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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आज पीएम मोदी के बार में क्या कहा, सुनिए उन्हीं की जुबानी इस वीडियो में

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस प्रवक्ता एंव महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों! आज हम आपके बीच में पूरे देश पर गहरा रहे गंभीर संकट, जिसने एक बार फिर आम भारतीय की जान पर कहीं ना कहीं खतरा खड़ा कर दिया है, कोरोना की वैक्सीनेशन पॉलिसी, ओमीक्रॉन वायरस और किसे वैक्सीन मिले, प्रधानमंत्री जी की कल की शेखी बघारने वाली घोषणा के बाद सच्चाई क्या है, उन पर प्रकाश डालने के लिए आपके बीच में उपस्थित हैं।

सच्चाई ये है कि मोदी सरकार ओमीक्रॉन वायरस के जानलेवा खतरे को नजरअंदाज कर देशवासियों की जिंदगी को खतरे में डाल रही है । बातें बनाने और टेलीविजन पर आने से आपराधिक लापरवाही के जख्म नहीं भर पाएंगे। अपनी बात शुरु करते हुए मैं ये जरुर कहूंगा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, देश के डॉक्टर साहेबान, नर्सेस, पेरामैडिक्स, हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, कोरोना वॉरियर्स हम उनके शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने अपनी जान हथेली पर रखकर इस देश के लोगों की वैक्सीनेशन में अग्रणी योगदान दिया, वो साधूवाद के पात्र हैं। पर मोदी सरकार क्या कर रही है- दिशाहीन नेतृत्व, बिना नियंत्रण वाली सरकार, दृष्टि और सोच की भयंकर कमी, केवल हैड लाइन मैनेजमेंट, स्टंटबाजी और इवेंटबाजी यहाँ तक मोदी सरकार सीमित हो गई है।

Modi Government has failed India, याद करिए कोरोना की पहली और दूसरी लहर में मोदी सरकार ने हमारे प्रवासी मजदूरों को किस प्रकार से पलायन और कई बार मौत को चूमने पर मजबूर किया। मोदी सरकार ने राहुल गांधी जी, सोनिया गांधी जी के कहने के बावजूद देश के गरीब की जेब में पैसा डालने से इंकार कर दिया, किस दोराहे पर लाकर खड़ा किया। मोदी सरकार ने लघु और छोटे उद्योगों को विनाश के रास्ते पर धक्का दे दिया। मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गर्त के अंदर झौंक दिया और मोदी सरकार की आपराधिक लापरवाही से, ये सब निष्पक्ष एजेंसियां कहती हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में 40 लाख के करीब भारतीय जो हैं, वो मौत के शिकार हुए। ये इसलिए हुआ कि मोदी सरकार हर बार जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने, कोरोना टीकाकरण को लेकर बार-बार नीतियां बदलने, कोरोना की रोकथाम की बजाए खुद के महिमामंडन, रैलियों और चुनावी गोटियों को प्राथमिकता देने, प्रांतों पर दोष मढ़ जिम्मेदारी से पीछा छुड़वाने, इस प्रकार की आपराधिक लापरवाहियों से देश के लोगों की जान से प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी और उनकी सरकार ने खिलवाड़ किया है। कोरोना की तीसरी आहट की दस्तक से ठीक पहले मोदी सरकार एक बार फिर देशवासियों की जान खतरे में डाल रही है और साथियों, आज जवाबदेही मांगने का समय है और इस देश के 140 करोड़ लोगों की ओर से हम 6 बिंदुओं पर सरकार का स्पष्टीकरण और प्रधानमंत्री से जवाब मांगते हैं –

नंबर एक – देश के 47 करोड़ 95 लाख 18 साल और उससे बड़े व्यस्कों को, एडल्ट को, 59.40 करोड़ वैक्सीन कब लगेगी? ये एक ब़ड़ा इंट्रैस्टिंग डेटा है, मैं आपको इसकी डिटेल दे रहा हूं। सरकार के मुताबिक 18 साल से अधिक की एडल्ट पोपुलेशन देश में 94 करोड़ है। ये मैं नहीं कह रहा, ये उनका वो शपथ पत्र हैं, जो उन्होंने 22 जून, 2021 को सुप्रीम कोर्ट में दिया था। ये वो है और मैं इसकी प्रतिलिपि आपको भेज रहा हूं। इसका मतलब उन्होंने ये कहा कि हम 31 दिसंबर, 2021 तक देश के 94 करोड़ 18 साल से अधिक आयु के लोगों को हम दोनों डोज लगा देंगे और ये जो उन्होंने कहा है, ये आप पढ़ लीजिएगा, पैरा 38 और 39 में कहा है, उन्होंने। ये पेज 22 और 23 पर आपको मिलेंगे। ये उन्होंने इस प्रकार से उन्होंने बाकायदा कंपनी वाइज डेटा भी दिया था और कहा था कि 31 दिसंबर तक सबको लग जाएगा। इसका मतलब 31 दिसंबर तक 94 करोड़ लोगों को दो डोज के हिसाब से 188 करोड़ डोज लगने हैं। 5 ही दिन बचे हैं अब तो। पर मोदी सरकार ने कल यानि 25 दिसंबर को एक डेटा जारी किया, मैं आपको रिलीज कर रहा हूं। पीआईबी का प्रेस रीलिज है, हेल्थ मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर लगा है, पीआईबी पर लगा है, हमने वहीं से लिया है, कोई नया कागज नहीं। ये कल उन्होंने जारी किया है। इससे 4 बातें निकल कर आती हैं-

पहली बात – 36 करोड़ 50 लाख लोगों को जो 18 साल की आयु से बड़े हैं, उन्हें मोदी सरकार ने अभी तक कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगाया। साढ़े 36 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज अभी नहीं लगा है। ये देश की एडल्ट पोपुलेशन का 35 प्रतिशत है।

दूसरा तथ्य – 18 साल से अधिक की एडल्ट पोपुलेशन में 11 करोड़ 45 लाख लोगों को दोनों डोज ही नहीं लगे हैं। कल प्रधानमंत्री जी ने तो बड़ी-बड़ी बातें कह दी, पर ये उनके आंकड़े हैं। 11 करोड़ 45 लाख लोगों को दोनों डोज ही नहीं लगे। इसी में और ये इस फिगर में शामिल हैं, जो हमारे हैल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर हैं, उनमें से 22 लाख 71 हजार लोगों को दूसरा डोज नहीं लगा। यानि अभी भी साढ़े 36 करोड़, जिन्हें एक डोज लगना है, सेकंड डोज, 11 करोड़ 45 लाख, जिन्हें दोनो डोज लगने हैं। ये कुल डोज बनते हैं 59.40 करोड़ या लगभग 60 करोड़ डोज। 60 करोड़ कोरोना वैक्सीन के डोज एडल्ट पोपुलेशन को लगने अभी बाकी हैं। ये मैं नहीं कह रहा, ये मोदी जी के कल के आंकड़े बताते हैं। पर साथियों, ये 60 करोड़ वैक्सीन डोज तो उपलब्ध ही नहीं हैं, लगाएंगे कहाँ से? ये भी मैं नहीं कह रहा, ये भी मोदी सरकार ने हमें बताया है। ये भी उन्होंने कल अपलोड किया है, 25 दिसंबर को। ये मैं भेज रहा हूं आपको। इसके मुताबिक और ये देखिए हैडलाइन में यहाँ लिखा है कि 17.74 करोड़ डोज ही उपलब्ध हैं, ये मैं नहीं कह रहा है, ये मोदी सरकार का आंकड़ा है। 18 करोड़ मान लीजिए। चाहिए 60 करोड़, हैं 18 करोड़। तो वो बाकी के जो बचे 41.5 करोड़ वैक्सीन के डोज, वो कब आएंगे, कहाँ से आएंगे और कब उपलब्ध करवाएंगे?

वैसे भी अगर आप दुनिया की औसत देखें, तो सेकंड डोज लगाने में आज भी, आज 26 दिसंबर, 2021 में भी भारत 19 वें पायदान पर है। 21 तारीख को जब 100 करोड़ हुए थे, तब भी याद करिए मैंने बताया था, तब भी हम 19 वें नंबर पर थे, आज भी वहीं पर हैं। पर मोदी जी ने कल शाम को और आज सुबह ना इसका कोई रास्ता बताया, ना नीति, ना दृष्टि।

दूसरा पहलू – कल नई घोषणा कर दी और उसमें ये कहा कि जो कोरोना वॉरियर्स हैं, यानि फ्रंट लाइन वर्कर, दूसरे हमारे साथी और 60 साल से जो बड़े हैं, इनको बूस्टर डोज लगेगा और जो 18 साल से 18 साल के हमारे नौजवान हैं, उनको अब नए सिरे से डोज लगना शुरु हो जाएगा, क्योंकि पहले 18 साल से हमारी मांग रही है, पर मोदी जी ने ये स्वीकार नहीं की थी।

अब इनकी संख्या देख लीजिए क्या है – देश में ये ताजा डेटा कहता है कि देश में 1.89 करोड़ कोरोना वॉरियर्स हैं। देश में एनएसओ की ताजा रिपोर्ट ये बताती है कि 60 साल से ज्यादा की उम्र के 13 करोड़ 80 लाख बुजुर्ग हैं। ये मैं नहीं कह रहा हूं, ये एनएसओ की रिपोर्ट बता रही है, ताजा और एक अनुमान के मुताबिक क्योंकि ये सेगरिकेटिड डेटा अवेलेबल नहीं है कहीं भी – 15 साल से 18 साल के 10 करोड़ युवा हैं, तो इनकी कुल संख्या बन जाती है, 25 करोड़ 70 लाख। तो इन 25 करोड़ 70 लाख के लिए कल मोदी जी ने घोषणा कर दी। इनको जो वैक्सीन लगने हैं कुल वो हैं – 35 करोड़ 70 लाख। वो कैसे, 1 करोड़ 89 लाख कोरोना वॉरियर्स को 1 डोज, बूस्टर शॉट लगेगा, Am I right? जो हमारे बुजुर्ग वार हैं, I am presuming कि वो सब वैक्सीनेट हो गए हैं, पर एक बार मान लीजिए। 13 करोड़ 80 लाख बुजुर्गों को भी एक डोज लगेगा तो 1.89 + 13.18 करोड़ और जो 10 करोड़ युवा हैं, उन्हें दो डोज लगेंगे यानी 20 करोड़ो डोज। तो ये 25 करोड़ 70 लाख लोगों को 35 करोड़ 70 लाख वैक्सीन डोज लगने हैं। तो देश में अब कितने वैक्सीन की आवश्यकता होगी – 18 साल से जो ऊपर हैं, मैंने उनका डेटा आपको दिया है। जो उनको अभी वैक्सीन लगने हैं, वो अभी बचे हुए हैं, वो है साढ़े 59 करोड़ या 59 करोड़ 40 लाख और इनको लगने हैं 35.70 करोड़, तो हमें कुल वैक्सीन जो चाहिए तुरंत आज, वो 95 करोड़ 10 लाख वैक्सीन चाहिए, मोदी जी के मुताबिक और औसत जो है, पिछली बार जब इन्होंने 100 करोड़ के बाद भाषण दिया था और आज तक कि औसत 64 लाख वैक्सीन प्रतिदिन लग रहे हैं। तो अगर ये औसत भी लगाएं, तो लगभग 149 दिन चाहिए और। पर ओमीक्रॉन वायरस तो हमारे दरवाजे पर खड़ा है और आपके पास वैक्सीन कहाँ हैं? आप तो कह रहे हैं कि मेरे पास साढ़े 17 करोड़, पौने 18 करोड़ वैक्सीन हैं। मैं ये कह रहा हूं, जो आप कह रहे हैं उसके मुताबिक आपको 95 करोड़ 10 लाख वैक्सीन आज चाहिए। तो मोदी जी ये तो बता दीजिए देश को, घोषणा तो कर दी, वाह-वाही भी खूब लूट ली, वाह-वाही तो तुगलक ने भी लूट ली थी, जब उन्होंने राजधानी बदल दी थी, पर ये वैक्सीन है कहाँ और कब तक उपलब्ध होंगे, क्योंकि ये तो हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है?

तीसरा पहलू – वैक्सीन कहाँ से आते हैं। Let us see that also, उसका भी डेटा मोदी जी ने रिलीज किया है, हमारा कुछ नहीं है। वैक्सीन बनाने वाली दो बड़ी कंपनियां इस समय हिंदुस्तान में हैं, अप्रूव्ड, एक सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड, एक भारत बॉयोटेक का कोवैक्सीन। मोदी जी ने संसद को बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड जो है, वो एक महीने में 11 करोड़ डोज बनाता है। ये हमने नहीं बताया, उन्होंने बताया, मैं आपको पार्लियामेंट का जवाब भेज रहा हूं। This is that Parliament question. उन्होंने लिखकर बताया है कि वो 11 करोड़ डोज हर महीने बनाता है और उन्होंने ये भी कहा कि भारत बॉयोटेक, जब ये जवाब आया, उस समय तो बोले कि ढाई करोड़ बनाता है, पर दिसंबर तक 5 करोड़ 80 लाख बनाने लगेगा। तो आप 5 करोड़ 80 लाख मान लीजिए, बनाने लगे हों या ना। तो आप एक महीने में हिंदुस्तान 16 करोड़ 80 लाख वैक्सीन डोज बनाता है। हमें चाहिए 95 करोड़ 10 लाख और वैक्सीन मैत्री इनिशियेटिव में आपने 10 करोड़ 15 लाख विदेशों में भी भेज दिए हैं आज तक। ये कल का डेटा है, ये रहा। ये मैंने एमईए (MEA) की वेबसाइट से निकाला है, ये मैं आपको भेज रहा हूं। तो आप बाहर भी भेज रहे हैं, आपको 95 करोड़ चाहिए, आपके पास अभी पौने 18 करोड़ हैं। आप एक महीने में 16 करोड़ 80 लाख से ज्यादा बना ही नहीं सकते। विदेश से अभी वैक्सीन आ नहीं रहे, जिनकी उम्मीद थी, जिनके बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था। तो हमारे लोगों को जिनके बारे में कल रात को आप घोषणा कर चुके हैं, बुजुर्गों को, 60 साल से बड़े लोगों को, कोरोना वॉरियर्स को, 15 साल से 18 साल के युवाओं को और जो 18 साल से बड़े हैं, जिनको अभी वैक्सीन नहीं लगा, उन्हें कब देंगे, कैसे देंगे और कहाँ से लाओगे, मोदी जी, तीन बातों का जवाब देश मांगता है?

चौथा पहलू, और ज्यादा मैं रुचिकर नहीं कहूंगा, भयानक है। 15 साल से कम के आयु के बच्चों और युवाओं को वैक्सीन लगाने के बारे में मोदी सरकार की कोई नीति क्यों नहीं है? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हम सब साथियों ने कुछ एक्सपर्ट के साथ पूरी दुनिया की वैक्सीन पॉलिसी देखी। पूरी दुनिया में 3 साल से 18 साल के बच्चों और युवाओं को वैक्सीन लग रहा है, पहली बात। मिडिल ईस्ट कंट्री और चीन में 3 साल ऑनवर्ड, तीन साल और तीन साल से बड़े बच्चों और युवाओं को लग रहा है। अमेरिका में 5 साल से 18 साल तक के सब बच्चों, युवाओं को लग रहा है और वहाँ तो कवरेज भी मुझे बताया कि 30-35 प्रतिशत हो गई है। यूरोप में, यहाँ तक कि अफ्रीका के देशों में जो हमसे भी कई देश कम डेवलप्ड हैं, वहाँ भी 12 साल और 12 साल से बड़े सब युवाओं को वैक्सीन लग रहा है। तो हमारे देश में फिर 15 साल से 18 साल क्यों? अब मोदी जी ने कल अपने ही एफिडेविट को, जो सुप्रीम कोर्ट में दिया था, उसे खारिज कर दिया। ये उन्होंने वो एफिडेविट दिया है। ये दिया था 22 जून, 2021 को। ये इसके दो पैरा हैं, मैं आपको उनकी 4-4 लाइन पढ़ देता हूं। उसमें उन्होंने कह रखा है कि ड्रग रेगुलेटर ने तो 12 साल और above के लिए एक नहीं दो-दो वैक्सीन बस अप्रूव हो गए हैं, हम लगा देंगे। तो क्या मोदी जी के शपथ पत्र की कोई कीमत नहीं है, वो अपने शपथ पत्र को फाड़ कर कूड़ेदान में फेंक देते हैं?

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