अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: हरियाणा के युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रि) जेएस नैन ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्व विद्यालय सुपर ग्रेजुएट तैयार करेगा। इनकी देश और दुनिया में अलग पहचान होगी। उन्होंने इसका श्रेय श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू की प्रतिभा और नवाचारी सोच को दिया। वह सोमवार को विश्वविद्यालय के दुधौला परिसर में सभी संकायों के प्रतिनिधियों का संबोधित कर रहे थे। नैन ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय एक आदर्श के मुताबिक भविष्य के लिए काम कर रहा है। उन्होंने मौके और जरूरत के हिसाब से अपने आप को बदलने की प्रेरणा दी और शिक्षा के क्षेत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को इसका सबसे उत्कृष्ट उदाहरण बताया। नैन ने कहा कि विद्यार्थियों की योग्यता और कुशलता को चिन्हित कर उनमें समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तन लाना अत्यंत आवश्यक है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इस काम को मिशन के रूप में कर रहा है।
उन्होंने बड़े लक्ष्य रखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत जुटाने की प्रेरणा दी। विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने कहा कि नवाचार से जुड़ना और उसे विकसित करना सबसे महत्वपूर्ण है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इसी विजन पर काम कर रहा है। कुलपति नेहरू ने ऑन द जॉब ट्रेनिंग से लेकर पढ़ाई के साथ कमाई की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला। सेवानिवृत्त फौजियों के लिए रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग में काम करने की योजना पर भी विचार किया गया।कुलपति राज नेहरू ने कहा कि जब तक कंफर्ट जोन से बाहर आकर दूरदृष्टी से जोखिम नहीं लेंगे, तब तक उद्यमिता का विकास नहीं हो सकता। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए नवाचारी होना और नए क्षेत्रों में नूतन प्रयोग करना जरूरी है। विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) नैन को कंस्ट्रक्शन स्किल एकेडमी, सीएनसी लैब, सोलर लैब और एडवांस्ड इलेक्ट्रिक लैब का भ्रमण करवाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन लैब के माध्यम से न केवल श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय बल्कि इनोवेटिव स्किल स्कूल और आईटीआई विद्यार्थियों को भी स्किल्ड बनाया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल (रि)जेएस नैन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक और विश्व स्तरीय लैब को देख अभिभूत हुए और उन्होंने उपकरणों की बारीकी से जानकारी ली। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आर. एस. राठौड़ ने विश्वविद्यालय की अभी तक की उपलब्धियों और भविष्य की कार्य योजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि के हाथों इस वर्ष के टेबल कैलेंडर और डायरी का विमोचन भी करवाया गया। पहली बार विश्वविद्यालय पहुंचे नैन का बंचारी के लोक वाद्य और स्वर लहरियों के साथ भावभीना स्वागत किया गया। कुलपति ने बताया कि बंचारी की लोक गायन और वाद्य कला को इनोवेटिव स्किल स्कूल के माध्यम से ब्रांड बनाने की कोशिश है। साथ ही उन्होंने विवि में चल रहे जर्मन और जापानी भाषा के कोर्स और उसकी संभावनाओं पर भी मुख्यातिथि के साथ चर्चा की। उन्होंने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा प्रस्तावित ईको विलेज का भ्रमण भी किया। विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर मुख्यातिथि का सम्मान किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. आर. एस. राठौड़, डीन एकेडमिक प्रो. ज्योति राणा, प्रो. निर्मल सिंह, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. रणजीत सिंह, प्रो. ऋषिपाल, डॉ. संजय सिंह, संयुक्त निदेशक विनीत सूरी, अम्मार खान व संजय आनंद सहित विश्वविद्यालय के कई अधिकारी और शिक्षक भी उपस्थित थे।
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