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अपराध नोएडा

उत्पादकों को डिस्ट्रीब्यूटर्स उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले ठगों के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए, 3 महिलाओं समेत 13 अरेस्ट।

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
थाना सेक्टर 63 पुलिस कॉल सेंटर स्थापित कर उसके माध्यम से उत्पादकों के प्रोडक्ट का सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करने एवं उत्पादकों को डिस्ट्रीब्यूटर्स उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले ठगों के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए, 3 महिलाओं समेत 13 आरोपित को गिरफ्तार किया । भारी संख्या में 10 लैपटॉप, दो कम्प्यूटर, 10 मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस की कस्टडी में खड़ी ठगों की इस टोली में ठगों के सरगना समेत तीन महिलाएं और दस पुरुष शामिल है जो जी-65 जी ब्लॉक सेक्टर 63 में डिस्ट्रीब्यूटर चैनल भारत का डिस्ट्रीब्यूटर नाम की एक कंपनी के उत्पादों का सोशल मीडिया पर प्रसार प्रचार करने और उत्पादकों को डिस्ट्रीब्यूटर उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे थे। नोएडा सेंट्रल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इनकी ठगी का शिकार हुए सुधीर आनंद ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत दर्ज कराई थी. उनके साथ इन ठगों ने 4 लाख 86 हजार की धोखाधड़ी की थी। पुलिस ने सुधीर आनंद की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की तो शिकायत को सच पाया. उसके बाद देश के विभिन्न राज्यों में डिस्ट्रीब्यूशन उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी करने वाले इस गैंग का पर्दाफाश करते हुए और तीन महिलाएं समेत 13 लोगों को जी 65 सेक्टर 63 से गिरफ्तार किया गया. नोएडा सेंट्रल डीसीपी ने बताया आरोपित ऐसे उत्पादकों को प्रलोभित करते थे, जो अपने प्रोडक्ट का सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचार-प्रसार कराना चाहते है तथा देश के विभिन्न राज्यों में अपने प्रोडक्ट का विक्रय करने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर की चाह रखते है। उत्पादको को स्क्रिप्ट के अनुसार लुभावने ऑफर देकर अपना पैकेज खरीदने के लिये तैयार किया जाता था.  उत्पादको से पैकेज के नाम पर लाखों रूपये की ठगी की जाती थी तथा उत्पादक के न ही किसी प्रोडक्ट को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित किया जाता था और न ही उन्हे कोई डिस्ट्रीब्यूटर उपलब्ध कराया जाता था। इस प्रकार अभियुक्तगण द्वारा काफी लोगों के साथ लाखों रुपये तक की ठगी की गई  है, जिनकी भी जानकारी की जा रही है। इनके द्वारा अधिकतर दूरदराज एवं गैर राज्य के उत्पादकों को प्रलोभित करके अपना शिकार बनाया जाता था, जिससे कि कोई इनके ऑफिस आकर इनका विरोध ना कर सके। जब पीड़ित व्यक्ति इनके पास फोन करते थे तो इन लोगों द्वारा उनका फोन रिसीव करना बंद कर दिया जाता था।पुलिस आरोपियो के खिलाफ विधिक कार्यवाही करते हुए सभी आरोपियो को जेल भेज दिया है।

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