसी और एग्जीक्यूटिव डीन;प्रोफेसर रे प्रीस्ट, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय एशिया-प्रशांत; प्रोफेसर चाड स्टैडॉन, जल अनुसंधान के प्रोफेसर , यूडब्ल्यूई; डॉ अनिल कश्यप, एचओडी, भूगोल और पर्यावरण प्रबंधन; डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, एमआरईआई; पद्मश्री प्रोफेसर डॉ. प्रीतम सिंह,माननीय महानिदेशक,  एमआरईआई; डॉ. एनसी वाधवा,  कुलपति,  एमआईआई आई आर आईएस और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। इसके बाद “अनुसंधान, पाठ्यक्रम और मॉड्यूल और परियोजनाओं द्वारा सीखने के अवसरों” पर संकाय सदस्यों और शोध विद्वानों के साथ यूडब्ल्यूई टीम के एक इंटरैक्टिव सेशन  किया।

 

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