Athrav – Online News Portal
Uncategorized

तलवार डाल रहे टीपू, चाचा कर गए काम!

संवाददाता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सियासी दंगल में तमाम राजनीतिक दल दूसरे दलों से मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी अपनी पार्टी के भीतर ही परिवार के दो गुटों के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। चुनाव प्रचार अभियान में जिस तरह से अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें मैनपुरी पर पूरा भरोसा है, ये हमारे साथ है, मगर बगल वाले कुछ गड़बड़ कर जाएं तो मैं कह नहीं सकता। अखिलेश यादव ने मैनपुरी और इटावा की तीन सीटों पर सपा के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, लेकिन यहां की जसवंतनगर की सीट पर अपने चाचा शिवपाल के लिए चुनाव प्रचार के लिए नहीं पहुंचे।

क्या अखिलेश ने मान ली हार? दरअसल जिस तरह से अखिलेश यादव ने दूसरे चरण के मतदान के बाद से ही अपने चाचा शिवपाल पर हार का षड़यंत्र रचने का आरोप इशारों-इशारों में लगाया है उससे यह भी संकेत मिल रहे हैं कि शायद जमीनी स्तर पर अखिलेश यादव अपनी पार्टी को कमजोर होता देख रहे हैं। ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि अखिलेश यादव खुद को उस परिस्थिति के लिए भी तैयार करने में जुट गए हैं कि अगर सपा को चुनाव में हार मिली तो वह इसका ठीकरा अपने चाचा शिवपाल यादव पर फोड़ सकें।
शिवपाल ने साधी चुप्पी– क्या अखिलेश फोड़ेंगे ठीकरा? शिवपाल पर ठीकरा फोड़ने के लिए अखिलेश यादव पृष्ठभूमि बनाने लगे हैं और इसके संकेत शिवपाल की ओर से भी मिल चुका है। जब अखिलेश के उस बयान पर शिवपाल से पूछा गया कि क्या आप अखिलेश यादव को हराने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्होंने इसपर चुप्पी साध ली और कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। शिवपाल की इस चुप्पी से यह भी संकेत मिलने लगा है कि अखिलेश यादव के खिलाफ शिवपाल के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। वहीं जब प्रदेश की कानून व्यवस्था और सरकार पर आरोपों पर शिवपाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने सरकार के लिए बोलने की बजाए सिर्फ अपने मंत्रालय के बारे में बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारे विभागों ने अच्छा काम किया और उसपर कोई आरोप नहीं लगा है।

अपने ही लोग हमें हराना चाहते हैं- अखिलेश अखिलेश की हताशा का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने आज बाराबंकी की रैली में खुलकर चाचा शिवपाल यादव पर आरोप लगाए उन्होंने कहा कि एक समय आपकी साइकिल भी छीन ली थी, कुछ लोग ये सोच रहे हैं कि सरकार नहीं बनेगी, लेकिन इससे किसका नुकसान होगा, आपका और हमारा। हम सरकार बनाना चाहते हैं। हमने किसी का टिकट नहीं काटा था, लेकिन पता नहीं किस बात की जिद थी चुनाव तो हमें ही लड़ना है। अपने लोग भी हमे हराना चाहते हैं, बताओ हमारी मदद करोगे कि नहीं।

हमे ही पार्टी से निकलवा दिया- अखिलेश अखिलेश यादव यही नहीं रुके उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हमने वो दिन देखा कि हमे भी पार्टी से निकलवा दिया मैं अकेला सोच रहा था कि कोई अपने लिए टिकट मांग रहा है और हमारे परिवार में झगड़ा करवा रहे हैं और अपने लिए टिकट मांग रहे हैं, सोचो कैसा समय निकला होगा। ये परीक्षा का समय है, समाजवादियों की परीक्षा का समय है। साइकिल छीने जाने के लिए तमाम षड़यंत्र किए जा रहे थे, हमारे पिताजी से ही झगड़ा करा दिया। अगर मुझे भी उनका लड़का मिल जाता तो मैं उनके घर में भी झगड़ा करा देता।

 

Related posts

रात के 3 बजे फोन किया, पूछा मजबूत डॉलर ठीक है या कमजोर?

Ajit Sinha

गुरुग्राम : नाबालिग से छेड़छाड़ के भौंडसी जेल में बंद आरोपी अध्यापक के परिजन से समझौता के 17 लाख सहित पीड़िता के पिता गिरफ्तार।

Ajit Sinha

मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
//jouptath.net/4/2220576
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x