अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: चिकित्सा क्षेत्र में एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल सेक्टर-20ए ने एक 19 वर्षीय युवक की जटिल एवं दुर्लभ वैस्कुलर सर्जरी कर उसे नया जीवन देने का काम किया है। अस्पताल में ब्रिगेडियर डॉ. सुदीप सिंह सिद्धू (मुख्य कार्डियोवास्कुलर सर्जन) के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने बिहार से आए 19 वर्षीय युवक की एक दुर्लभ और जीवन रक्षक वैस्कुलर सर्जरी सफलतापूर्वक की। यह केस कोमरेल्स डाइवर्टिकुलम नामक जन्मजात बीमारी से संबंधित था, यह एओर्टा (शरीर की मुख्य धमनी) की एक असामान्य विकृति है। यह फरीदाबाद में किया गया अपनी तरह का पहला केस है। मरीज पिछले एक वर्ष से निगलने में कठिनाई, आवाज़ भारी पडऩा और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। स्थानीय उपचार से राहत न मिलने पर उसे एसएसबी हॉस्पिटल भेजा गया, जहां विस्तृत जांच की गई। सीटी एंजियोग्राफी में पता चला कि मरीज की मुख्य धमनी और एक अतिरिक्त रक्तवाहिनी ने मिलकर एक रिंग जैसी संरचना (वेस्कुलर रिंग) बना ली थी, जो ट्रेकिया (श्वास नली) और इसोफेगस (भोजन नली) को चारों ओर से दबा रही थी। यही कारण था कि मरीज को गंभीर तकलीफें हो रही थीं। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने सावधानीपूर्वक लिगामेंटम आर्टेरियोसम नामक फाइब्रस बैंड को काटकर राहत दिलाई और कोमरेल्स डायवर्टि कुलम नामक असामान्य उभार को हटा दिया। इसके बाद, बाईं भुजा को रक्त सप्लाई करने वाली धमनी को विशेष वैस्कुलर ग्राफ्ट ट्यूब की मदद से एओर्टा से दोबारा जोड़ा गया।

सर्जरी पूरी तरह सफल रही और मरीज को ऑपरेशन के एक घंटे के भीतर वेंटिलेटर से हटा दिया गया और वह अगले ही दिन चलने लगा। दो महीने बाद वह पूरी तरह सामान्य जीवन जी रहा है और सभी लक्षण समाप्त हो गए हैं। एसएसबी हॉस्पिटल के चेयरमैन एवं एमडी डॉ. एस. एस. बंसल ने सफल सर्जरी पर डॉक्टरों की टीम बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हमारे डॉक्टरों की उत्कृष्ट क्षमता, टीमवर्क और अत्याधुनिक सुविधाओं का प्रमाण है। एसएसबी हॉस्पिटल में हम सबसे जटिल कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी भी उच्चतम मानकों के साथ कर रहे हैं और हमारा उद्देश्य लोगों को एक छत के नीचे सभी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

