अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने पंजाब के पटियाला में सैन्य अधिकारी कर्नल पुष्पेंद्र बाथ और उनके बेटे के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरतापूर्वक मारपीट की कड़ी निंदा करते हुए दोषी अधिकारियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए पार्टी के पूर्व सैनिक विभाग के अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी और पंजाब के सह-प्रभारी राष्ट्रीय सचिव आलोक शर्मा ने कहा कि पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और प्रशासन ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया। इस घटना के बाद चार दिनों तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई और एसपी से मिलने का समय तक नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, जिस ढाबे पर यह घटना हुई, उसके मालिक से अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का दबाव बनाया गया, ताकि असली दोषियों को बचाया जा सके। प्रशासन ने पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की। पटियाला के एसएसपी नानक सिंह पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे पहले भी अक्षमता के कारण पटियाला से हटाए गए थे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से एसएसपी नानक सिंह की नजदीकियों की खबरों का भी हवाला दिया और कहा कि यह घटना पंजाब में चरमराई कानून व्यवस्था को उजागर करती है। पूरे राज्य में नशे का जाल फैला हुआ है और लोग ड्रग्स माफिया व पुलिस के गुंडा राज से आतंकित हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब का बेड़ा गर्क कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम में भगवंत मान व आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह से दोषी है।उन्होंने आप सरकार के साथ भाजपा शासित प्रदेशों में सेना के जवानों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के साथ हो रही आपराधिक वारदातों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जयपुर, मऊ, भुवनेश्वर, मणिपुर सहित कई स्थानों पर सैनिकों को अपमानित किया गया है या उनके परिजनों के साथ अपराध किया गया है। इससे देश की सेना का मनोबल गिरता है, जो किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। कांग्रेस नेताओं ने मांग की कि पटियाला में कर्नल पर हमले के मामले में एसएसपी नानक सिंह को भी एफ आई आर में नामजद किया जाए, उसके समेत सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को एसआईटी में शामिल किया जाए। सेना प्रमुख राष्ट्रपति से मिलें और इन घटनाओं को रोकने पर बात करें। पूर्व सैनिक आयोग का गठन किया जाए, जिसके पास न्यायिक अधिकार हों और जो सैनिकों की शिकायतों का समाधान कर सके। उन्होंने कहा कि सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा का विशेष प्रावधान हो और तमाम अन्य देशों की तरह भारत में भी ऐसा कानून बनाया जाए कि कोई सरकारी एजेंसी उनके साथ दुर्व्यवहार न कर सके।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments