संवाददाता : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. के. पलानीसामी शनिवार को विधानसभा में अपना विश्वासमत पेश करेंगे. फिलहाल हंगामे के कारण कार्रवाई 3 बजे तक स्थगित है. सीएनएन-न्यूज18 के मुताबिक, स्पीकर पॉडियम की ओर कुर्सियां फेकी गईं. हंगामा के कारण वोटिंग फिलहाल टल गई है. हालात ऐसे हो गए कि एंबुलेंस मंगानी पड़ी और उसके बाद घायल अधिकारियों को बाहर ले जाया गया. डीएमके विधायकों ने स्पीकर से धक्का मुक्की भी की. कुछ विधायक तो स्पीकर की सीट पर जा बैठे. तमिलनाडु विधानसभा को 1 बजे के लिए स्थगित की गई. एक बजे दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर स्पीकर ने डीएमके विधायकों को सदन से बाहर निकाले जाने का आदेश दिया.तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. के. पलानीसामी शनिवार को विधानसभा में अपना विश्वासमत पेश करेंगे. फिलहाल हंगामे के कारण कार्रवाई 3 बजे तक स्थगित है. सीएनएन-न्यूज18 के मुताबिक, स्पीकर पॉडियम की ओर कुर्सियां फेकी गईं. हंगामा के कारण वोटिंग फिलहाल टल गई है. हालात ऐसे हो गए कि एंबुलेंस मंगानी पड़ी और उसके बाद घायल अधिकारियों को बाहर ले जाया गया.
डीएमके विधायकों ने स्पीकर से धक्का मुक्की भी की. कुछ विधायक तो स्पीकर की सीट पर जा बैठे. तमिलनाडु विधानसभा को 1 बजे के लिए स्थगित की गई. एक बजे दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर स्पीकर ने डीएमके विधायकों को सदन से बाहर निकाले जाने का आदेश दिया.डीएमके, एआईएडीएमके (पन्नीरसेल्नम कैंप) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के विधायक विश्वासमत के लिए सीक्रेट बैलट की मांग कर रहे हैं.तमिलनाडु विधानसभा के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं. इससे पहले स्पीकर ने विधानसभा में विश्वासमत पर मतदान सीक्रेट बैलट के जरिए कराए जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया.
पलानीसामी को दो दिन पहले शशिकला के जेल जाने के बाद, शशिकला खेमे के विधायकों ने अपना प्रतिनिधि चुना था. इसके बाद राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था. पलानीसामी ने राज्यपाल को एआईडीएमके के 121 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था, जिसके बाद ही उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. पलानीसामी के राजनीतिक करियर के लिए शनिवार का दिन काफी अहम है, क्योंकि विधानसभा में बहुमत हासिल करने में उन्हें एआईएडीएमके के बागी पन्नीरसेलवम का सामना करना पड़ेगा. शशिकला के जेल जाने के बाद अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की मुख्य लड़ाई इन्हीं दोनों वफादारों के बीच है.
शुक्रवार को पलानीसामी गुट को उस वक्त झटका लगा जब तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी और विधायक आर. नटराज ने ऐलान किया कि वे विश्वास प्रस्ताव के दौरान पलानीसामी के खिलाफ मतदान करेंगे. नटराज के इस कदम से 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पलानीसामी के कथित समर्थक विधायकों की संख्या कम हो कर 123 गई है. ओ.पन्नीरसेलवम के समर्थक और जयललिता के करीबी विधायक भी अब खुलकर इस शक्तिप्रदर्शन में सामने आ गए हैं.एआईएडीएमके नेता एम पांडियाराजन के अनुसार ओपीएस गुट को कम से कम 135 विधायकों का साथ हासिल है, जो पलानीसामी के विरोध में मतदान करेंगे.इस बीच विश्वासमत से ठीक पहले कोयंबटूर से विधायक अरुण कुमार ने पलानीसामी का साथ छोड़ने की घोषणा की है. उन्होंने ये भी कहा कि वे वोटिंग में शामिल नहीं होंगे.तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटें हैं और विधानसभा में एआईएडीएमके के 134 विधायक हैं. अब बहुमत के लिए 118 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत है. आर. नटराज के खिलाफ जाने के बाद भी पलानीसामी गुट का दावा है कि उनके पास बहुमत से 5 ज्यादा 123 विधायकों का समर्थन है.