अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: शहर की तहसीलों में अब भी काले कारनामें जारी हैं और मामला दर्ज होने के बाद भी तहसीलदार नहीं सुधर रहे हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने एक और खुलासा करते हुए बताया कि 50 रूपये के स्टाम्प को खरीदकर 3 लाख 32 हजार 500 रूपये का बनाकर रजिस्ट्री करवाई गई है। ये रजिस्ट्री सेक्टर 12 फरीदाबाद तहसील में 4/8/2016 को करवाई गई थी और सरकार को लाखों का चूना लगाया गया था।
वकील पाराशर ने कहा कि हाल में मैंने कई तहसीलदारों पर मामले दर्ज करवाए थे जो एक एक-स्टाम्प पेपर से दो-दो बार रजिस्ट्री कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद की तहसीलें घोटालों का अड्डा बन गईं हैं और तहसील गलत तरीके से रजिस्ट्री कर मोटा माल कमा रहे हैं और सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। वकील पाराशर ने कहा कि कुछ भू माफिया इन तहसीलदारों से मिले हुए हैं और वो जैसा चाहते हैं, तहसीलदार वैसा ही करते हैं। वकील पाराशर ने कहा कि मैं लगभग एक साल से तहसील दारों के भ्रष्टाचार की आवाज उठा रहा हूँ लेकिन जिला प्रशासन अब भी आंख बंद करके बैठा है। उन्होंने कहा कि हाल मुझे जानकारी मिली है कि तहसीलदारों के गड़बड़झाले की जांच एसडीएम से करवाई जा रही है लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी भ्रष्ट को कसूरवार ठहराया जायेगा क्यू कि माफिया और भ्रष्ट तहसीलदार किसी की भी जेब में नोटों की गड्डियां ठोंक सकते हैं।
पाराशर ने कहा कि अगर हरियाणा सरकार फरीदाबाद-पलवल, नूह, गुरुग्राम जैसे जिलों के तहसीलदारों की जांच करवाए तो यहाँ तेलगी से भी बड़ा स्टाम्प घोटाला सामने आएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार बड़े-बड़े दावे करती है कि भ्रष्टाचार कम हो रहा है लेकिन हकीकत में ये और बढ़ रहा है वरना 50 रूपये के स्टाम्प पेपर को 3 लाख 32 हजार 500 रूपये का न बनाया जाता। उन्होंने कहा कि ये वही तहसीलदार हैं जो एक-एक स्टाम्प पेपर से दो-दो रजिस्ट्री करते थे। पाराशर ने कहा कि इस मामले में भी मैं तहसीलदार और माफियाओं पर केस दर्ज करवाऊंगा क्यू कि ये सरकार को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं।