अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा:दिवाली से पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ता प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से खतरे की घंटी बजा रहा है। नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 344 और नोएडा का 281 अंक दर्ज हुआ। जोकि बहुत खराब रेड जोन श्रेणी में आता है। जिससे बुजुर्ग और बच्चों के लिए हवा हानिकारक साबित हो रही है, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतें आ रही है। जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग इससे निपटने के लिए कवायद शुरू कर दी है. दिवाली के पहले ही प्रदूषण का स्तर रेड जोन में पहुंचने से ग्रैप की गाइडलाइन के अनुसार, पाबंदियों बढ़ाई जा सकती हैं।
स्मॉग की की चादर ने शहर को पूरी तरह से अपनी आगोश में ले लिया है। आसमान पर धूल के गुबार छाए हुआ है। प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग इससे निपटने के लिए कवायद शुरू कर दी है लेकिन इसका ये प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहा है। इसका कारण है कि ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान का पालन पूरी तरह से नहीं किया जा रहा है जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है यह दृश्य ओमीक्रॉन 1ए के ग्रीन बेल्ट का है जहां कूड़ा जलाया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारी नदारद है उनकी लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सेक्टर जू-1 की कॉमर्शियल बेल्ट में रोजाना कूड़ा डाला जाता है। जो प्राधिकरण के ठेकेदार और निजी लोग डाल रहे हैं। आए दिन कूड़े को जला दिया जाता है। वहीं डब्ल्यूएचओ व एनटीपीसी आनंदम सोसाइटी के पास स्थित खाली जगह पर भी कूड़ा डाला जा रहा है। वहां भी कूड़े में आग लगा दी गई। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। वहीं इसी तरह ग्रेनो वेस्ट, औद्योगिक सेक्टर इकोटेक तीन, प्रिया गोल्ड कंपनी के पास भी कूड़ा जलाया जा रहा है, लेकिन प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर कार्रवाई नहीं कर रहे।
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