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फरीदाबाद हरियाणा

तीन परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मूने की हरियाणा सरकार की तारीफ।


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ करते हुए हरियाणा सरकार के विकास कार्यों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी का शुभारंभ किया और भगवान श्रीकृष्ण का धन्यवाद किया कि हरियाणा में बतौर राष्ट्रपति उनकी पहली यात्रा का आरंभ धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र से हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस पावन गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर उन्हें आनंद की अनुभूति हो रही है। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कुरुक्षेत्र की भूमि पावन भूमि है।

इसी सरस्वती के तट पर वेद और पुराणों को लिपिबद्ध किया गया। महाभारत में कुरुक्षेत्र के इस क्षेत्र की तुलना स्वर्ग से की गई है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और लोकमान्य तिलक ने भी पवित्र ग्रंथ गीता से मार्गदर्शन प्राप्त किया था। यह बड़े हर्ष का विषय है कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने वर्ष 2016 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती महोत्सव को मनाने का निर्णय लिया। इस वर्ष महोत्सव में पार्टनर देश नेपाल और पार्टनर राज्य मध्यप्रदेश हैं। उन्हें बड़ी खुशी है कि देश ही नहीं विदेशों से भी लोग इस भव्य आयोजन में पहुंचे हैं। इसके लिए हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री  मनोहर लाल व उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है।               

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राज्य सरकार ने अंत्योदय परिवारों की स्वास्थ्य जांच के लिए निरोगी हरियाणा योजना के प्रथम चरण का शुभारंभ किया है, यह प्रशंसा का विषय है। इससे जरूरतमंद परिवारों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जनमानस तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने सिरसा जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने की शुरूआत की है, जो बेहद सराहनीय है। यह हमें गीता के उस संदेश की याद दिलाती है कि समस्त प्राणियों के हितों में लगे लोग भगवान के कृपा पात्र होते हैं। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राज्य सरकार द्वारा आईटी का प्रयोग करते हुए प्रदेश में ई-टिकटिंग व ओपन लूप टिकटिंग व्यवस्था शुरू करने पर राज्य सरकार की प्रशंसा की। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हरियाणा के लिए बड़े गर्व की बात है कि यहां के जवानों, किसानों व बेटियों ने अपने जीवन में गीता के कर्म करने के संदेश को अपनाया है। इससे जवानों ने देश की सेना में, किसानों ने अन्न पैदा करके और महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा फहराकर हरियाणा का गौरव बढ़ाया है। हमें इन सभी पर गर्व है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीमद्भगवदगीता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक है, विश्व भर में अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है, जितनी टिकाएं श्रीमद्भगवद्गीता पर लिखी गई हैं, शायद ही किसी पुस्तक पर लिखी गई होंगी। श्रीमद्भागवत गीता आध्यात्मिक दीप स्तंभ है।  
 
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीमद्भगवदगीता हमें कर्म करने का संदेश देती है, आलस्य का त्याग करने का संदेश देती है। अक्रमणता को त्याग कर कर्म करने से जीवन स्वस्थ होता है। उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि वे श्रीमद्भगवद्गीता को माता मानते थे। उनका कहना था कि जन्म देने वाली मां तो नहीं रही लेकिन संकट के समय गीता मां जरुर उनका मार्गदर्शन करती है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमें श्रीमद्भगवद्गीता का घर-घर और गांव-गांव में प्रचार व प्रसार करना चाहिए, ताकि लोग गीता के उपदेशों को अपने आचरण में ढाल सकें।हरियाणा के राज्यपाल  बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गीता में धर्म और अध्यात्म का सार है। सही मार्गदर्शन किया जाए तो गीता विश्व को आतंकवाद जैसी बीमारी का भी समाधान दे सकती है। उन्होंने कहा कि विश्व में द्वंद एवं अराजकता फैल जाती है तो गीता से ही शांति लाई जा सकती है। इससे मनुष्य को पूर्ण संतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य यदि चुनौतियों और द्वंदो से घिरा हो और कर्तव्य के असमंजस्य में थक जाता हो तो उसका मार्गदर्शन के रूप में गीता हाथ पकड़ती है। गीता में विश्व की सभी संस्कृतियों का जीवन है। इसे बड़े बड़े वैज्ञानिकों ने भी माना है। विश्वव्यापी 75 भाषाओं में गीता का प्रकाशन हुआ है और इसकी स्वीकृति को प्रमाणिक किया गया है। उन्होंने कहा कि गीता के समान ऊंचा प्रेरणा परक कोई ग्रंथ नहीं है। गीता प्रेरणा देती है और असहाय जीवन में जान फूंकती है। यह किसी मजहब का नही मानव जीवन का सारांश है। हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के पहुंचने पर हरियाणा सरकार और हरियाणा की जनता की तरफ से हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि कर्मयोग की भूमि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में गीता जयंती की बेला पर राष्ट्रपति का हरियाणा में प्रथम आगमन अत्यंत शुभकारी है। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों से गीता जयंती महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में मनाया जा रहा है, इस आयोजन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति से उत्साह दोगुना हो गया है।मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि गीता में कर्मयोग का संदेश दिया गया है, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू कर्मयोग की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने साधारण परिवार में जन्म लेकर भी असाधारण उपलब्धि हासिल की, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। उनके लिए प्रारंभिक शिक्षा भी सपने के समान थी लेकिन उन्होंने सभी बाधाओं को पार किया और कॉलेज तक पहुंचने वाली अपने समाज की पहली बेटी बनीं। मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि यह उदाहरण है कि भारत में गरीब सपने भी देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता के पहले श्लोक में कुरुक्षेत्र को धर्मक्षेत्र की संज्ञा दी गई है। कुरुक्षेत्र में जल, थल और वायु तीनों मुक्ति प्रदाता हैं। कुरुक्षेत्र में निवास मात्र की इच्छा से मुक्ति मिल जाती है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश देने के लिए इसी स्थान को चुना। इस मोक्षदायनी धरा पर राष्ट्रपति का अभिनंदन है। 
हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा तीन परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि गरीब व वंचित को 25 मानकों के आधार पर स्वास्थ्य की निशुल्क जांच की जाएगी। इससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य लिया है। इस दिशा में लगातार काम जारी है, इसी कड़ी में सिरसा जिले में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ई-टिकटिंग व ओपन लूप टिकटिंग व्यवस्था शुरू करने वाला देश में पहला राज्य बन गया है। यह पहले प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के वन नेशन-वन कार्ड की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा ने भौतिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक व पौराणिक धरोहर को संजोया है। इसी दिशा में हरियाणा आगे बढ़ रहा है और कुरुक्षेत्र का विकास किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र को स्वदेश दर्शन योजना व कृष्णा सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। विद्यार्थियों को स्कूलों में गीता का अध्ययन करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम निरंतर प्रयासरत हैं कि हमारी महान संस्कृति की जीवन मूल्य नई व युवा पीढ़ी तक पहुंचे। इस मौके पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा बनाई गई हरियाणा की तीन विकास परियोजनाओं पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई गई। इसके साथ ही राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई स्मारिका गीता विशेषांक का विमोचन किया और राष्ट्रपति को पहली प्रति भेंट की। संगोष्ठी में  राष्ट्रपति ने निरोग योजना का शुभारंभ किया और कुरुक्षेत्र निवासी 60 वर्षीय नसीब सिंह एवं 3 वर्षीय के मोक्ष को निरोगी योजना कार्ड प्रदान किया। राष्ट्रपति ने ई-टिकटिंग व नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड का भी शुभारंभ किया और प्रधान सचिव  नवदीप सिंह विर्क ने पहली ई-टिकट व मोबिलिटी कार्ड राष्ट्रपति को सौंपा। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री  कंवरपाल, गीता मनीषी ज्ञानानंद स्वामी, महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान के महर्षि गोविंद गिरी महाराज ने भी अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती संगोष्ठी में अपने अमूल्य विचार प्रस्तुत किए। इस मौके पर अंबाला के सांसद  रतन लाल कटारिया,  खेल मंत्री  संदीप सिंह, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी,  विधायक  सुभाष सुधा,  नेपाल के एंबेसडर डॉक्टर शंकर प्रसाद शर्मा, मुख्य सचिव  संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य जी. अनुपमा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

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