महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. इस मॉब लिंचिंग पर पूरा देश हैरान है. साधुओं की हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर भी गुस्सा देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. मॉब लिंचिंग के पूरे मामले की जांच आईजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं.भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्विटर पर घटना की कुछ वीडियो वायरल कर महारष्ट सरकार कड़ा हमला बोला हैं।
पालघर में कोई 1 या 2 पुलिस वाले नहीं थे जैसा कुछ वीडियो में लग रहा है ..पूरी पुलिस फ़ौज के होते हुए ये लंचिंग हुई है।
यह सोचने के लिए बाध्य करती है की पुलिस को ऐसी क्या मजबूरी थी की उनके आँखो के सामने ये जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया?
महाराष्ट्र सरकार को बहुत कुछ का जवाब देना है। pic.twitter.com/E52dLoN22N— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 19, 2020
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को कहा, ‘हमला करने वाले और जिनकी इस हमले में जान गई- दोनों अलग धर्मीय नहीं हैं. बेवजह समाज में धार्मिक विवाद निर्माण करने वालों पर पुलिस और महाराष्ट्र साइबर सेल को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. इस घटना को विवादा स्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नजर रखेगी.’पालघर मॉब लिंचिंग पर सरकार की ओर से कार्रवाई के बारे में बताते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ‘मुंबई से सूरत जाने वाले 3 लोगों की पालघर में हुई हत्या के बाद मेरे आदेश से इस हत्याकांड में शामिल 101 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है. साथ ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं.’
पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी. भीड़ ने जिस निर्मम तरीके से निहत्थे गेरुआधारी बुजुर्गों और उनके साथ जा रहे ड्राइवर की हत्या की वो पूरे देश को शर्मसार करने वाली है.भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्सवरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के हैं.दरअसल ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया. फिर इको कार में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए.तीन लोगों की मॉब लिंचिग में पुलिस ने 101 लोगों को हिरासत में लिया है.मामले की जांच जारी है. इस पूरे मामले की जांच पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं और जानने की कोशिश कर रहे हैं कि स्थिति से निपटने में कोई चूक तो नहीं हुई है. दरअसल, गुरुवार को भी ऐसी घटना हुई थी. इस दौरान लोगों को बचाया गया था. इसके बाद पुलिस ने लोगों से बच्चा चोरी की अफवाहों पर भरोसा न करने की अपील की थी. साधुओं की मॉब लिंचिंग की पुलिस को भनक नहीं लगी.