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अपराध दिल्ली

सरकारी संस्थानों का फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर ठगी करने वाले गिरोह का अपराध शाखा ने किया पर्दाफाश-अरेस्ट


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की सेंट्रल रेंज/अपराध शाखा की टीम ने आज आरोपित खत्री इकबाल अहमद,उम्र 50 वर्ष, निवासी ग्राम वनकर वर्ड,राजपिपला , जिला नर्मदा, गुजरात और हिमांशु पांडे, उम्र 35 वर्ष, निवासी कुशीनगर हटा, जिला कुशीनगर, उत्तर प्रदेश, को गिरफ्तार किया है जो नेशनल मेडिकल कमीशन बोर्ड में उच्च पद पर नियुक्ति के बहाने हाई प्रोफाइल व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे। इस संबंध में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की शिकायत पर एफआईआर नंबर – 91/2023, भारतीय दंड संहिता की धारा 420/ 468/471/511 के तहत ,थाना अपराध शाखा, दिल्ली में मामला दर्ज किया गया था।

विशेष डीसीपी रविंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि चंदन कुमार, अवर सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय,निर्माण भवन, भारत सरकार, द्वारा आवश्यक कार्रवाई हेतु शिकायत की गई  थी. शिकायतकर्ता ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आदेश की एक प्रति संलग्न की, जिसमें यह कहा गया है कि सुरेश चंद्र शर्मा, नेशनल मेडिकल कमीशन अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी के महीने में समाप्त हो गया है और डॉ. सुरेश के. पटेल (गुजरात मेडिकल काउंसिल के सदस्य) को नेशनल मेडिकल कमीशन के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है और वे गत 3 अप्रैल 2023 से 10 अप्रैल 2023 तक अपना कार्यभार संभालेंगे।शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि मंत्रालय से जारी किए गए उपरोक्त पत्र पर उल्लेखित फ़ाइल संख्या कार्यालय के रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है और ऐसा कोई आदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया गया है। कथित तौर पर इस मंत्रालय के नाम से जारी किया गया यह पत्र फर्जी है।यादव का कहना हैं कि उपायुक्त विचित्रवीर्य और संयुक्त आयुक्त एस.डी. मिश्रा द्वारा पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने के लिए सहायक आयुक्त राकेश कुमार शर्मा की देखरेख में निरीक्षक संजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें उप निरीक्षक सुभाष चंद, सहायक उप- निरीक्षक वीरपाल, प्रधान सिपाही करण सिंह, प्रधान सिपाही समंदर कुमार, प्रधान सिपाही मुकेश शामिल थे। उनका कहना हैं कि तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर टीम ने अपराध के मुख्य साजिशकर्ता खत्री इकबाल अहमद को वडोदरा, गुजरात से और सह-आरोपी हिमांशु पांडे को लखनऊ, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया । उनका कहना हैं कि आरोपित खत्री इकबाल अहमद ने खुलासा किया कि वह आरोपित हिमांशु पांडे के लिए काम करता था। आरोपित हिमांशु पाण्डेय के कई मोबाइल नंबर किसी अन्यव्यक्ति की आईडी पर जारी हैं और वह इन नंबरों का इस्तेमाल करता था। आरोपित खत्री इकबाल अहमद के मोबाइल फ़ोन डाटा का विश्लेषण किया गया और गिरफ्तार आरोपित के साथ पुलिस टीम आरोपित  हिमांशु पांडेय को पकड़ने के लिए लखनऊ, उत्तर प्रदेश पहुंची और आरोपित  हिमांशु पांडे को चारबाग रेलवे स्टेशन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। उनका कहना हैं कि आरोपित हिमांशु पांडेय ने खुलासा किया कि वह खत्री इकबाल अहमद और अन्य सहयोगियों के साथ फर्जी सरकारी पदों में नियुक्ति का गिरोह चलाता है। वर्ष 2021 में उन्हें अपराध शाखा, राजकोट पुलिस, गुजरात द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र के संबंध में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष- 2022 के अंत में उसे इस केस में जमानत मिल गई थी। वह बड़ी रकम ठगना चाहता था। इसलिए उसने अपने साथियों के साथ हाई प्रोफाइल व्यक्तियों को उच्च पद और आयोगों के सदस्य के पद में नियुक्त करने के बहाने ठगी करने की योजना बनाई।

अभियुक्त का प्रोफाइल:

1.अभियुक्त खत्री इकबाल अहमद, उम्र 50 वर्ष, निवासी ग्राम वनकरवर्ड, राजपीपला, जिला नर्मदा, गुजरात का रहने वाला है व 9वीं कक्षा तक ही पढ़ा है।  उसने वड़ोदरा, गुजरात में कपड़े बेचना शुरू किया। इस दौरान वह करोल बाग, दिल्ली गया और आरोपी हिमांशु से कनॉट प्लेस, दिल्ली में मिला। हिमांशु ने कहा कि वह एक फर्जी सरकारी नौकरी देने का गिरोह चलाता है और अगर वह उसके साथ काम करने को तैयार हो जाए तो वे बहुत पैसा कमा सकते हैं। आरोपित  ने हिमांशु के साथ काम करना शुरू किया और कुछ समय बाद उसे अपराध शाखा, राजकोट शहर, गुजरात द्वारा धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

2.आरोपित हिमांशु पाण्डेय, उम्र 35 वर्ष,निवासी कुशीनगर,हटा,जिला कुशीनगर,उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और उच्च शिक्षित परिवार से है। आरोपित के पिता कॉलेज लेक्चरर हैं और बड़ा भाई अमेरिका के लॉस एंजेलिस स्थित अमेरिकन विश्वविद्यालय में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर तैनात हैं। आरोपित हिमांशु भी लॉ ग्रेजुएट है और वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आया था। इस दौरान कोलकाता निवासी राजू नाम का एक व्यक्ति उससे मिला और उसने बताया कि वह फर्जी नौकरी का गिरोह चलाता है और उसने आरोपित हिमांशु को अपने साथ काम करने के लिए राजी किया। आरोपित हिमांशु उसके साथ काम करने लगा। कुछ समय बाद राजू की मौत हो गई और उसने अपना फर्जी सरकारी नौकरी देने का गिरोह शुरू कर दिया जिसमे इकबाल अहमद भी शामिल हो गया। कुछ समय बाद उन्हें अपराध शाखा, राजकोट सिटी, गुजरात ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में गिरफ्तार कर लिया।

पिछली भागीदारी:

1.प्राथमिकी संख्या 11208055210/21, धारा 406/420/465/467/468 भारतीय दंड संहिता, जिला अपराध शाखा, राजकोट पुलिस, गुजरात।

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